PAK चाहे जितने भी सबमरीन बना ले दिमाग कहां से लाएगा 1971 से सीखे सबक
PAK चाहे जितने भी सबमरीन बना ले दिमाग कहां से लाएगा 1971 से सीखे सबक
Pakistan Army: इंडियन नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना को पाकिस्तानी नौसेना की आश्चर्यजनक वृद्धि के बारे में पता है, जिसका लक्ष्य 50 जहाजों वाली नौसेना बनना है. नेवी चीफ ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि उसने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुना है.
नई दिल्ली. पाकिस्तान जिस तरह से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, उससे भारत हैरान है. इंडियन नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि चीन की मदद से पाकिस्तान वॉरशिप, एयरक्राफ्ट करियर और सबमरीन बना रहा है, जिससे पता चलता है कि दोनों देश कैसे हिंद-प्रशांत में भारत के लिए चुनौती बन रहे हैं. हालांकि, पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह चाहे जितने हथियार बना ले, लेकिन दिमाग कहां से लाएगा. 1971 का सबक उसे याद रखना चाहिए.
अभी चीन के दम पर उछलने वाले पाकिस्तान की हालत 1971 में क्या थी? यह किसी से छुपा नहीं है. उस दौरान पाकिस्तानी सेना पूर्वी पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ शुरू किया और बांग्लादेशी विद्रोहियों को चुन-चुनकर मारना आरंभ कर दिया. इसे देखते हुए भारत ने पूर्वी पाकिस्तान को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ का आगाज किया और देखते-ही-देखते भारत और पाकिस्तान की सेना आमने-सामने आई.
उस वक्त भारत के खिलाफ हथियार की कमी होने पर पाकिस्तान को अमेरिका से मदद मिली, लेकिन उसे जो हथियार दिए गए, उसे चलाना पाकिस्तान की आर्मी जानती ही नहीं थी. अत्याधुनिक हथियार धरे-के-धरे रह गए और इंडियन आर्मी ने उन्हें धूल चटा दी. ताजा उदाहरण पीएनएस गाजी है, जो उस समय का पाकिस्तान का सबसे शक्तिशाली सबमरीन था, लेकिन इंडियन नेवी ने एक ऑपरेशन में पीएनएस गाजी को समंदर में ही दफ्न कर दिया था.
PNS गाजी का इतिहास
1971 के युद्ध के दौरान PNS गाजी का डूबना एक अहम घटना थी. अमेरिका से लीज पर ली गई पनडुब्बी गाजी 14 नवंबर, 1971 को कराची से रवाना हुई थी. इसका मकसद विशाखापत्तनम जो कि पूर्वी नौसेना कमान का मुख्यालय है, में स्थित भारतीय एयरक्राफ्ट करियर INS विक्रांत को तबाह करना था. अपने मिशन के दस दिन बाद, PNS गाजी को भयानक अंजाम का सामना करना पड़ा, जिसमें इसके 93 अधिकारी और नाविकों में से कोई भी जीवित नहीं बचा.
एक साहसी कदम उठाते हुए, INS राजपूत, जो सेकेंड वर्ल्ड वॉर का एक पुराना डेस्ट्रॉयर था, को लेफ्टिनेंट इंदर सिंह की अगुवाई में एक खतरनाक मिशन पर भेजा गया. लेफ्टिनेंट इंदर सिंह, जो रोहतक जिले के एवालि गांव से थे, ने दुश्मन की पनडुब्बी को चटगांव (जो बाद में युद्ध के बाद बांग्लादेश बना) पहुंचने से पहले ही सफलतापूर्वक डुबो दिया.
1971 के युद्ध में विशाखापत्तनम की भूमिका
विशाखापत्तनम शहर ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में खास भूमिका निभाई थी. पीएनएस गाजी के डूबने को भारत की पहली जोरदार सैन्य जीत में से एक माना जाता है. पाकिस्तान ने पीएनएस गाजी को भारत के पूर्वी समुद्री तट पर हमला करने और आईएनएस विक्रांत को नष्ट करने के लिए भेजा था. कराची से 4,800 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे गाज़ी को भारतीय नौसेना के डेस्ट्रॉयर आईएनएस राजपूत ने ट्रैक किया था और बाद उसने मिसाइल हमलों से उसे डुबो दिया.
Tags: Indian army, Indian navy, Pakistan armyFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 23:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed