CM योगी की कुर्सी पर अखिलेश क्यों साधते हैं बार-बार निशाना केजरीवाल ने भी

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पूरे देश में डंका बज रहा है. लकिन, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को क्यों लगता है कि उनकी सीएम की कुर्सी बहुत जल्द ही जाने वाली है? पढ़ें यह रिपोर्ट...

CM योगी की कुर्सी पर अखिलेश क्यों साधते हैं बार-बार निशाना केजरीवाल ने भी
नई दिल्ली. ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बीजेपी नेताओं को भी लग रहा है कि सीएम योगी की इसी स्लोगन से बीजेपी की महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में बमबम होने वाली है. लेकिन, पहले ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और अब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सीएम योगी की कुर्सी जाने को लेकर बयान क्या दे दिया खुद ही घिर गए. अखिलेश यादव ने कुंदरकी की सभा में सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री पढ़े-लिखे नहीं है. इसलिए वो पीडीए की भी गलत फुल फॉर्म बता रहे हैं. जल्द ही उनकी कुर्सी भी जाने वाली है. महाराष्ट्र चुनाव के बाद दिल्ली वाले उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे.’ अखिलेश यादव की तरह ही दिल्ली के पूर्व मख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी बीते लोकसभा चुनाव में जेल से बाहर आने के बाद इसी तरह का बयान दिया था. नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका. ऐसे में अखिलेश यादव यूपी की 9 विधानसभा सीटें जीतने के लिहाज से सीएम योगी की कुर्सी जाने की बात बोलकर माइंड गेम खेलने का काम किया है, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति हो जाए. अखिलेश यादव ने क्यों खेला माइंड गेम? हालंकि, ये अलग बात है कि अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल के तमाम कोशिशों के बावजूद सीएम योगी फेविकोल की तरह यूपी के सीएम की कुर्सी पर पिछले 7 सालों से चिपके हुए हैं. अखिलेश यादव के लाख नैरिटिव बनाने के बाद भी सीएम योगी बीजीपी आलाकमान की पहली पसंद बने हुए हैं. योगी के नेतृत्व में यूपी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है. लेकिन, योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाला बयान आने के बाद विपक्षी पार्टियों को लगने लगा है कि यह स्लोगन कहीं नुकसान न पहुंचा दे. इसलिए अखिलेश यादव ने अब एक नया नैरिटिव सेट करने का प्रयास किया है. क्या अखिलेश यूपी में माहौल बनाना चाह रहे हैं? बीजेपी नेताओं की राय में योगी ने इस स्लोगन के जरिए दरअसल समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों की जातिगत राजनीति के झांसे में न फंसने का संदेश दिया है. वे ये जताना चाहते हैं कि हिंदू वोटरों को जातिगत भेदभाव भुला कर बीजेपी के साथ एकजुट रहना चाहिए. वैसे भी लोकसभा के बीते चुनावों में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ मिल कर बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है. इस बार राज्य में हो रहे उपचुनाव योगी की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है. ऐसे में अखिलेश यादव ने माइंड गेम खेलकर राजपूत वोटरों मे बिखराव करने का प्रयास किया है. उपचुनाव में नतीजा बेहतर न आए तो क्या होगा? योगी ने यूपी की 9 सीटों पर जोरदार चुनाव प्रचार अभियान चलाया है. इन चुनावों में बीजेपी को जिताने के लिए योगी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. ये भी माना जा रहा है कि योगी देश के अलग अलग हिस्सों में जो भाषण और नारे दे रहे हैं उसका मकसद भी यूपी के मतदाताओं को अपनी ताकत का संदेश देना है. विपक्षी पार्टियां भी योगी के नारों का ऐसा जवाब नहीं दे पा रही हैं या फिर जवाब दे रही है तो कुछ ऐसे नारे गढ़ रही हैं, जिससे योगी का ही प्रचार हो रहा है. अरविंद केजरीवाल के बाद अखिलेश ने क्यों छोड़ा नया शिगुफा? झारखंड और महाराष्ट्र में अखिलेश या अरविंद केजीरवाल का बहुत कुछ दांव पर नहीं है. अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में ही अपनी ताकत दिखानी है. वहीं, अखिलेश यादव के लिए आने वाली 20 तारीख को उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर ताकत दिखानी है. ऐसे में अखिलेश यादव का यह दांव कितना कारगर साबित होगा यह नतीजे के बाद ही पता चलेगा. Tags: Akhilesh yadav, Arvind kejriwal, CM Yogi Adityanath, UP newsFIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 19:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed