कहां रखा जाएगा जगन्नाथ मंदिर का खजाना कैसे होगी रत्नों-आभूषणों की गिनती
46 साल बाद पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खोले गए हैं. आभूषणों को संदूक में भरा जाएगा और बाद में उनकी गिनती की जाएगी. लेकिन ये रत्न कहां रखे जाएंगे, कौन करेगा गिनती. आइए जानते हैं पल-पल का अपडेट.
सुनार और एक्सपर्ट करेंगे परीक्षण
मंदिर के मुख्य प्रशासक ने बताया कि रत्नों को गिनने और उनकी पहचान करने का काम आज शुरू नहीं होगा. सुनार और अन्य एक्सपर्टों की नियुक्ति की जाएगी. सरकार उन्हें देखने की मंजूरी देगी, उसके बाद ही खजाने की गिनती की जाएगी. हमारी पहली प्राथमिकता खजाने की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. जब रत्न भंडार का पुननिर्माण हो जाएगा तो खजाने को फिर वापस लाया जाएगा और वहीं पर गिनती की जाएगी. रत्न-आभूषणों को ले जाने के लिए सागौन की लकड़ी से बनी संदूक मंगाई गई है. इसकी लंबाई 4.5 फीट, ऊंचाई 2.5 फीट और चौड़ाई 2.5 फीट है. इसके अंदर पीतल की कोटिंग की गई है, ताकि रत्न खराब न हों. संदूक बनाने वाले एक कर्मचारी ने कहा, हमें मंदिर प्राधिकरण ने 12 जुलाई तक 15 पेटियां बनाने को कहा था, लेकिन बाद में इसे घटाकर 6 पेटियां कर दी गई हैं. हमने सभी संदूक तैयार कर लिए हैं.
तीन एसओपी तैयार
पाधी ने कहा, हमें तीन एसओपी तैयार किए हैं. पहला-रत्नभंडार खोलने के लिए, दूसरा-अस्थायी रत्न भंडार बनाने के लिए और तीसरा, कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए. सरकार ने रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों का एक डिजिटल कैटलॉग तैयार करने का फैसला किया है. इसमें उसका वजन और बनावट जैसे विवरण होंगे. पाधी ने कहा, आंतरिक कक्ष के खुलने के बाद, जिसकी मूल चाबी गायब थी, उसे सील कर दिया जाएगा और नई चाबी कलेक्टर की देखरेख में जिला कोषागार में रखी जाएगी.
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