कश्मीर में मोदी सरकार का विकास देख तिलमिलाया पाक! भागकर पहुंचा वर्ल्ड बैंक

Kashmir Hydroelectric Power Projects: पाकिस्तान ने कश्मीर में मोदी सरकार की कई जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर आपत्ति जताई है. उसने इनकी शिकायत वर्ल्ड बैंक से भी की है. अब एक पाकिस्तानी और विश्व बैंक की टीम इन परियोजनाओं का मौके पर निरीक्षण करेगी.

कश्मीर में मोदी सरकार का विकास देख तिलमिलाया पाक! भागकर पहुंचा वर्ल्ड बैंक
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में जम्मू और कश्मीर में कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें एक बड़ी संख्या केंद्र शासित राज्य की जल संपदा के दोहन के लिए पनबिजली परियोजनाओं की है. मगर पाकिस्तान को इस पर भी नाराजगा है कि भारत अपने इलाके में क्यों नदियों पर हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स को बना रहा है. वह खुद तो अपने इलाके में विकास कर नहीं पा रहा है और PoK को एक तरह से चीन के हवाले कर चुका है. मगर उसने इस पर आपत्ति जाहिर की है और कहा कि यह दोनों देशों के बीच नदियों के जल बंटवारे समझौते का उल्लंघन करार दिया है. भारत ने साफ कर दिया है कि इन परियोजनाओं को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे पाकिस्तान के साथ नदी जल बंटवारे का कोई उल्लंघन नहीं होता है. मगर पाकिस्तान को इससे संतोष नहीं है और वह खुद अपनी आंखों से इसे देखना चाहता है. इसके लिए अगले हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के आने की उम्मीद है. साथ ही भारत जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाओं पर बातचीत के लिए विश्व बैंक के विशेषज्ञों की एक टीम भी भारत आएगी. यट टीम उन सभी परियोजनाओं की समीक्षा करेगी, जिन पर इस्लामाबाद ने आपत्ति जताई है. यह पूरी बातचीत विश्व बैंक के सहयोग से हुई 1960 की सिंधु जल संधि के नियमों के तहत होगी. यह संधि दोनों देशों के लिए सिंचाई और जलविद्युत विकास के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है. जिसमें पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को और पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को आवंटित की गई हैं. यह पहली बार है जब भारत इस तरह के दौरे की अनुमति देगा. क्योंकि अक्टूबर 2022 में विश्व बैंक ने इस मुद्दे की जांच के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त किया था. प्रतिनिधिमंडल मौके पर निरीक्षण के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा. देश की पहली गद्देदार बर्थ वाली ‘शाही’ ट्रेन ट्रैक पर कब आएगी? फ्लाइट से कम नहीं होंगी सुविधाएं गौरतलब है कि सिंधु जल संधि दोनों देशों को दूसरे को आवंटित नदियों के कुछ निश्चित उपयोग की अनुमति देती है. भारत सिंधु जल संधि पर बातचीत के लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करेगा, जो एनडीए सरकार की वापसी के बाद से दोनों देशों के बीच पहला संपर्क है. Tags: Hydropower generation, India pakistan, Jaamu kashmir, World bankFIRST PUBLISHED : June 16, 2024, 06:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed