दुकानों पर नेम प्लेट अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बोले- सीएम योगी ने हमेशा ही
दुकानों पर नेम प्लेट अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बोले- सीएम योगी ने हमेशा ही
Name Boards on Kanwar Route Controversy : यूपी सरकार ने पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है. यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अभिषेक राय. मऊ. मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य के लिए ऐसा ही आदेश जारी किया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों ने योगी सरकार के फैसले को गलत बताया है. इसी बीच, यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ‘पूरे प्रदेश में कावड़ मार्गों की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के यूपी सरकार के फैसले पर यूपी सरकार के अल्प संख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ताजिये का जूलुस भी उत्तर प्रदेश कि सरकार ने सकुशल संपन्न कराया. आने वाले समय में कावड़ यात्रा है. उसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने जो जरूरी चीजें होनी चाहिए, उनके लिए निर्देशित किया है.’
अंसारी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश जो हमारे अल्पसंख्यक भाई है या बहु संख्यक भाई हैं, ये सब समाज में परस्पर तालमेल बैठाते हुए समाज को विकास कि तरफ आगे ले जाएं, इस नीयत के साथ हमारी प्रदेश सरकार काम कर रही है. योगी सरकार ने हमेशा चाहे कोई भी किसी जाति-धर्म मजहब का कोई भी त्योहार हो उसको सुचारू रूप से धरातल पर आनंदित भाव से मना सके, इस नीयत से योगी सरकार ने काम किया है. योगी सरकार ने हमेशा सकारात्मक भाव से प्रदेश के भाईचारे के लिए काम किया है. इसमे कहीं हिन्दू-मुस्लिम की बात नहीं है. आने वाले समय में कावड़ यात्रा भी अच्छे से होगी.’
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा था, ‘जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. यहां लगभग 240 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है. मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है. यह इसलिए जरूरी है, ताकि किसी कांवड़िये के मन में कोई भ्रम न रहे.’
उन्होंने कहा था, ‘ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम न हो और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो. सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं.’
मेरठ के बाट-माप विभाग के प्रभारी वी के मिश्रा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार, प्रत्येक रेस्टोरेंट या ढाबा संचालक के लिए फर्म का नाम, अपना नाम और लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है. उनके अनुसार ‘जागो ग्राहक जागो’ योजना के तहत नोटिस बोर्ड पर मूल्य सूची भी लगाना अनिवार्य है.
Tags: Mau news, UP news, UP politicsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 19:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed