ऑपरेशन ब्लू स्टार में इंग्लैंड ने की थी भारत की मदद 40 साल बाद फिर होगी जांच
ऑपरेशन ब्लू स्टार में इंग्लैंड ने की थी भारत की मदद 40 साल बाद फिर होगी जांच
चार चुलाई को होने वाले ब्रिटेन के आम चुनावों में यदि लेबर पार्टी जीत कर आती है तो वह ऑपरेशन ब्लूस्टार में इंग्लैंड की भूमिका पर इंक्वायरी बिठाएगी. कैमरन द्वारा करवाई गई इंक्वायरी के बाद आए हेवुड रिव्यू को लेकर कई ब्रिटिश सिख मानते हैं कि हेवुड रिव्यू एक झूठ....
Operation Blue Star Punjab: चार चुलाई को होने वाले ब्रिटेन के आम चुनावों में यदि लेबर पार्टी जीत कर आती है तो वह ऑपरेशन ब्लूस्टार में इंग्लैंड की भूमिका पर इंक्वायरी बिठाएगी. हालांकि पहले हुई जांच को लेकर कई ब्रिटिश सिख मानते हैं कि ‘वह झूठ है’ और वे ‘एक स्वतंत्र न्यायाधीश के नेतृत्व वाली सार्वजनिक जांच’ की मांग कर रहे हैं. लेबर पार्टी ने यह बात ऐसे समय पर कही है जब ब्रिटेन में हुए चुनावी सर्वे में इस बार लेबर पार्टी के आम चुनावों में जबरदस्त जीत का अनुमान है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, लेबर पार्टी ने यह ‘शपथ’ ली है कि वह सिखों के धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) पर हुई भारतीय सेना की सैन्य कार्रवाई में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम मार्गरेट थैचर से जुड़े आरोपों और रोल की विस्तृत जांच करवाएगी. बता दें कि इस कार्रवाई के बाद ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही हत्या कर दी गई थी और सिख विरोधी (anti-sikh riots) दंगे हुए थे.
लेबर पार्टी के उम्मीदवार जराह सुल्ताना (Coventry South Zarah Sultana) ने भी कहा कि थैचर सरकार ने इसमें जो भूमिका निभाई, उसे रहस्य की गर्त में छुपा दिया गया. मैं सचाई सामने लाने के लिए जांच की मांग में सिख समुदाय के साथ खड़ा हूं. स्लॉ टैन ढेसी के लिए लेबर उम्मीदवार ने एक्स पर लिखा- इंदिरा गांधी द्वारा स्वर्ण मंदिर परिसर पर हमले का आदेश दिए जाने के 40 साल बाद…अभी भी पीड़ितों के लिए कोई न्याय नहीं हुआ, न ही थैचर सरकार की भागीदारी में यूके ने कोई जांच करवाई (हालांकि लेबर पार्टी ने वादा किया है)!
खुफिया दस्तावेजों में कही गई थी ‘मदद’ की बात
6 जून 1984 को भारतीय सेना ने हरिमंदिर साहिब परिसर से भिंडरावाले उग्रवादियों को निकालने के लिए स्वर्ण मंदिर परिसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के नाम से सैन्य कार्रवाई की थी. बता दें कि गोल्डन टेंपल पर इस सैन्य कार्रवाई के बारे में कुछ खुफिया दस्तावेज सामने आए थे. इनमें इस ऑपरेशन में ब्रिटेन की भूमिका पर सवाल खड़े किए. बीबीसी की रिपोर्ट कहती है कि इन दस्तावेजों के मुताबिक, इंग्लैंड की तत्कालीन प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर के निर्देश के बाद इस पूरे ऑपरेशन में ब्रितानी स्पेशल एयर सर्विस (SAS) ने मदद की थी. ब्रिटेन ने फरवरी में ऑपरेशन ब्लू स्टार से पहले, स्वर्ण मंदिर से सिख उग्रवादियों को हटाने की योजना तैयार करने के लिए एक एसएएस अधिकारी को भारत भेजा था जिसे इंदिरा गांधी ने ऐसा करने के लिए कहा था.
कैमरन की जांच में पाया गया कि…
2014 में रिलीज इन दस्तावेजों के बाद उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भी इस बाबत जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद फरवरी 2014 में प्रकाशित हेवुड रिव्यू में -फरवरी के दिनों में इस खुलासे के मुताबिक 23,000 से अधिक दस्तावेजो पर आधारित समीक्षा ‘सीमित सैन्य सलाह’ के अलावा जून 1984 के ऑपरेशन में यूके की किसी भी सहायता का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. हालांकि सरकार को दोषी ठहराते हुए इन दस्तावेजों के जारी होने के बावजूद ऑपरेशन ब्लू स्टार में मार्गरेट थैचर की भागीदारी की कोई स्वतंत्र सार्वजनिक इंक्वॉयरी नहीं की गई.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए खतरे की घंटी
ब्रिटेन में सत्तासीन कंजरवेटिव पार्टी से इतर इस बार चुनाव में अपने इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सकती है लेबर पार्टी. बता दें कि इस वक्त ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं और वह कंजरवेटिव पार्टी से हैं. सर्वे करने वाली एजेंसी यूगॉव ने इसके प्रचंड बहुमत की भविष्यवाणी की है. डिप्टी लेबर लीडर एंजेला रेनोर (Deputy Labour leader Angela Raynor) ने कहा, जैसा कि हम स्वर्ण मंदिर पर छापे की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. लेबर ब्रिटेन द्वारा निभाई गई ऐतिहासिक भूमिका की जांच के आह्वान में सिख समुदाय के साथ खड़ी है. लेबर सरकार सचाई का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका तय करने के लिए काम करेगी.
Tags: Britain News, India britain, Indira Gandhi, Khalistani terrorist, Rishi Sunak, Sikh CommunityFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed