क्या आप जानते हैं बुलेट ट्रेन से भी तेज चलने वाली वंदे भारत में कैसा है इंजन और अब क्या होगा नया

आम इंजन होते हुए भी बड़ी ही खास तकनीक के जरिए दोगुनी पावर जनरेट करता है वंदे भारत का इंजन, इस खास तकनीक के साथ ही अब रेलवे इसमें और भी बड़े बदलाव करने जा रही है. आइये जानें इस खास ट्रेन के खास इंजन और बड़े बदलाव के बारे में....

क्या आप जानते हैं बुलेट ट्रेन से भी तेज चलने वाली वंदे भारत में कैसा है इंजन और अब क्या होगा नया
हाइलाइट्सवंदे भारत ट्रेन का इंजन 12 हजार हॉर्स पावर जनरेट करता है. इसके 8 डिब्बों में इलेक्ट्रिक मोटर लगी है जो इसकी स्पीड और पावर को बूस्ट करती है.अब इसको पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करने पर काम किया जा रहा है. नई दिल्ली. इन दिनों देश भर में वंदे भारत या फिर कहें ट्रेन 18 की चर्चा जोरों पर है. क्योंकि इस ट्रेन की सैकेंड जनरेशन ने टेस्ट रन के दौरान बुलेट ट्रेन को भी पछाड़ दिया. वंदे भारत ने केवल 52 सैकेंड में 0-100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली. वहीं इस ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 180 से 183 किमी. प्रति घंटे के बीच रही. अब बात ये उठती है कि इस ट्रेन के इंजन में ऐसा क्या खास है कि इस ट्रेन ने इतनी स्पीड पकड़ी. वहीं इस ट्रेन की थर्ड जनरेशन को लेकर क्या बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. ट्रेन के इंजन की बात हो तो ये एक सामान्य लोकोमोटिव इंजन ही है. हां इसकी शेप आपको कुछ अलग जरूर दिखती है. इस इंजन को सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन नाम दिया गया है. ये तकनीकी तौर पर आम इंजन ही होते हैं लेकिन इनमें कुछ कॉस्मेटिक बदलाव होते हैं. आइये जानते हैं वंदे भारत के इंजन के डीटेल्स… ये भी पढ़ेंः कभी आपने देखा है चलता फिरता मैरिज हॉल, आनंद महिंद्रा ने Tweet किया अनोखी गाड़ी का Video क्यों खास है वंदे भारत का इंजन वंदे भारत में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन है. ये इंजन डिब्बे के साथ ही जुड़ा हुआ होता है इसलिए इसे ये नाम दिया गया है. लोकेमोटिव की बात की जाए तो इसका इंजन 6000 हॉर्स पावर जनरेट करता है. वहीं इसके साथ 8 डिब्बे इलेक्ट्रिक मोटर से लैस भी हैं. जो इसकी पावर को बूस्ट कर के 12 हजार हॉर्स पावर तक ले जाते हैं. इस कारण से इसे सेमि हाईब्रिड कहना भी गलत नहीं होगा. यही कारण है कि वंदे भारत का पिकअप और टॉप स्पीड अचानक आसमान छूती है. इसलिए भी तेज स्पीड इंजन की खास क्षमताओं के साथ ही वंदे भारत की खासियत इसकी शेप भी है. ये पूरी ट्रेन एयरोडायनमिक शेप में है. इसकी नोज यानि फ्रंट की बात की जाए तो वो एक कोन शेप का है जो हवा को तेजी से काटता है. साथ ही ट्रेन में कहीं भी ऐज नहीं है. ध्यान से देखने पर इस ट्रेन के हर कोने को राउंडनेस या फिर कहें स्लोप दिया गया है. जिससे हवा तेजी से इस पर कटने की जगह स्लिप करती है और इसे आगे की ओर धकेलती है. अब होगा बड़ा बदलाव वंदे भारत की थर्ड जनरेशन को लेकर रेलवे बड़ा बदलाव करने जा रही है. रेलवे अब वंदे भारत का लोकोमोटिव हटा कर इसे पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करने जा रही है. हालांकि इसके लिए ट्रेन के साथ ही ट्रैक में भी बड़ा बदलाव करना होगा क्योंकि ये आम इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा बिजली की खपत करेगी. ये बदलाव होने के बाद ट्रेन और भी साइलेंट व फास्ट होने की उम्मीद है. साथ ही इसका रखरखाव भी कम आएगा और ये बिल्कुल प्रदूषण नहीं करेगी. ये भी पढ़ेंः XUV 700 और Thar में सामने आई बड़ी खराबी, महिंद्रा ने रिकॉल की गाड़ियां क्यों नाम पड़ा ट्रेन 18 वंदे भारत का निर्माण अक्टूबर 2018 में पूरा हो गया था और इसे ट्रेक पर उतार दिया गया था. इस ट्रेन में 80 प्रतिशत पार्ट्स देसी हैं और 20 प्रतिशत बाहरी देशों से इंपोर्ट किए गए हैं. इस ट्रेन के निर्माण के पीछे मुख्य मकसद शताब्दी ट्रेन को रिप्लेस करना है, जो कि इसके मुकाबले सफर पूरा करने में 15 प्रतिशत ज्यादा समय लगाती है. वंदे भारत को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे कारण है कि इस ट्रेन के निर्माण में 18 महीनों का समय लगा. जिसके चलते इसको ये नाम दिया गया था. हालांकि बाद में इसे वंदे भारत नाम दिया गया और अब इसे उसी नाम से पहचाना जाता है. इस ट्रेन में 16 कोच होंगे और इसकी कुल लंबाई 384 मीटर की होगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Auto News, Vande Bharat TrainsFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 09:59 IST