OYO पर शख्स ने बुक किया था कमरा होटल पहुंचते ही मालिक ने दिया रात भर का टेंशन
OYO पर शख्स ने बुक किया था कमरा होटल पहुंचते ही मालिक ने दिया रात भर का टेंशन
OYO Hotel News: एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने OYO रूम्स पर जुर्माना लगाया है. दरअसल एक ग्राहक OYO रूम्स से कमरा बुक किया था. लेकिन जब वह होटल पहुंचा तो होटल मालिक ने उसे रूम देने से मना कर दिया. OYO रूम्स पर कमरे डिलीवर न करने के कारण 1.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
कोच्चि: आजकल कोई भी कहीं घूमने जाता है तो OYO से होटल बुक करता है. खासकर परिवार के साथ जाते समय लोग पहले ही होटल बुक करा लेते हैं. OYO होटल से संबंधित एक हैरान कर देने वाला मामला केरल से आया है. एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने OYO रूम्स पर जुर्माना लगाया है. दरअसल एक ग्राहक OYO रूम्स से कमरा बुक किया था. लेकिन जब वह होटल पहुंचा तो होटल मालिक ने उसे रूम देने से मना कर दिया.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार OYO रूम्स पर कमरे डिलीवर न करने के कारण 1.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए कहा ‘ऑनलाइन बुकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से पहले से कमरे बुक करने के बावजूद सेवा की कमी और अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के कारण परिवार को नुकसान उठाना पड़ा. शिकायतकर्ता ने कहा कि ग्राहक अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात में होटल गए थे, उन्हें उस रात दूसरा होटल खोजने के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ी क्योंकि उन्हें बुकिंग के अनुसार कमरे देने से मना कर दिया गया था.
उस रात क्या हुआ था
अदालत ने अरुण दास द्वारा दायर शिकायत के आधार पर विपक्षी पक्षों को 30 दिनों के भीतर शिकायतकर्ताओं को एक लाख रुपये का मुआवजा और 10,000 रुपये का अदालती खर्च देने का निर्देश दिया गया है. शिकायतकर्ता ने अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता सहित दस सदस्यीय समूह के ठहरने के लिए कोल्लम के मंगलत होटल में एक रात के लिए कमरे बुक करने के लिए 2,933 रुपये का भुगतान किया. उन्होंने शिकायत में कहा, “जब हम रात 10 बजे के करीब होटल पहुंचे तो होटल मालिक ने हमें कमरे देने से मना कर दिया. उन्होंने प्रति कमरे 2,500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी मांगा. इसके साथ ही उन्हें अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात भर यात्रा करनी पड़ी और दूसरा होटल ढूंढना पड़ा.”
होटल मालिक ने अदालत को बताया कि फिलहाल ओयो रूम्स के साथ कोई समझौता नहीं है. लेकिन यह तर्क साबित नहीं हो सका. उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डीबी बीनू और सदस्य वी रामचंद्रन और टीएन श्रीविद्या ने कहा, “विपक्षी पक्षों ने शिकायतकर्ता के परिवार के साथ विश्वासघात किया है. इसके कारण परिवार को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि मानसिक पीड़ा भी हुई है. यह हस्तक्षेप न केवल विपक्षी पक्ष को यह समझाने के लिए है कि ग्राहकों के साथ सम्मान और आतिथ्य के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, बल्कि ग्राहक को न्याय दिलाने के लिए भी है.”
Tags: Kerala, Kerala NewsFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 14:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed