बिल्डर्स ने एनसीआर से मोड़ा मुंह 6 महीने में सिर्फ 40 प्रोजेक्ट हुए रजिस्टर्ड
बिल्डर्स ने एनसीआर से मोड़ा मुंह 6 महीने में सिर्फ 40 प्रोजेक्ट हुए रजिस्टर्ड
यूपी भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) के चेयरमैन राजीव कुमार का कहना है कि यूपी में रियल एस्टेट (Real Estate) प्रोजेक्ट का बढ़ता रजिस्ट्रेशन नंबर घर खरीदारों की मांग के चलते बढ़ रहा है. यूपी (UP) में तेजी से बढ़ते हवाई अड्डा, रेल, रोड, मेट्रो रेल (Metro Rail) नेटवर्क, लॉजिस्टिक हब, फ्रेट कॉरीडोर और दूसरे सामान्य जरूरत का ढांचा बिल्डर्स को नए प्रोजेक्ट के लिए मजबूर कर रहा है. इसलिए अमरोहा, शाहजहांपुर, गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, फिरोज़ाबाद (Firozabad), ललितपुर जैसे शहर भी बिल्डर्स की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं.
नोएडा. एक बार फिर यूपी भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना-लाकडाउन के बाद से रियल एस्टेट (Real Estate) कारोबार पटरी पर लौट आया है. लेकिन बिल्डर्स ने एनसीआर (NCR) से मुंह मोड़ लिया है. इस साल की पहली छमाही में सिर्फ 34 फीसद प्रोजेक्ट ही एनसीआर के जिले गौतम बुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar), मेरठ और गाजियाबाद (Ghaziabad) के हिस्से में आए हैं. जबकि यूपी के नए और छोटे शहरों में बिल्डर्स कारोबार की संभावनाएं नजर आ रही हैं. जबकि साल 2021 की रिपोर्ट भी एनसीआर को मायूस करने वाली थी.
125 में से 42 प्रोजेक्ट एनीसीआर में बनेंगे
हाल ही में यूपी रेरा ने 2022 की पहली छमाही रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 6 महीने के अंदर 125 प्रोजेक्ट यूपी रेरा में रजिस्टर्ड कराए गए हैं. लेकिन 125 में से सिर्फ 34 फीसद प्रोजेक्ट ही एनसीआर से लगे गौतम बुद्ध नगर, मेरठ और गाजियाबाद के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं. करीब 42 प्रोजेक्ट नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत एनीआर के हिस्से में आए हैं.
जबकि साल 2021 में आई यूपी रेरा की एक और रिपोर्ट एनसीआर के खराब हालात को दर्शा रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक यूपी रेरा में 116 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए थे. इसमे से सिर्फ 33 प्रोजेक्ट एनसीआर के शहरों से दर्ज हुए थे. जबकि नॉन एनसीआर के शहरों से रजिस्टर्ड होने वाले प्रोजेक्ट का आंकड़ा 83 था.
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पटरी पर लौटने लगा है रियल एस्टेट कारोबार
कोरोना और लाकडाउन के चलते साल 2020 और 2021 में रियल एस्टेट कारोबार की हालत से हर कोई वाकिफ है. लेकिन नवंबर 2021 के बाद से अब रियल एस्टेट कारोबार एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगा है. इस बात की गवाही यूपी रेरा की हर 6 महीने पर आने वाली रिपोर्ट दे रही हैं. 2022 की पहली छमाही की रिपोर्ट भी उम्मीदों से भरी है. 2021 की पहली छमाही में यूपी रेरा में 100 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए थे.
जबकि इस साल की पहली छमाही में यह आंकड़ा 100 से बढ़कर 125 हो गया है. रियल एस्टेट में 125 के आंकड़े को अहम माना जा रहा है. इसमे सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट 75 फीसदी आवासीय हैं. बाकी बचे 25 फीसद में कमर्शियल और दूसरे प्रोजेक्ट हैं. यूपी रेरा के मुताबिक इस वक्त उनके यहां करीब 32 सौ प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं.
यह हैं वो जिले जहां बिल्डर्स को दिख रहा है कारोबार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ से बिल्डर्स की बेरुखी खासी चौंकाने वाली हैं. लेकिन साथ में यह बात भी चौंकाती है कि बिल्डर्स को यूपी के अमरोहा, शाहजहांपुर, गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, फिरोज़ाबाद, ललितपुर जैसे शहरों में रियल एस्टेट कारोबार की संभावनाएं भी नजर आ रही हैं. यही वजह है कि रियल एस्टेट कारोबार के लिहाज से नए और यूपी के इन छोटे शहरों में रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं. इसके साथ ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बरेली, प्रयागराज, आगरा और मथुरा जैसे टूरिज्म और दूसरी इंडस्ट्री वाले शहर अभी बिल्डर्स की पहली पसंद बने हुए हैं.
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Tags: NCR News, Noida news, Real estate market, UP RERAFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 09:02 IST