PFI Banned: PFI क्या है क्या करती है बैन क्यों लगा है और इसका क्या असर होगा जानें डिटेल में

Popular Front of India Banned: टेरर लिंक को लेकर केंद्रीय एजेंसियों से मिले पुख्ता सबूत के आधार पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगाया है. बता दें कि इस संगठन पर पहले से ही बैन की मांग हो रही थी, मगर एनआईए-ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और पुख्ता सबूत मिलने के बाद बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया.

PFI Banned: PFI क्या है क्या करती है बैन क्यों लगा है और इसका क्या असर होगा जानें डिटेल में
नई दिल्ली: टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध (PFI Banned in India) लगा दिया है. टेरर लिंक को लेकर केंद्रीय एजेंसियों से मिले पुख्ता सबूत के आधार पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगाया है. बता दें कि इस संगठन पर पहले से ही बैन की मांग हो रही थी, मगर एनआईए-ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और पुख्ता सबूत मिलने के बाद बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया. क्यों लगा बैन देश में कई हिंसा, दंगा और हत्यायों में पीएफआई का नाम आता रहा है. उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक जब भी कोई बड़ा कांड होता है, शुरू से ही विवादित इस संगठन पीएफआई को जिम्मेदार ठहराया जाता है. नागरिकता संशोधन कानून के दौरान शाहीनबाग हिंसा, जहांगीरपुरी हिंसा से लेकर यूपी में कानपुर हिंसा, राजस्थान के करौली में हिंसा, मध्य प्रदेश के खरगौन में हिंसा और कर्नाटक में भाजपा नेता की हत्या, समेत देशभर में कई हिंसा और हत्याओं में इस पीएफआई संगठन का नाम आ चुका है. इतना ही नहीं, इसके ऊपर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का भी आरोप लगा है, जिसके सबूत भी जांच एजेंसियों को मिले हैं. यही वजह है कि हिंसा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में इस संगठन के शामिल होने के सबूत मिलने के बाद इस पर बैन लगाया गया है. साथ ही इस पर गैर-कानूनी तरीके से फंड लेने और कट्टरपंथ फैलाने का भी आरोप है. पीएफआई का विवादों से पुराना रहा है नाता राजस्थान और मध्य प्रदेश में हिंसा से लेकर यूपी के कानपुर में हुई हिंसा में भी पीएफआई का नाम आया था. इतना ही नहीं, कर्नाटक में हिजाब विवाद और इसके बाद पैदा हुए तनाव के पीछे भी इसी का नाम लिया गया. नागरिकता कानून मामले में भी इस पर जगह-जगह तनाव फैलाने और हिंसा कराने का आरोप लगा. इतना ही नहीं, पटना के फुलवारीशरीफ में साजिश में भी इसका नाम आया था. साल 2016 में इस संगठन पर आरएसएस से जुड़े नेता की हत्या का आरोप लगा था. कई दंगों में भी इस संगठन का नाम आ चुका है. यही वजह है कि समय-समय पर इस संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी होती रही है और इसे बैन करने की मांग होती थी. PFI पर लगा 5 साल का प्रतिबंध, इन 8 संगठनों पर भी एक्शन; केंद्र सरकार का बड़ा फैसला क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और क्या है काम? पीएफआई केरल से संचालित होने वाला एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, मगर खुद को यह वंचितों की आवाज बताता है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इसकी स्थापना कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), केरल के नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) और तमिलनाडु के मनिता नीति पसरई (MNP) के एक संघ के रूप में की गई थी. पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया खुद को मुसलमानों के साथ-साथ वंचितों के हक में आवाज उठाने और उन्हें सशक्त बनाने वाला संगठन बताता है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. इन आठ संगठनों पर भी बैन केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों को भी पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है. पीएफआई के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है. क्या होगा इस बैन का असर क्योंकि गृह मंत्रालय ने पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया है और पांच साल के लिए बैन लगा दिया है. इसका मतलब है हुआ कि अब पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अब एक्टिव नहीं हो सकेगा. न ही वह किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है. सरकार के एक्शन के बाद वह न तो अब कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है और न ही उसका कोई ठिकाना यानी दफ्तर होगा. वह न तो किसी से फंड ले सकता है और न वह अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कोई सदस्यता अभियान चला सकता है. कुल मिलाकर पीएफआई अब किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है और इससे उसके टेरर लिंक कमजोर पड़ जाएंगे. पीएफआई पर हुई थी दो राउंड की देशव्यापी छापेमारी अब तक के सबसे बड़े अभियान में पीएफआई के खिलाफ दो बार देशव्यापी छापेमारी हो चुकी है. पहली छापेमारी 22 सितंबर को हुई थी, जब 15 राज्यों में 96 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी और इस संगठन से जुड़े करीब 100 छोटे-बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. दूसरे राउंड की छापेमारी 27 सितंबर यानी मंगलवार को हुई थी. यह छापेमारी देश के 8 राज्यों में हुई थी और इस दौरान 200 से अधिक कैडर्स को गिरफ्तार अथवा हिरासत में लिया गया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: India news, PFIFIRST PUBLISHED : September 28, 2022, 08:00 IST