क्या LAC के विवाद की शुरू हो चुकी है उलटी गिनती क्या बन जाएगी इस बार बात

India China LAC: अजीत डोवाल और वॉंग यी के बीच मुलाक़ात अलग अलग अंतरराष्ट्रीय इवेंट साइड लाइन तो ज़रूर हुई लेकिन बतौर स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव फॉर्मेट में दिसंबर 2019 के बाद ये नहीं हुई . भारत और चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दो स्तर पर काम करती है एक कूटनीतिक स्तर तो एक मिलेट्री स्तर. कूटनीतिक स्तर पर WMCC यानी की वर्किंग मैकेनिजम फॉर कंसलटेंशन एंड कॉर्डिनेशन तो दूसरा है सैन्य स्तर पर.

क्या LAC के विवाद की शुरू हो चुकी है उलटी गिनती  क्या बन जाएगी इस बार बात
India China LAC : 1959 से भारत और चीन के बीच जो सीमा विवाद हुआ वो आज भी जारी है. 1962 में एक पूरी जंग हो चुकी है तो छुट पुट घटनाएं आम थी. लेकिन जो साल 2020 में हुआ वो आम घटना नहीं थी. दोनो तरफ से जंग जैसी तैयारी हो चुकी थी. ठंडा रेगिस्तान कहे जाने वाले लद्दाख का माहोल को गर्म था. लेकिन संयम दोनों ने दिखाया और युद्ध तनाव तक ही सीमित रह गया. अब तो पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच रूस में हुई वार्ता के बाद LAC का विवाद को ख़त्म करने की कोशिश तेज हुई. मोदी शी ने ये काम स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव को सौंपा. LAC के विवाद को लेकर दोनों देशों के स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की बैठक इसी महीने होने की संभावना है. सूत्र के मुताबिक़ 15 दिसंबर के बाद कभी भी ये बैठक हो सकती है. हालाँकि अभी ये साफ नहीं है कि  NSA अजीत डोवाल बीजिंग जाएँगे या फिर बातचीत के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली आएंगे. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार का कहना है कि LAC विवाद  जटिल है. लेकिन ये अच्छी शुरुआत है. हल निकलने के लिए दोनों देश पॉजिटिव माहौल में बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं. LAC पर शांति और सद्भाव को लेकर एग्रीमेंट है. और उसे बरकरार रखना चीन के लिए भी जरूरी है. हांलाकि चीन की ये फ़ितरत रही है कि वो अपने रुख़ को बदलता रहता है और ये ध्यान में रखने की जरूरत है. क्या भारत चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है ? कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बैठक में साढ़े चार साल से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने के फैसला हुआ.डेमचोक और डेपसांग में डिसएंगेजमट पूरा हुआ और अब सभी उन सभी प्वाइंट पर पेट्रोलिंग जारी है. अब बफर ज़ोन की बारी है जो कि पैंगोग, गलवान के पीपी-14, गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया पर बना हुआ है. पूर्वी लद्दाख में 2020 के बाद से बने सभी फ्रिक्शन प्वाइंट से डिसएंगेजमट पूरा हो चुका है. पेट्रोलिंग तो डेमचोक और डेपसांग में हुई लेकिन जो बफर ज़ोन बन गए थे मसलन पैंगोग, गलवान के पीपी-14 , गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया में डिसइंगेजमेंट सबसे पहले हुआ लेकिन पेट्रोलिंग शुरू नहीं की गई थी. लेकिन अब डेमचोक और डेपसांग के बाद इन इलाकों में भी पेट्रोलिंग की शुरुआत हो सकती है. लद्दाख के अलावा भी है विवादित इलाके भारत और चीन के बीच LAC तकरीबन 3488 किलोमीटर लंबा है. ये लद्दाख से शुरू होते हुए हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक जाता है. हिमाचल और सिक्किम को छोड दिया जाए तो उत्तराखंड और अरुणाचल में भी कई जगह को लेकर विवाद है. उत्तराखंड का बाराहोती, अरुणाचल का तवांग, अपर सुबानसरी और फिश टेल 1 और 2 पर भी चीन और चीन के सैनिकों का आमना सामना होता रहता है. चीन तो पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और उसे Zangnan के नाम से बुलाता है . ईस्टर्न सैक्टर में अरुणाचल प्रदेश तो मैकमेहन लाइन के वाटर शेड प्रिंसिपल के तहत तिब्बत और भारत को अलग करता है. भारत कोई विवाद नही मानता है लेकिन चीन का ये दोहरा चरित्र ही है. कि वो अरुणाचल में मैकमेहन लाइन को मानता नही. जबकि इसी मैकमेहन लाइन को म्यांमार में जरूर मानता है. Tags: India china, India china border dispute, India china issue, India china ladakhFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 20:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed