15 दिन में पैसा डबल चाइनीज ऐप के 341 करोड़ वाले खेल में फंसे लाखों भारतीय

Power Bank App Fraud: महज 4 महीने में ही 341 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जीवाड़ा करने वाले पॉवर बैंक ऐप मामले में जांच एजेंसी ईडी ने कार्रवाई की है. ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, मुंबई में छापेमारी की है. उत्तराखंड पुलिस ने पॉवर बैंक फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए ये जानकारी सरेआम किया था कि पॉवर बैंक ऐप को गूगल प्ले स्टोर से करीब 50 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया. इस ऐप के जरिये लोगों को पैसे निवेश करवाने का लालच दिया गया था. 15 दिनों में पैसे डबल करने का झांसा दिया जाता था.

15 दिन में पैसा डबल चाइनीज ऐप के 341 करोड़ वाले खेल में फंसे लाखों भारतीय
नई दिल्ली. कोरोना काल के दौरान देश के अंदर हजारों मोबाइल ऐप एक्टिव हुए थे. उस वक्त लोगों के लिए मोबाइल पर एक्टिव रहना और उसके जरिये काम करना मजबूरी बनी हुई थी. उसी दौरान दर्जनों ऐसे मोबाइल ऐप सामने आए जो लोगों को कुछ ही मिनट के अंदर हजारों- लाखों रुपये का कर्ज और ऐप में निवेश करने पर 18 प्रतिशत के हिसाब से दैनिक और साप्ताहिक ब्याज देने जैसे कई लोकप्रिय प्रलोभन दे रहे थे. जिसके जाल में कई युवा फंसकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर भी हो गए थे. हालांकि समय के साथ- साथ बाद में उन्हें पता चला था कि वो कई चाइनीज ऐप के जाल में भी फंसते चले गए हैं. ऐसा ही एक मोबाइल ऐप था, जिसका नाम पॉवर बैंक (Power Bank ) है. पॉवर बैंक ऐप गूगल प्ले स्टोर (Google play Store) पर मौजूद था, जिसके चलते लोग भरोसे के साथ इस ऐप को डाउनलोड करके उसका इस्तेमाल करने लगे. लेकिन बाद में उन लोगों को ये पता चला कि पॉवर बैंक ऐप गिरोह इसके जरिये कई राज्यों में ऑनलाइन ठगी के मामले को अंजाम दे रहा था. इस मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस के द्वारा मामला दर्ज किया गया था. पॉवर बैंक ऐप को पब्लिश करने वाली कंपनी का नाम इंडिया पॉवर (Indian power) था. जिसे बैंगलोर की एक टेक्नोलॉजी कंपनी ने तैयार किया था. इस कंपनी पर मार्च 2021 से लेकर मई 2021 के दौरान ही करीब 341 करोड़ रुपये जुटाने का आरोप है. ईडी की बड़ी कार्रवाई केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement (ED) ने पॉवर बैंक ऐप फर्जीवाड़ा (Power Bank App Fraud ) मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, गुजरात में सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों और दस्तावेजों समेत इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को जब्त किया गया. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सर्च ऑपरेशन के दौरान मेसर्स देव इंटरप्राइजेज (M/s. Dev Enterprises), मेसर्स मेसर्स दिव्यम इंफ्राकॉन (M/s. Divyam Infracon) प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स तन्वी गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित कई अन्य संदिग्ध कंपनियों से जुड़े निदेशकों समेत अन्य अधिकारियों के लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जांच एजेंसी के रडार पर आए प्रमुख कंपनियों के नाम और उसके निदेशकों के नाम प्रमुख नाम इस प्रकार से हैं – 1. M/s. Dev Enterprises (proprietorship concern of Viplul Joshi) 2. M/s. Divyam Infracon (Director Chothani M. Gobarbhai) 3. M/s. Tanvi Gold Pvt. Ltd (Director Surendra, Abhay Chaplot) 4. M/s. Capital King Management Pvt. Ltd (Director Chirag Patel) मिट्टी में मिलेंगे 2 करोड़ के सैंकड़ों फ्लैट! रहने लायक नहीं चिंटल सोसाइटी का एक और टावर, खाली करने का आदेश 50 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया ऐप पॉवर बैंक ऐप फर्जीवाड़ा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, उत्तराखंड पुलिस, कर्नाटक पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज किए थे. उत्तराखंड पुलिस ने पॉवर बैंक फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए ये जानकारी सरेआम किया था कि पॉवर बैंक ऐप को गूगल प्ले स्टोर से करीब 50 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया. इस ऐप के जरिये लोगों को पैसे निवेश करवाने का लालच दिया गया था. 15 दिनों में पैसे डबल करने का झांसा दिया जाता था. इसी मामले में उत्तराखंड में श्यामपुर के रहने वाले रोहित कुमार, हरिद्वार के कनखल के रहने वाले राहुल कुमार गोयल ने हरिद्वार के साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई थी. बाद में इसी मामले में बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में भी मामले दर्ज किए गए थे. Tags: Crime News, Directorate of Enforcement, Enforcement directorate, Google appsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 08:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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