आजम खान ने क्यों कहा- सिकंदर तो हम हुए नहीं मदारी के बंदर जरूर हो गए देखें VIDEO
आजम खान ने क्यों कहा- सिकंदर तो हम हुए नहीं मदारी के बंदर जरूर हो गए देखें VIDEO
Azam Khan News: सपा नेता आजम खान ने कहा कि हमारी पार्टी सपा की सरकार तो यूपी में बनी नहीं, जो जीता वो सिकंदर, सिकंदर तो हम हुए नहीं, बंदर हो गए. कभी रामपुर कोर्ट में, कभी मुरादाबाद में, कभी मुंबई और कभी लखनऊ के चक्कर लगा रहे हैं. मदारी के बंदर हो गए हैं.
हाइलाइट्सओमप्रकाश राजभर को लेकर आज़म खान ने कहा कि अब सपा इतनी कमजोर भी नहीं है, यहां से जो गया वो गया.समाजवादी पार्टी एक विचारधारा भी है. और एक पुराना संघर्ष का नाम भी है, फूंकने से ये चिराग बुझाया नहीं जाएगा.
मुरादाबाद. सपा नेता आजम खान अपने बयानों को लेकर इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं. आज यानि गुरुवार को मुरादाबाद के थाना छजलैट में 2008 में दर्ज एक मामले में सपा नेता आज़म खान अपने बेटे अब्दुल्ला आज़म के साथ मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से बाहर आने के बाद आज़म खान से जब मीडिया ने सवाल किया कि विपक्ष के तौर पर सबसे ज्यादा वोट तो सपा को मिले.
इस पर आज़म खान बोले, “सरकार तो नहीं बनी, जो जीता वो सिकंदर, सिकंदर तो हम हुए नहीं, बंदर हो गए. देखो… कभी रामपुर कोर्ट में, कभी मुरादाबाद में, कभी मुम्बई में, कभी लखनऊ में तो कभी फिरोजाबाद घूम रहे हैं. मदारी के बंदर हो गए हैं हम.”
बता दें कि कुछ दिन पहले उन्होंने लखनऊ के लुलु मॉल को लेकर अजीब तरीके का बयान दिया था, कहा था कि हमें लुलु, टुलु, टोलो नहीं देखना है. इस पर काफी चर्चा हुई थी.
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लुलु मॉल को लेकर कहा- सारा विवाद उसी ने खड़ा करवाया है…
वहीं आज़म खान ने लखनऊ के लुलु मॉल वाले बयान को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने कहाकि वह माॅल बना रहा है, वही उसका नाम रखने वाला भी है, वह आरएसएस का फ़ंडरेजर है, उसने मॉल बनाया है, नमाज़ी भी वही लाया था, विवाद भी उसी ने खड़ा किया, उसे इसका नाम बदलना चाहिए, लेकिन वो नाम नही बदलेगा, क्योंकि वो इस नाम से कमा रहा है.
सपा इतनी भी कमजोर पार्टी नहीं है…
ओमप्रकाश राजभर को लेकर पूछे गए सवाल पर आज़म खान ने कहा कि अब सपा इतनी कमजोर भी नहीं है, यहां से जो गया वो गया, किसी ऐसे राजनैतिक दल से जो अपने में खुद एक पहचान हो उससे व्यक्तियों की पहचान तो होती है, लेकिन व्यक्तियों से उसकी पहचान नहीं होती, समाजवादी पार्टी एक विचारधारा भी है. और एक पुराना संघर्ष का नाम भी है, फूंकने से ये चिराग बुझाया नहीं जाएगा.
जब उनसे पूछा गया कि 2024 में इसका कोई असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा पड़ता तो हर गली का नेता पार्टी खत्म कर देता.
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FIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 19:13 IST