एक बीघा में 2 लाख की कमाई इस फसल की खेती ने किसान को किया मालामाल

किसान बृजेंद्र मोहन ने धान गेंहू की फसलों को छोड़कर शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब आधे एकड़ में शिमला की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपये मुनाफा एक फसल पर हो रहा है.

एक बीघा में 2 लाख की कमाई इस फसल की खेती ने किसान को किया मालामाल
बाराबंकी: गर्मी व बरसात के सीजन में सब्जी की खेती कर किसान अच्‍छा फायदा कमा सकते हैं. जून और जुलाई के बीच प्रमुख रूप से शिमला मिर्च करेला लौकी और तरोई सब्जियों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. दरअसल इन सब्जियों की बरसात के मौसम में काफी ज्यादा डिमांड रहती है जिसकी खेती कर किसान कुछ ही समय में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. जनपद के इस किसान ने शिमला मिर्च की खेती में कम लागत लगाकर अच्छा मुनाफा हो रहा है. जिसके लिए वह कई वर्षों से शिमला मिर्च की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं बाराबंकी जिले के बड़ेल गांव के रहने वाले किसान बृजेंद्र मोहन ने धान गेंहू की फसलों को छोड़कर शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब आधे एकड़ में शिमला की खेती कर रहे हैं इस खेती से लगभग उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपए मुनाफा एक फसल पर हो रहा है. लागत और मुनाफा इसकी खेती करने वाले किसान बृजेंद्र मोहन ने बताया पहले हमारे यहां धान गेहूं आदि की खेती होती थी जिसमें मुझे कोई खास फायदा नहीं हो पाता था फिर हमने छोटे से टुकड़े में शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत की जिसमें हमें थोड़ा मुनाफा देखने को मिला. आज करीब आधे एकड़ में शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं जिसमें लागत करीब एक बीघे में 10 से 15 हजार रुपये आती है. क्योंकि इसमें बीज कीटनाशक दवाइयां पन्नी लेबर आदि का खर्च थोड़ा ज्यादा आ जाता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाता है. क्योंकि बरसात के सीजन में शिमला मिर्च की काफी डिमांड रहती है जिसके कारण यह अच्छे रेट में जाता है. बस सीजन में इसकी की देखभाल करनी थोड़ी ज्यादा पड़ती है. दो महीने में फसल शिमला मिर्च खेती करना बहुत आसान है पहले हम खेत की जुताई की जाती है उसके बाद खेत मे मेड़ बनाते हैं फिर उन मेड़ों पर पन्नी बिछा दी जाती है. पन्नी में एक एक मीटर की दूरी पर छेद कर शिमला मिर्च के पौधे को लगाया जाता है फिर इन पेड़ों में गोबर की खाद डाल दी जाती है उसके बाद जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है तब इसकी सिंचाई करते हैं. वहीं पौधा लगाने के महज 55 से 60 दिनों बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है. जिसे तोड़कर हर दिन बाजारों में बेच सकते हैं यह फसल करीब 3 महीने तक चलती है. Tags: Farmer story, Local18, Vegetable marketFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 11:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed