25 जून 1975 जब 18 साल के युवक पर लगा मीसा पांव के नाखून प्लास से खींचकर निकाले
25 जून 1975 जब 18 साल के युवक पर लगा मीसा पांव के नाखून प्लास से खींचकर निकाले
मेरठ के शख्स ने बताई इमरजेंसी के दौर की कहानी. कहा आज भी उस दौर को याद कर सिहर उठते हैं, लगता है मानो कल की ही बात हो. इस दौरान जेल में बंद लोगों को यातनाएं दी गईं.
मेरठ. 25 जून 1975 की तारीख वो तारीख है जिस दिन भारत में इमरजेंसी के दौर की शुरुआत हुई थी. 21 महीने तक देश ने आपातकाल देखा. इमरजेंसी की प्रताड़ना झेलने वाले जब उस दौर को याद करते हैं तो आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. मेरठ के एक शख्स तो इमरजेंसी के दौर को याद कर सिहर उठते हैं. वो कहते हैं कि इमरजेंसी के दौरान उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया था कि आज भी उनके शरीर पर उसके निशां बाकि हैं.
25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक देश ने इमरजेंसी का दौर देखा. अब भी हर वर्ष जब 25 जून की तारीख आती है तो लोग यादों के गलियारों में खो जाते है. मेरठ के रहने वाले एक शख्स तो इमरजेंसी के दौर को याद कर आज भी सिहर उठते हैं. प्रदीप चंद कंसल बताते हैं कि उन पर तो मात्र 18 साल की उम्र में मीसा यानि मेंटिनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट लगा दिया गया था. प्रदीप चंद कंसल आज बुज़ुर्ग हो चुके हैं. लेकिन आज भी वो इमरजेंसी के दौर को याद करते हैं तो उनके लिए मानों कल की बात हो. इमरजेंसी के काले दौर में वो तकरीबन सवा साल तक जेल में रहे. भारतीय लोकतंत्र रक्षक सेनानी समिति के अध्यक्ष प्रदीप चंद कंसल जी बताते हैं कि उन्हें इतनी यातना दी गई थी कि उनके पैर के एक नाखून को प्लास से खींचकर निकाल दिया गया था. ये नाखून आज तक नहीं आया.
जेल के अंदर और जेल के बाहर प्रदीप चंद कंसल ने जो प्रताड़ना झेली उसके बारे में बात करते करते उनकी आंखें आज भी नम हो जाती हैं. आपातकाल के दौर की याद करते हुए राजेश गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने तकरीबन 98 दिन जेल में गुजारे. वो बताते हैं कि उस दौरान घर के घर खाली हो गए थे. पूरा भारत जेल खाना बन गया था. राजेश गुप्ता का कहना है कि मेरठ कॉलेज से सत्याग्रह करने की सजा उन्हें जेल में डालकर दी गई थी.
वहीं इतिहास विभाग के प्रोफेसर विघ्नेश त्यागी कहते हैं कि उस दौरान एक छात्र नेता को इतना पीटा गया था कि गर्मी के दिनों में भी जब वो सोते थे तो कंबल लेकर सोते थे. प्रोफेसर बताते हैं कि इमरजेंसी के दौर में प्रताड़ित किए गए अधीष श्रीवास्तव जी तो अब इस दुनिया में नहीं रहे. लेकिन जब वो थे तो वो इमरजेंसी के दौर में हुए ज़ुल्म की बातें उनसे शेयर किया करते थे.
गौरतलब है कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी. हर 25 जून को इमरजेंसी के दौर को याद कर लोग आज भी सिहर उठते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 00:02 IST