UP News : कैसे काम करते हैं PTR के बाघ मित्र पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
UP News : कैसे काम करते हैं PTR के बाघ मित्र पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
बाघ मित्र किसी भी सूचना के दौरान मौके पर जाकर प्राथमिक रूप से घटना की पुष्टि और ग्रामीणों को सुरक्षित करने के लिहाज से सभी आवश्यक जानकारियां देते हैं. यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है. जंगल से सटे गांव में रहने वाले ऐसे लोग जो इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं.
पीलीभीत. बीते दिनों मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ मित्रों का जिक्र किया था. इसके साथ ही साथ बाघ मित्र आज देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी एक संरक्षण मॉडल के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहा है. यह टीम मानव- वन्यजीव संघर्ष की परिस्थितियों में वन विभाग और ग्रामीणों के बीच सेतु का कार्य करते हैं.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व 73000 हेक्टेयर में फैला विशाल जंगल है. यहां बहुतायत में वन्यजीव विचरण करते हैं. कई बार वन्यजीव जंगल से सटे गांव में भी देखे जाते हैं. कई बार ग्रामीण वन्य जीव को पहचानने में गलती कर देते हैं और मानव-वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं भी देखी जाती हैं. ऐसी घटनाओं की रोकथाम करने के लिए जंगल से सटे गांवों में बाघ मित्रों का गठन किया जाता है.
पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है कार्यक्रम
बाघ मित्र किसी भी सूचना के दौरान मौके पर जाकर प्राथमिक रूप से घटना की पुष्टि और ग्रामीणों को सुरक्षित करने के लिहाज से सभी आवश्यक जानकारियां देते हैं. यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है. जंगल से सटे गांव में रहने वाले ऐसे लोग जो इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. वह बाघ मित्र के रुप में टाइगर रिजर्व की टीम के साथ मिलकर कार्य करते हैं. बाघ मित्रों को क्षेत्र में काम करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन WWF संस्था मुहैया करवाती है.
मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए करते हैं काम
अब तक बाघ मित्रों को टेलीफोनिक माध्यमों से घटनाओं या बाघ की चहलकदमी की जानकारी दी जाती थी. लेकिन अब यह जानकारियां मोबाइल ऐप की मदद से फीड की जाती हैं. वहीं पीटीआर के कर्मचारी और अधिकारी इन सूचनाओं पर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ऐप पर दर्ज करते हैं. वहीं सूचनाओं को डाटा के तौर पर संकलित कर उस अनुसार ही संरक्षण की रणनीति बनाई जाती है.
जीपीएस नेविगेशन से बाघ के मूवमेंट की जानकारी
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघ मित्र बाघों के साथ ही साथ आम जनमानस की सुरक्षा के लिए भी काफ़ी महत्वपूर्ण है. वहीं बाघ मित्र मोबाइल एप्लिकेशन को भी अपडेट किया गया है. जिसके ज़रिए बाघ के मूवमेंट के साथ ही अन्य गतिविधियों की सूचना भी जीपीएस नेविगेशन के साथ दर्ज की जाती है.
Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 12:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed