Assam Flood: बाढ़ की चपेट में सिलचर जिला पेड़ों के नीचे चल रहा कैंसर अस्पताल का ओपीडी कार्य
Assam Flood: बाढ़ की चपेट में सिलचर जिला पेड़ों के नीचे चल रहा कैंसर अस्पताल का ओपीडी कार्य
Assam Flood,Assam Heavy rainfall news, Assam Weather: असम में बाढ़ की चपेट में करीब 32 जिले चपेट में है और लगभग 54 लाख लोग प्रभावित हुए है.पानी घटने के बावजूद 22 लाख लोग अभी भी प्रभावित है और कुल 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
असम: इन दिनों असम में बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. असम के बड़े क्षेत्रों में शामिल सिलचर के मेहरपुर इलाके में कछार कैंसर हॉस्पिटल सोसायटी में आने वाले मरीज सड़क के किनारे पेड़ों के नीचे अपना चेकअप करवा रहे है. सड़कों और हॉस्पिटल के अधिकतर विभागों में पानी भर जाने से पेड़ों के नीचे ओपीडी और आम बीमारियों का इलाज किया जा रहा है.
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और कछार कैंसर हॉस्पिटल सोसायटी के डायरेक्टर डॉ रवि कन्नन ने कहा कि यह बाढ़ पूरी तरह से विनाशकारी है. यह सभी की क्षमता से दूर है. उन्होंने कहा कि मंगलवार से पानी कम हो रहा है. न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभाग में भी कमर तक पानी भरा हुआ है.
ओपीडी के बाह हो रहा है इलाज
डॉक्टर ने बताया कि हम यहां बाहर ओपीडी का इलाज, आम इलाज और खून निकलने का काम कर रहे है बाकी जिनका इलाज नहीं हो पा रहा है उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है.
बराक नदी के लाल निशान से ऊपर बहने के कारण दक्षिणी असम शहर के तीन लाख लोगों को बाढ़ से कोई राहत नहीं मिली है. एसडीआरएफ की 40 सदस्यीय टीम एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के मौजूदा बल को बढ़ाने के लिए आज सुबह सिलचर पहुंची जो युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य में लगी हुइ है.
लोगों को नहीं मिल पा रहा पीने का पानी
वही शहर में पीने का पानी भी लोगो को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. पानी की एक एक बूंद के लिए लोग कई दिनों से भूखे मर रहे है. इसको देखते हुए मिजोरम स्थित यूथ एसोसिएशन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 15000 लीटर पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर भेजा है. इंडियन एयरफोर्स ने हेलीकॉप्टर से खाना,पानी की बोतले और जरूरी सामान नीचे फेंककर लोगों की मदद की.
कछार के डिप्टी कमिश्नर कीर्थी जल्ली ने कहा कि मानव रहित हवाई वाहन भी क्षतिग्रस्त इलाकों को पहचानने और सिलचर में बाढ़ प्रभावित इलाकों को नक्शा तैयार करने में लेगे हुए हैं.
दक्षिण असम में मिली थोड़ी राहत
हालांकि दक्षिणी असम के इलाको में पानी का स्तर बहुत धीरे धीरे कम हो रहा है. लेकिन शहरी इलाकों में अभी भी हालात नहीं सुधरे हैं. शहरी इलाकों में लोगों के घरो में अभी भी कमर तक पानी भरा हुआ है.
कमिश्नर जल्ली ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, यूनिसेफ और ऑक्सफैम ने सिलचर और उसके आस पास के इलाकों में जरूरत की चीज़ों को पूरा करने के लिए नाव पर चलने वाली जल यूनिट सेटअप तैयार किया है.
डॉ कन्नन ने कहा कि शुरू में जब बाढ़ का पानी उग्र था तब हमने एक राफ्ट बनाया था जिसमें हमने चार लॉबी ट्यूब ली और उन पर प्लाईवुड लगा दिया जिसके बाद हम हॉस्पिटल के सामने से मरीजों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की तरफ ले जा रहे थे.
जब शहर विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा था तब डॉक्टर कन्नन और उनकी टीम ने किसी भी कीमत पर मरीजों के घर में इलाज के लिए और अस्पताल आने के लिए राफ्ट भेजी थी. डॉ कन्नन 2007 में अस्पताल खोलने के लिए चेन्नई से असम चले गए थे. जहां उन्होंने धीरे धीरे हॉस्पिटल को बनवाया,ज्यादा नर्सों को काम पर रखा,अधिक बेड जोड़े, घर का दौरा शुरू किया ,रोगियों के साथ आने वाले लोगों को अटेंडेंट के रूप में रखा और लोकल प्रॉब्लम्स को रेस्पोंड किया.
असम में बाढ़ की चपेट में करीब 32 जिले चपेट में है और लगभग 54 लाख लोग प्रभावित हुए है.पानी घटने के बावजूद 22 लाख लोग अभी भी प्रभावित है और कुल 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: AssamFIRST PUBLISHED : June 29, 2022, 17:39 IST