संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म शब्द हटाने को लेकर SC में याचिका 23 सितंबर को सुनवाई
संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म शब्द हटाने को लेकर SC में याचिका 23 सितंबर को सुनवाई
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह नई याचिका दाखिल की गई है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि पूर्व प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में, वर्ष 1976 में 42वें संविधान संसोधन के जरिए प्रस्तावना में ये दो शब्द जोड़े गए थे. सुब्रमण्यम स्वामी केशवानंद भारती केस का हवाला देते हुए कहा है कि प्रस्तावना संविधान के मूल ढांचे का एक हिस्सा है, लिहाजा सरकार उसमें बदलाव नहीं कर सकती.
नई दिल्लीः भारत के संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म शब्द को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत मामले में नई याचिका के साथ ही, इस संबंध में पहले से दायर दूसरी याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह नई याचिका दाखिल की गई है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि पूर्व प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में, वर्ष 1976 में 42वें संविधान संसोधन के जरिए प्रस्तावना में ये दो शब्द जोड़े गए थे. सुब्रमण्यम स्वामी केशवानंद भारती केस का हवाला देते हुए कहा है कि प्रस्तावना संविधान के मूल ढांचे का एक हिस्सा है, लिहाजा सरकार उसमें बदलाव नहीं कर सकती.
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Tags: Constitution of India, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 13:17 IST