सर से उठा पति का साया बेटों ने भी छोड़ा साथ फिर बेटी बनी मां का सहारा

शाहजहांपुर की एक बेटी से जब अपनी मां की भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो उसने अपने हौसले के दम पर ई-रिक्शा का हैंडल थाम लिया. अब सुमन ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. उन्होंने ई-रिक्शा चलाकर अपनी एक बहन की शादी भी की है.

सर से उठा पति का साया बेटों ने भी छोड़ा साथ फिर बेटी बनी मां का सहारा