यहां भी कुछ लोग बैठे हैं जिनके नेता PM ने ऐसा क्या कहा कि अखिलेश हंस पड़े
यहां भी कुछ लोग बैठे हैं जिनके नेता PM ने ऐसा क्या कहा कि अखिलेश हंस पड़े
PM Modi News: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, "भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है." इस मौके पर उन्होंने अनुच्छेद-370 का भी जिक्र किया.
नई दिल्ली. संसद में संविधान दिवस पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर करारा वार किया. उन्हें विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा, लेकिन इसी दौरान उन्होंने ऐसी बात कह दी कि समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव हंसने लगे. इतना ही नहीं, सदन में पीएम मोदी की बात सुनकर अखिलेश यादव के पीछे बैठीं उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव भी हंसने लगीं.
दरअसल, पीएम पीएम आपातकाल का जिक्र कर रहे थे. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने सदन में बैठे अन्य विपक्षी दलों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “यहां भी ऐसे कई दल बैठे हैं, जिनके मुखिया भी इमरजेंसी के समय सारे जेल में हुआ करते थे, ये इनकी मजबूरी है कि आज वहां जाकर बैठे हैं. उनको भी जेलों में ठूंस दिया गया.
आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दल के माथे से यह कलंक कभी नहीं मिट सकेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब देते हुए आपातकाल का उल्लेख किया और कहा, “दुनिया में जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो कांग्रेस के माथे से कभी यह कलंक मिट नहीं सकेगा क्योंकि लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था. भारतीय संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई थी.”
पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि संविधान विविधता में एकता की भावना का संदेश देता है, लेकिन आजादी के बाद एकता के मूल भाव पर प्रहार किया गया. उन्होंने कहा, “मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान निर्माताओं के दिमाग में तो एकता की भावना थी, लेकिन आजादी के बाद देश की एकता के मूल भाव पर प्रहार हुआ और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में एकता की जगह विरोधाभास खोजते रहे.”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है. अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने उसे जमीन में गाड़ दिया.” उन्होंने कहा कि “जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है.”
FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 19:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed