जुलाई में करें इस मोटे अनाज की खेती सरकार देगी बीज
जुलाई में करें इस मोटे अनाज की खेती सरकार देगी बीज
कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि मोटा अनाज कोदो जो कि बारिश आधारित खेती है. जुलाई के अंत तक कोदो की बुवाई करने के लिए उपयुक्त समय है. किसान कोदो की बुवाई कर कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
शाहजहांपुर : मोटा अनाज जिसे श्री अन्न के नाम से जाना जाता है. मोटे अनाज की खेती प्राचीन काल से होती रही है. किसी समय यह अनाज हमारे खानपान का मुख्य हिस्सा हुआ करता था. लेकिन बदलते वक्त के बाद मोटा अनाज हमारी थाली से गायब हो गया. मोटे अनाज में अन्य अनाजों के मुकाबले कहीं ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. वहीं अब सरकार भी मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वह मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करें. जिसके चलते अब मोटे अनाज की खेती की और भी किसानों का रुझान बढ़ने लगा है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मोटे अनाज में अगर कोदो की बात करें तो यह खरीफ की एक मुख्य फसल है. बारिश आधारित इस फसल की बुवाई जुलाई के अंत महीने तक की जानी चाहिए. यह बेहद कम लागत में तैयार होने वाली फसल है. जिससे किसानों को अच्छी आमदनी मिलती है. इतना ही नहीं कोदो में अन्य अनाजों के मुकाबले पोषक तत्व भी ज्यादा पाए जाते हैं. कोदो की बुवाई के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को मिनी सीड किट भी निशुल्क दी जाती है.
खेत कैसे तैयार करें?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि कोदो की बुवाई करने के लिए सबसे पहले डिस्क हैरो से खेत को जोत लें, उसके एक बार रोटावेटर से खेत को जोत दें, रोटावेटर से जुताई के बाद मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी, फिर पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. समतल करने के बाद कोदो की बुवाई की जा सकती है. कोदो की बुवाई के लिए 8 से 10 किलो बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बोना चाहिए. कोदो की बुवाई करते समय लाइन से लाइन की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. जिससे किसानों को अच्छी आमदनी मिलेगी.
कैसे करें कोदो की बुवाई?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि खेत की अंतिम जुताई करने से पहले दो ट्राली गोबर की सड़ी हुई खाद, 40 किलो नाइट्रोजन, 30 से 40 किलो फास्फोरस और 20 से 25 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में डालकर जुताई कर दें. इसके बाद कोदो के बीज की बुवाई कर दें.
पोषक तत्वों की खान है कोदो
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मोटे अनाज कोदो में आयरन, जिंक और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि दूसरे अनाजों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. नियमित तौर पर कोदो का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि कोदो की फसल 60 से 80 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. जिससे किसानों को 15 से 20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के हिसाब से उपज मिलती है. कोदो का बाजार में भाव करीब 2400 से 2500 रूपए प्रति क्विंटल तक रहता है. जिसकी वजह से किसानों को बेहद कम लागत में अच्छा मुनाफा होता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 14:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed