Quad Summit 2024: चीन की दबोचेंगे गर्दन क्वाड देशों ने कर ली पूरी तैयारी

चीन के एनर्जी ट्रेड रूट के 80% हिस्से को प्रभावित करने की तैयारी में क्वाड के सदस्य राष्ट्र. चीन के फ्रीडम ऑफ नेविगेशन को काफी हद तक रोकने की तैयारी की जा रही है. इसी को देखते हुए क्वाड देश 8 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी में मालाबार नौसेना अभ्यास आयोजित करने जा रहे हैं.

Quad Summit 2024: चीन की दबोचेंगे गर्दन क्वाड देशों ने कर ली पूरी तैयारी
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में क्वाड की बैठक से वापस लौट आए हैं. इस बैठक में सदस्य देशों के बीच कई बातों पर सहमती हुई. इसी सहमती से क्वाड सदस्य देशों के बीच 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच मलाबार युद्ध अभ्यास होने जा रहा है. यह नौसेना अभ्यास चीन की लाईफ लाइन एनर्जी ट्रेड रूट (समुद्री रूट) को प्रभावित करने के लिए हो रहा है. समुद्र में चीन अपनी दादागिरी चला रहा है. इसे रोकने के लिए ही क्वाड समूह बनाया गया है. दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन हमेशा से दावा करता रहा है और अपने हिसाब से किसी भी क्षेत्र में प्रवेश करते रहता है. साल 2017 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड का गठन किया था. क्वाड के चारों देश रणनीतिक और कूटनीतिक तौर पर चीन के आक्रामकता के खिलाफ एकजुट हैं. इसी क्रम में चारों देशों की नौसेना बंगाल की खाड़ी में नौ सेना अभ्यास मलाबार-24 आयोजित करने जा रही हैं. यह अभ्यास 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच विशाखपत्तनम के पास बंगाल की खाड़ी में चलेगा. इसी के पास से चीन के एनर्जी ट्रेड रूट का 80% हिस्सा गुजरता है. यह अभ्यास दो चरण में आयोजित होगा. पहला हर्बर फेज जहां अभ्यास की रणनीति और चुनौतियों पर चर्चा होगी. तो दूसरा सी-फेज, इसमें उन रणनीतियों को वास्तविक यद्ध अभ्यास की शक्ल दी जाएगी. भारतीय नौसेना के इस्टर्न नेवल कमॉड ने बताया कि नेवी के सभी असेट को अभ्यास होंगे. इस बार अमेरिका अपने एयरक्राफ़्ट कैरियर को मलाबार अभ्यास में लेकर नहीं आ रहा है. लंबी दूरी तक टोह लेने वाली P8i को लेकर चारों देश अभ्यास में शामिल रहेंगे. इस अभ्यास में डेस्ट्रायर, मध्यम आकार के युद्धपोत फ्रिगेट, मिसाइल बोट, हैलिकॉप्टर, सपोर्ट वेसेल और सबमरीन एक साथ मिलकर नौसैन्य अभ्यास को अंजाम देंगे. इस मल्टी नेशनल अभ्यास में सभी देशों की नौसेना एडवांसड सर्फेस एंड सबमरीन वॉरफेयर अभ्यास और लाइव फायरिंग ड्रिल को अंजाम देंगे. इस अभ्यास में सभी देशों की नौसेना के बीच रैपिड डिप्लॉयमेंट की तालमेल का भी अभ्यास करेंगे. चीन को फ्रिडम ऑफ नेविगेशन मिला हुआ है. कहा जा रहा है कि वह इसका गलत इस्तेमाल एनर्जी ट्रेड के लिए कर रहा है. इस रूट का 80 फीसद हिस्सा मलक्का स्ट्रेट से होकर गुजरता है. इसी को चोक करने के लिए क्वाड राष्ट्र की समूह बनाया गया है. अगर इन देशों ने चीन के इस ट्रेड रूट को ब्लॉक कर देते हैं. तब चीन के पास ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्से से होकर जाने के आलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. हालांकि चीन को यह काफी महंगा पड़ने वाला है. तब वह किसी अलटर्नेट रूट पर विचार कर सकता है. वहीं, क्वाड के देशों के बीच लॉजिस्टिक और सैन्य अग्रीमेंट भी हैं. इसमें इन देशों की नौसेना एक दूसरे के पोर्ट या नौसैन्यअड्डों पर जा सकते है. इंधन से लेकर रिपेयर और अन्य तरह की सुविधाएं ले सकते है. इसी जरिए चीन के मैरिटाइम सिल्क रूट तोड़ा भी जा सकता है. Tags: China, QUAD MeetingFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 14:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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