क्या आपने कभी सोचा है अखबारों में ये रंगीन डॉट क्यों होते हैं जानिए

Coloured dots in newspapers: अखबार के पन्नों पर नजर आने वाले चार रंगीन बिंदु CMYK प्रिंटिंग मॉडल का हिस्सा होते हैं, जो सही रंगों के संरेखण को सुनिश्चित करते हैं.

क्या आपने कभी सोचा है अखबारों में ये रंगीन डॉट क्यों होते हैं जानिए
आज के डिजिटल युग में जब अधिकतर लोग डिजिटल रूप से समाचार पढ़ना पसंद करते हैं, तब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अखबारों पर निर्भर रहते हैं. उनके लिए, सुबह की शुरुआत चाय और अखबार के बिना अधूरी होती है. समय के साथ अखबारों में काफी बदलाव आया है, जैसे उनके कंटेंट और लेआउट में, लेकिन कुछ बातें अब भी वैसे की वैसी बनी हुई हैं. अखबार के पन्नों पर रंगीन बिंदुओं का रहस्य जब आप अखबार पढ़ते हैं, तो आपने उसके पन्नों के नीचे चार छोटे रंगीन घेरे जरूर देखे होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि ये बिंदु वहां क्यों होते हैं और इनका उद्देश्य क्या है? ये रंगीन बिंदु हर पन्ने के नीचे होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये किस लिए होते हैं? रंगीन बिंदुओं का उद्देश्य ये घेरे प्रिंटिंग प्रक्रिया के दौरान सही रंगों के संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए होते हैं. आपको याद होगा कि आपने प्राथमिक रंगों के बारे में सुना होगा: लाल, पीला और नीला, जिन्हें अन्य रंगों को मिलाकर नहीं बनाया जा सकता. हालांकि, इन तीनों रंगों को मिलाकर कई प्रकार के रंग बनाए जा सकते हैं. प्रिंटिंग तकनीक में इस सिद्धांत का पालन किया जाता है, जिसमें काले रंग को चौथे रंग के रूप में जोड़ा जाता है. CMYK मॉडल का महत्व अखबारों में जो चार रंगीन बिंदु होते हैं, वे CMYK मॉडल का प्रतिनिधित्व करते हैं. ‘C’ का मतलब है Cyan (नीला), ‘M’ का मतलब है Magenta (गुलाबी), ‘Y’ का मतलब है Yellow (पीला), और ‘K’ का मतलब है Black (काला). CMYK मॉडल अखबारों में रंगीन चित्रों और हेडलाइनों को छापने के लिए महत्वपूर्ण होता है. प्रिंटिंग प्रक्रिया के दौरान, इन चार रंगों के लिए अलग-अलग प्लेट्स का उपयोग किया जाता है. इन प्लेट्स का सही तरीके से संरेखण होना जरूरी है, ताकि चित्र साफ और जीवंत बनें. अगर प्लेट्स सही से संरेखित नहीं होतीं, तो छपे हुए चित्र धुंधले या गलत रंग में दिखाई दे सकते हैं. यह प्रक्रिया सिर्फ अखबारों तक सीमित नहीं है यह प्रक्रिया केवल अखबारों तक ही सीमित नहीं है; इसका इस्तेमाल किताबों और मैगजीन में भी किया जाता है. CMYK रंग मॉडल को पहली बार 1906 में Eagle Printing Company द्वारा पेश किया गया था, और तब से यह प्रिंटिंग उद्योग में एक मानक बन चुका है. इस प्रकार, यह छोटे रंगीन बिंदु न केवल अखबारों का हिस्सा हैं, बल्कि वे प्रिंटिंग प्रक्रिया में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपकरण भी हैं Tags: Explainer, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 18:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed