ट्विन टावर गिराने से पहले पाइप लाइन का 25 तो टावर का 100 करोड़ का हुआ बीमा
ट्विन टावर गिराने से पहले पाइप लाइन का 25 तो टावर का 100 करोड़ का हुआ बीमा
नोएडा (Noida), सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) में विस्फोटक लगाने का काम 60 लोगों की टीम करेगी. टीम में सात विदेशी और छह भारतीय (Indian) इंजीनियर होंगे. इसके अलावा 10 ब्लास्ट (Blast) करने वाले जो स्थानीय होंगे को भी टीम में शामिल किया गया है. बाकी हेल्पर को शामिल किया गया है. करीब 15-20 दिन तक टावर में बारूद लगाने का काम किया जाएगा.
नोएडा. सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने के लिए नोएडा पुलिस (Noida Police) ने अपनी एनओसी दे दी है. एनओसी के साथ पुलिस की ओर से कुछ शर्त भी लगाई गई हैं तो सुझाव भी दिए गए हैं. अब सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) की एनओसी आना बाकी है. लेकिन टावर को गिराने से पहले एडिफिस कंपनी ने ओएनजीसी (ONGC) की पाइप लाइन और पड़ोस में बने दो अन्य टावर को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कराया है. पाइप लाइन का 2.5 करोड़ रुपये में तो टावर का 100 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया है. गौरतलब रहे एनओसी (NOC) के चलते ही टावर में बारूद लगाने का काम तीन दिन लेट हो चुका है.
पलवल से पुलिस सिक्योरिटी में ऐसे आएगा विस्फोटक
सूत्रों की मानें तो एनओसी देने के बाद नोएडा पुलिस को अब एडिफिस कंपनी के पत्र का इंतजार है जिसमे वो विस्फोटक को पलवल से लाने का दिन बताएगी. उसके बाद पुलिस तय वक्त पर अपनी टीम कंपनी के इंजीनियरों के साथ भेजेगी. प्लान के मुताबिक एक गाड़ी में विस्फोटक होगा तो दूसरी गाड़ी में डेटोनेटर होंगे. दो अन्य गाड़ियों में कंपनी के इंजीनियर और पुलिस होगी. सुबह तड़के ही यह टीम पलवल से विस्फोटक लेकर निकलेगी और सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ने से पहले नोएडा में ट्वीन टावर तक पहुंच जाएगी. सुबह से शाम तक विस्फोटक लगाया जाएगा, और शाम को जितना विस्फोटक बचेगा उस फिर से पुलिस की निगरानी में वापस पलवल भेज दिया जाएगा. मतलब कि रोजाना जितना इस्तेमाल होगा उतना ही पलवल से लाया जाएगा.
टावर गिरने के बाद मलबे से तलाशा जाएगा विस्फोटक
नोएडा पुलिस ने एनओसी जारी करते हुए एडिफिस कंपनी को निर्देश दिए हैं कि टावर गिरने के बाद मलबे में विस्फोटक की तलाश की जाए. हो सकता है कि इस दौरान विस्फोटक की कोई एक-दो या ज्यादा छड़ काम करने से बच जाएं और मलबे में शामिल हो जाएं. इसलिए कंपनी खुद से मलबे की तलाश करे और संतुष्ट होकर रिपोर्ट दे कि मलबे में कोई विस्फोटक नहीं है.
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पुलिस ने कंपनी को यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर टावर में विस्फोट के दौरान किसी भी तरह की जनहानि होती है तो उसकी भरपाई कंपनी करेगी. इसी को देखते हुए कंपनी ने ट्विन टावर के नीचे से जा रहे ओएनजीसी की गैस पाइप लाइन का 2.5 करोड़ रुपये का बीमा कराया है. इसी तरह से पास में ही बने एटीएस और एमराल्ड टावर का 100 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया है. दोनों बीमे की पॉलिसी भी एडिफिस कंपनी को मिल गई हैं.
टावर गिराने के लिए ऐसे लगाया जाएगा विस्फोटक
टावर गिराने के लिए बिल्डिंग के कॉलम और बीम में विस्फोटक भरे जाते हैं. कॉलम और बीम को वी शेप में काटा जाता है. फिर उसके अंदर विस्फोटक की छड़ रख दी जाती है. विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है. लेकिन उसके बाद 4-4 फ्लोर का गैप देकर जैसे दूसरे के बाद 6 पर और 6 क बाद 10, 14, 18 और 22वें जानकारों की मानें तो किसी भी हाईराइज बिल्डिंग को गिराने के लिए उसके कॉलम और बीम में फ्लोर पर विस्फोटक भरा जाएगा. सूत्रों की मानें तो इसके लिए पूरी बिल्डिंग में करीब 7 हजार छेद किए जाएंगे.
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Tags: Blast, Explosion, Noida Police, Supertech twin towerFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 07:53 IST