तो इसलिए कांप रहा पाकिस्तान AI हाइपरसोनिक मिसाइल कैसे भारत बढ़ा रहा ताकत

India Defense Power: भारत ना सिर्फ अपनी सेना को AI तकनीक से लैस कर रहा है, बल्कि हथियारों को भी आधुनिक बनाने पर काम कर रहा है और यही चिंता पाकिस्तान को खाए जा रही है. हाइपरसोनिक बैलिस्टिर मिसािल की दिशा में भारत लगातार प्रगति कर रहा है.

तो इसलिए कांप रहा पाकिस्तान AI हाइपरसोनिक मिसाइल कैसे भारत बढ़ा रहा ताकत
नई दिल्ली. भारत की हाइपरसोनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल्स (एमआइआरवी) और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) सिस्टम्स में तेजी से प्रगति हो रही है, जो कि बेहद चिंता का विषय है. इस्लामाबाद के क़ायदा-ए-आज़म विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशंस के डिफेंस एनालिस्ट प्रोफेसर डॉ. ज़फर नवाज़ जसपाल ने हाल ही में भारत के डिफेंस को लेकर अपनी राय जाहिर की. मीडिया से बात करते हुए, डॉ. जसपाल ने कहा कि नेक्स्ट जेनरेशन की डिफेंस टेक्नोलॉजी में भारत के निवेश से क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन बदल सकता है और सुरक्षा तनाव बढ़ सकता है. जसपाल के अनुसार, भारत जिस तरह से हाइपरसोनिक मिसाइलों को तैयार करने में अपना कमिटमेंट दिखा रहा है, वह उसकी रक्षा क्षमताओं में एक बेहद अहम छलांग है. हाइपरसोनिक मिसाइलें, जो आवाज की गति से 5 गुणा अधिक रफ्तार से दूरी तय कर सकती हैं, अपनी स्पीड के कारण कन्वेंशनल मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं. भारत ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) के सफल परीक्षण किए हैं, जो ऑपरेशनल हाइपरसोनिक हथियार प्रणालियों को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हाइपरसोनिक मिसाइलें, एक बार पूरी तरह से विकसित हो जाने पर, भारत की तुरंत, सटीक और खुद की हिफाजत में हमले करने की ताकत को काफी बढ़ा देंगी, जिससे उसके क्षेत्रीय पड़ोसियों में चिंता बढ़ गई है. हाइपरसोनिक मिसाइलों की दिशा में आगे बढ़ने के अलावा, जसपाल ने यह भी बताया कि भारत कैसे सेना में एआई इंटीग्रेशन पर अपना सारा जोर लगा रहा है. एआई से लैस सिस्टम कई तरीके से फायदेमंद होती है, जैसे बेहतर डेटा एनालिसिस और डिसिजन-मेकिंग से लेकर आक्रामक-रक्षात्मक कार्रवाई में ऑटोनॉमस सिस्ट्म्स. उन्होंने कहा कि एआई में भारत के निवेश से ऑटोनॉमस व्हीकल्स, सर्विलांस सिस्ट्म्स और साइबर सिक्योरिटी में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है, जिससे उसका डिफेंस स्ट्रक्चर और मॉडर्न हो जाएगा. इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एनालिस्ट ने भारत के मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) क्षमताओं के विकास पर भी चिंता जताई है. एमआईआरवी टेक्नोलॉजी एक ही बैलिस्टिक मिसाइल को कई परमाणु वॉरहेड्स ले जाने की इजाजत देती है, जिनमें से प्रत्येक को अलग-अलग टारगेट पर निशाना साधा जा सकता है. भारत की अग्नि-VI, जो सफल अग्नि मिसाइल सीरीज का विस्तार है, के बारे में अफवाह है कि इसमें एमआईआरवी क्षमताएं हैं, हालांकि आधिकारिक स्रोतों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है. अगर इसे तैयार कर लिया गया, तो एमआईआरवी से लैस मिसाइलें भारत की परमाणु रोकथाम (डिटेरनेंस) क्षमता को बढ़ाएंगी, पड़ोसी देशों के लिए रक्षात्मक रणनीतियों को जटिल बनाएंगी और भारत के स्ट्रैटेजिक मिसाइल प्रोग्राम में एक नया आयाम जोड़ेगी. भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) प्रोग्राम, जो आने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए बनाया गया है, क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में भी योगदान देता है. भारत ने अपने दो-स्तरीय बीएमडी सिस्टम में लगातार प्रगति की है, जो उच्च ऊंचाई (एक्सो-एटमॉस्फेरिक) और निम्न ऊंचाई (एंडो-एटमॉस्फेरिक) पर आने वाले खतरों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है. बीएमडी सिस्टम के सफल परीक्षणों ने इसकी क्षमता को साबित किया है, और एक बार तैनात होने के बाद, यह भारत को आने वाली मिसाइल खतरों के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे उसकी रक्षा स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी. डॉ. जसपाल का यह बयान यह साफ तौर पर दिखाता है कि भारत की रक्षा आधुनिकीकरण को लेकर पाकिस्तान कितना परेशान है. जैसे-जैसे भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता जा रहा है, पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ भारत की तकनीकी प्रगति पर करीबी नजर रखने की आवश्यकता पर जोर देते हैं. कई लोगों का मानना है कि ये प्रगति क्षेत्र में हथियारों की दौड़ को जन्म दे सकती है क्योंकि पड़ोसी देश भारत की बढ़ती क्षमताओं का मुकाबला करने के लिए कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे. हालांकि, भारतीय रक्षा अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि हथियारों को लेकर जो कुछ भी हो रहा है, उसका एकमात्र मकसद किसी भी दुश्मन देश के हमले को रोकना है और जटिल भू-राजनीतिक वातावरण में अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा पर केंद्रित है. भारत के लिए, अपनी रक्षा तकनीक को मजबूत करना क्षेत्रीय और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए जरूरी माना जाता है. FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 19:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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