ब्राह्मण दलित और OBC PM ने नामांकन से कैसे साधा 40 सीट पर चुनावी समीकरण
ब्राह्मण दलित और OBC PM ने नामांकन से कैसे साधा 40 सीट पर चुनावी समीकरण
यूपी का पूर्वांचल इलाका भी अपनी एक अलग सियासत लेकर आता है. इस क्षेत्र से लोकसभा की कुल 26 सीटें निकलती हैं. पूरे यूपी की ही 32 फीसदी आबादी इस पूर्वांचल में रहती है. इसे यूपी का पिछड़ा इलाका भी माना जाता है और किसानों की यहां निर्णायक भूमिका रहती है.
वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगे. इसके लिए चार प्रस्तावकों का नाम फाइनल किया गया है, जिसमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर का नाम शामिल है. वहीं इन नामों के सामने आने के बाद अब सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के कई लोकसभा सीटों पर चुनाव होना बाकी है और इन सभी सीटों पर ओबीसी और दलितों का प्रभाव ज्यादा है. इसलिए इसको जातिगत वोटबैंक साधने का एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
पूर्वांचल की 26 सीटों पर इन जातियों का बोलबाला
यूपी का पूर्वांचल इलाका भी अपनी एक अलग सियासत लेकर आता है. इस क्षेत्र से लोकसभा की कुल 26 सीटें निकलती हैं. पूरे यूपी की ही 32 फीसदी आबादी इस पूर्वांचल में रहती है. इसे यूपी का पिछड़ा इलाका भी माना जाता है और किसानों की यहां निर्णायक भूमिका रहती है. लेकिन पिछड़े होने के बावजूद देश को पांच प्रधानमंत्री देने वाला इलाका भी ये पूर्वांचल ही है. इस क्षेत्र में राजभर, निषाद और चौहान जाति का बोलबाला रहता है. पूर्वांचल में वाराणसी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, गोरखपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, चंदौली, अयोध्या, गोंडा जैसे जिले आते हैं.
अवध में ओबीसी का दबदबा
पूर्वांचल के बाद अगर यूपी में किसी क्षेत्र को सबसे बड़ा माना जाता है तो वो अवध है. इसे जानकार मिनी यूपी भी कहते हैं. इस क्षेत्र में किसी भी पार्टी के लिए जीत का मतलब होता है कि पूर्वांचल में भी अच्छा प्रदर्शन होने वाला है. इस क्षेत्र में ब्राह्माणों की आबादी 12 फीसदी के करीब रहती है, 7 फीसदी ठाकुर और 5 फीसदी बनिया समाज भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है. ओबीसी वर्ग का 43 फीसदी हिस्सा भी अवध में रहता है, यहां भी यादव समाज 7 प्रतिशत के करीब है. कुर्मी समुदाय भी 7 फीसदी ही चल रहा है। अवध से कुल लोकसभा की 18 सीटें निकलती हैं.
पूर्वांचल में जातियों का कॉकटेल
पिछड़ा इलाका होने के बावजूद यहां बिरादरी फर्स्ट, दल सेकंड और मुद्दा लास्ट है. विश्लेषक कहते हैं कि जातियों में गुंथी यहां की राजनीति में हर सवाल का जवाब जाति ही है. फिर चाहे रोजगार, आरक्षण, विकास या कोई दूसरा मुद्दा हो. पूर्वांचल पिछड़ी, अति पिछड़ी, सवर्ण, दलित और MY समीकरण का कॉकटेल है. यूं कहें छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों की लेबोरेटरी. गोरखपुर (ग्रामीण), संतकबीरनगर में निषाद जाति की मौजूदगी है. वहीं जौनपुर, आजमगढ़, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, वाराणसी में समुदाय की उपजातियां जैसे मांझी, केवट, बिंद, मल्लाह मिलती हैं. ये मछुआरों और नाविक समुदाय के लोग हैं.
इन सीटों पर राजभर समाज का दबदबा
गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलित भी कई इलाकों में प्रभावशाली हैं और अक्सर चुनाव के नतीजे तय करते हैं. जिनमें राजभर, कुर्मी, मौर्य, चौहान, पासी, और नोनिया शामिल हैं. हालांकि, राजभर समुदाय राज्य के कुल मतदाताओं का केवल 4% है. लेकिन पूर्वांचल के कई जिलों खासतौर पर वाराणसी, आज़मगढ़, जौनपुर, मऊ, बलिया में इसके 12% से 23% वोटर हैं.
नोनिया समुदाय का इन सीटों पर दबदबा
इसी तरह जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) नोनिया समुदाय पर प्रभाव रखती है. यूपी की आबादी का लगभग 2 प्रतिशत हिस्सा. चंदौली, मऊ, गाज़ीपुर और बलिया जैसे पूर्वी यूपी के कुछ जिलों में 10- 15% वोटर हैं. अपना दल का आधार कुर्मियों के बीच है. जो पूर्वांचल की आबादी का 9 प्रतिशत हैं और यादवों के बाद दूसरा सबसे बड़ा OBC हिस्सा हैं. अपना दल (कमेरावादी ) ने हाल ही में ‘INDIA’ गठबंधन का साथ छोड़ दिया है. वहीं अपना दल (सोनेलाल ) का गठबंधन NDA के साथ है.
इन जिलों में मुस्लिम मतदाता हावी
यूपी में लगभग 20% आबादी मुस्लिमों की है. आज़मगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर में इनकी संख्या ज्यादा है. इन इलाकों में MY समीकरण चलता है, और दावेदारी SP और BSP की. बलिया विपक्ष की लिस्ट में इसलिए शामिल है क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी से SP की हार का अंतर बहुत कम था. पूर्वी यूपी में दो ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है. आजमगढ़ में 29.06% और गाजीपुर में 26. 77 %. 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने पूर्वी यूपी में गाजीपुर, जौनपुर और घोसी सीटें जीतीं थीं.
इन सीटों पर होने वाला है चुनाव
चौथे चरण के बाद अब पांचवें चरण का चुनाव है, जो कि 20 मई को होगा. 20 मई को यूपी के मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फेतहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में चुनाव होंगे. इसके अलावा छठे चरण का चुनाव 25 मई को होगा. इनमें सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर और भदोही लोकसभा सीट शामिल है. वहीं आखिरी चरण का चुनाव महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीट पर होगा.
Tags: Loksabha Election 2024, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed