मोदी सरकार की सफल रणनीति का नतीजा रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी रक्षा उत्पादन

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान देश में रक्षा उत्पादन 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16.7 फीसदी ज्यादा है. वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 1,08,684 करोड़ रुपये था.

मोदी सरकार की सफल रणनीति का नतीजा रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी रक्षा उत्पादन
रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र की दूरगामी रणनीति का नतीजा है कि भारत स्वदेशी रक्षा उत्पादन में रिकॉर्ड बना दिया है, इस क्षेत्र में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हुई है, 5 साल में रक्षा क्षेत्र में 60 % से ज्यादा रक्षा उत्पादन बढ़ा है। इसको इस तरह से देखा जा सकता है कि जिस तरीके से पीएम मोदी “Make In India” मूहिम को आगे बढ़ाया है, उसका असर रक्षा उत्पादन में भी दिखने को मिल रहा है. भारत ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान देश में रक्षा उत्पादन 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16.7 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 1,08,684 करोड़ रुपये था। पिछले पांच साल में देश के रक्षा उत्पादन का मूल्य 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। ये भी पढ़ें  कहां से आया बच्‍चों पर मौत बनकर टूट रहा चांदीपुरा वायरस? कितना खतरनाक? वायरोलॉजिस्‍ट ने बताई कुंडली, ये हैं लक्षण और इलाज केंद्र की मोदी सरकार भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। रक्षा से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा सामग्रियों का उत्पादन करने वाले अन्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़कर यानी 1,26,887 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था। ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम साल-दर-साल नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करने के सरकार के अटूट संकल्प को दर्शाता है। वर्ष 2023-24 के दौरान उत्पादन के कुल मूल्य में डीपीएसयू ने लगभग 79.2 प्रतिशत और निजी क्षेत्र ने 20.8 प्रतिशत का योगदान दिया है। आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण मूल्य के संदर्भ में डीपीएसयू, पीएसयू और निजी क्षेत्र ने रक्षा उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की है। आपको बता दू की देश की यह उपलब्धि रातो रात नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता हासिल हासिल करने के लिए पिछले 10 वर्षों के दौरान मोदी सरकार ने विभिन्न नीतिगत सुधार, पहल और व्यापार करने में आसानी से जुड़े कदम उठाये हैं, जिसके कारण यह उपलब्धि अर्जित हुई है। इसके अलावा बढ़ते रक्षा निर्यात ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन की समग्र वृद्धि में जबरदस्त योगदान दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रक्षा निर्यात ने 21,083 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये का था। इस तरह पिछले पांच वर्षों के दौरान रक्षा उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ रहा है और इसमें 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। (डिस्‍क्‍लेमर- ये लेखक के निजी विचार हैं.) Tags: Defence ministry, Narendra modi, PM ModiFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 16:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed