12वीं के बाद दो साल का ड्रॉप इन किताबों पर किया फोकस अब बनी नीट टॉपर

NEET Success Story: मेडिकल (Medical Education) की पढ़ाई की चाहत रखने वाले अधिकांश युवा नीट की तैयारी करते हैं. इसके लिए नीट जैसे एंट्री गेट को पार करना होता है. एक ऐसी ही लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो असफलताओं से सीखकर सफलता की बुलंदियों को छू ली है.

12वीं के बाद दो साल का ड्रॉप इन किताबों पर किया फोकस अब बनी नीट टॉपर
Success Story: 12वीं पास करने के बाद अधिकांश युवाओं की ख्वाहिश मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की होती है. लेकिन जो भी युवा पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री या बायोलॉजी) विषय से पढ़ाई करते हैं, उनमें से अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. इस सपने को पूरा करने के लिए नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की परीक्षा का पास करना होता है. इसके लिए युवा जी तोड़ मेहनत करते हैं. आज हम एक ऐसे ही लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो असफलताओं से सीख लेकर नीट की परीक्षा में टॉपर बनी हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं. नीट की परीक्षा में अपने तीसरे प्रयास में परफेक्ट स्कोर के साथ अमीना कडीवाल (Amina Kadiwal)  टॉपर रही हैं. उनके लिए यह एक सपने जैसा है. वह अपने परिवार में पहली डॉक्टर होंगी. एम्स दिल्ली में पढ़ाई करने का लक्ष्य रखने वाली अमीना ने अभी तक अपनी दूसरी और तीसरी कॉलेज की पसंद तय नहीं की है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने मंगलवार को NEET UG 2024 के रिजल्टों की घोषणा की. इसमें 67 छात्रों ने पहला स्थान हासिल किया है. 12वीं के बाद दो साल लिया ड्रॉप नीट टॉपर अमीना कडीवाल (Amina Kadiwal) ने कहा, “मुझे अपनी दूसरी पसंद के बारे में अभी फैसला करना है. कोई भी फैसला लेने से पहले मुझे अपने शिक्षकों से इस पर चर्चा करनी होगी.” अमीना ने कक्षा 12वीं पास करने के बाद दो साल की ड्रॉप ली है. उन्होंने कहा, “मैं परीक्षा देने के बारे में निश्चित नहीं थी और अगर NEET UG 2024 मेरे लिए सफल नहीं होता, तो मैं किसी भी ग्रेजुएशन कॉलेज में दाखिला ले लेती.” कोचिंग के बाद भी करती थी पढ़ाई 20 वर्षीय अमीना (Amina Kadiwal) ने कहा कि उनके स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें NEET UG करने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके माता-पिता ने इस सफर में उनका पूरा साथ दिया है. वह बताती हैं कि मैंने वर्ष 2021 में ड्रॉप लिया था, जो लॉकडाउन के दौरान था. मैं अपना दिन भगवान से प्रार्थना करके शुरू करती थी और फिर शाम 6 बजे तक कोचिंग क्लास में जाती थी. उसके बाद मैं 4-5 घंटे और पढ़ाई करती थी. इन किताबों पर था उनका फोकस कडीवाल (Amina Kadiwal) ने कोचिंग मैटेरियल के साथ-साथ मॉक टेस्ट पर भी फोकस किया है. उन्होंने अपने बनाए नोट्स और NCERT की किताबों सही तरीके से फॉलो किया. उन्होंने कहा, “मैंने लॉकडाउन के दौरान तैयारी की. मेरे स्कूल और उसके पेपरों ने कभी मेरी तैयारी में खलल नहीं डाला. वास्तव में, इसकी वजह से अतिरिक्त बोझ कम हो गया और मैं उन दोनों को बेहतर तरीके से मैनेज करने में सक्षम रही.” उन्होंने कहा कि वह रोजाना अध्यायों का रिवीजन करती थीं. नीट में प्रश्न हल करने की ऐसी थी स्ट्रेटेजी उन्होंने कहा, “अगर कोई विषय तैयार हो जाता है, तो मैं अगले 4-5 दिनों तक लगातार उसका रिवीजन करती थी. इससे मुझे NEET UG के आखिरी दिनों में मदद मिली.” अमीना ने आगे कहा कि NEET का पेपर देते समय उन्होंने पहले बायोलॉजी और उसके बाद केमिस्ट्री और फिजिक्स को पूरा किया. उन्होंने कहा कि मैंने अपना पेपर दो राउंड में किया और आखिरकार जब मैं अपने उत्तरों के बारे में कंफर्म हो गई, तो मैंने उन्हें अपनी OMR शीट पर मार्क करना शुरू कर दिया. ये भी पढ़ें… 177500 सैलरी वाली चाहिए नौकरी, तो संस्कृति मंत्रालय में तुरंत करें अप्लाई, बिना लिखित परीक्षा के होगा चयन Tags: NEET, Neet exam, NEET Topper, Success Story, Womens Success StoryFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 09:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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