Gobar Dhan Yojana: अब गोबर गैस से पकेगा मिड-डे मील अलीगढ़ के इस इलाके में लगा पहला प्लांट
Gobar Dhan Yojana: अब गोबर गैस से पकेगा मिड-डे मील अलीगढ़ के इस इलाके में लगा पहला प्लांट
Gobar Dhan Yojana: अलीगढ़ में केंद्र सरकार की गोवर्धन योजना के तहत पहला गोबर गैस प्लांट चंडौस ग्राम पंचायत के ओवर नगला राजू में स्थापित किया गया है. इससे बनने वाली गैस से मिड-डे मील पकाने की योजना है. जानें कैसे बनती है गोबर से गैस?
रिपोर्ट: वसीम अहमद
अलीगढ़. गोवर्धन योजना (Gobar Dhan Yojana) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत गांवों में बायो गैस प्लांट बनाकर लोगों को गैस, खाद और रोजगार देने का प्लान है. इसको लेकर अलीगढ़ जिले में एक नया प्रयोग होने वाला है. यहां के स्कूलों में अब गोबर गैस से मिड-डे मील पकाने की योजना पर काम चल रहा है. इसके लिए विभाग की ओर से इसका ट्रायल पूरा कर लिया गया है. वहीं, इस योजना को शुरू करने से पहले जो थोड़ी बहुत तकनीकी खामियां हैं, उनको दूर करने का प्रयास चल रहा है. इस प्लांट से हर दिन करीब 150 से 170 घर मीटर गैस का उत्पादन होगा.
गोबर गैस प्लांट का संचालन ग्रामीण इलाकों की सहायता समूह द्वारा किया जाएगा. जल्द ही इसका शुभारंभ होगा. दरअसल स्कूलों तक इसकी पाइपलाइन बिछेगी जिससे मिड-डे मिल पकेगा. गोबर गैस प्लांट में 85–85 घन मीटर के दो यूनिट का निर्माण कराया गया है. इसके माध्यम से गोबर गैस बनेगी.
जानिए कितनी गैस का होगा उत्पादन?
जानकारी के मुताबिक 1 टन गोबर में प्रतिदिन करीब 150 से 170 घन मीटर गैस का उत्पादन होगा. तकरीबन एक माह में 5100 मीटर गैस का उत्पादन होगा. इसका प्रयोग गौशाला और समीप के परिषदीय स्कूल में किया जाएगा. खाना पकाने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी होगी. वहीं गोबर का सही ढंग से इस्तेमाल भी होगा. प्लांट से निकले गोबर के अपशिष्ट से जैविक खाद तैयार की जाएगी. किसानों में इसकी बिक्री की जाएगी, जिससे प्रदूषण दूर होगा और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.
ओवर नगला राजू में स्थापित है प्लांट
मुख्य विकास अधिकारी अंकित खंडेलवाल ने बताया कि, गोवर्धन योजना के तहत अलीगढ़ जिले में पहला गोबर गैस प्लांट चंडोस के ग्राम पंचायत ओवर नगला राजू में स्थापित किया गया है. प्लांट का काम पूरा कर लिया गया है. 1 दिन में लगभग 200 बच्चों का खाना एमडीएम के तहत पकाया जाएगा.वहीं, पाइपलाइन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गौशाला से विद्यालय तक लगभग 800 मीटर की पाइप लाइन बिछाई गई है, ताकि स्कूल की रसोई तक गैस पहुंच सके.
जानिए कैसे बनती है गोबर से गैस?
सबसे पहले तो प्लांट में गोबर पहुंचाया जाता है. प्लांट में गोबर पहुंचने के बाद उसमें डाइजेस्टर डाला जाता है. डाइजेस्टर डालने के बाद ऑटोमेटिक गैस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. यह गैस एक टैंक में पहुंचती है. स्टोर गैस को पाइप लाइन के जरिए सप्लाई किया जाता है.
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Tags: Aligarh news, Central government, Mid Day Meal, UP Government SchoolFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 14:05 IST