शेख हसीना के इस नोएडा वाले भाई ने बांग्लादेश का फहराया था झंडा बचाई जान

रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार तारा बताते हैं कि पाकिस्तानी सैनिक उन्हें देखकर हैरान रह गए थे. उन्होंने हर संभव कोशिश की कि वह कर्नल तारा को कमजोर कर सकें, लेकिन वह उन पर भारी पड़े.

शेख हसीना के इस नोएडा वाले भाई ने बांग्लादेश का फहराया था झंडा बचाई जान
नोएडा: इस खबर की हेडलाइन पढ़कर आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन यह सच्चाई है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना नोएडा में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार को अपना भाई मानती हैं. यह संबंध तब से शुरू हुआ जब 1971 की जंग में, कर्नल अशोक कुमार ने अपनी जान पर खेलकर शेख हसीना के परिवार को पाकिस्तान आर्मी के चंगुल से न केवल आज़ाद कराया बल्कि उनकी जान भी बचाई. शेख हसीना के माता-पिता ने कर्नल अशोक कुमार को अपना बेटा मानते हुए उन्हें बांग्लादेश का झंडा दिया, जिसे कर्नल अशोक ने पाकिस्तान का झंडा हटाकर फहराया. तब से, शेख हसीना उन्हें अपना भाई मानती हैं. यह कहानी मार्च 1971 से जनवरी 1972 के बीच की है, जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अपनी आजादी हासिल की. नोएडा निवासी रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार तारा उन सेना अधिकारियों में से थे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना शेख हसीना के परिवार को बचाया. इस घटना के बाद, शेख हसीना के माता-पिता ने कर्नल अशोक को अपना बेटा मान लिया, और शेख हसीना उन्हें गले लगाकर खुशी के आंसू बहाने लगीं. तब से, उनके बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध बन गया. शेख हसीना के परिवार के हर महत्वपूर्ण अवसर पर कर्नल अशोक कुमार तारा और उनकी पत्नी आभा तारा को निमंत्रण मिलता है, और वे शामिल भी होते हैं. वर्तमान में बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर कर्नल अशोक कुमार तारा चिंतित हैं. परिवार की सहायता का आदेश रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार तारा ने बताया कि 1971 की जंग में पाकिस्तान को भारत ने ऐसा घाव दिया जो उसे हमेशा चुभता रहेगा. उस समय बांग्लादेश आज़ाद हो चुका था, लेकिन शेख मुजीबुर रहमान के परिवार को कुछ पाकिस्तानी सैनिकों ने उनके घर में बंधक बना लिया था. उस समय उनकी बेगम फाजिलतुन्नेस मुजीब और उनके बच्चे भी वहां थे. परिवार को बचाने का आदेश तत्कालीन कर्नल अशोक कुमार तारा को मिला था. शेख हसीना का गहरा सम्मान रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार तारा बताते हैं कि पाकिस्तानी सैनिक उन्हें देखकर हैरान रह गए थे. उन्होंने हर संभव कोशिश की कि वह कर्नल तारा को कमजोर कर सकें, लेकिन वह उन पर भारी पड़े. कर्नल तारा ने उन्हें बताया कि बांग्लादेश आजाद हो चुका है और पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया है, इसलिए उन्हें भी सरेंडर कर देना चाहिए. थोड़ी देर बाद, जब ऊपर से एक भारतीय मिलिट्री का हेलीकॉप्टर गुजरा, तो उन्होंने सरेंडर किया. कर्नल तारा ने शेख हसीना के परिवार से मुलाकात की और उनके घर से पाकिस्तान का झंडा हटाकर बांग्लादेश का झंडा फहराया. इसके बाद, शेख हसीना और उनके परिवार ने कर्नल तारा को बेटे और भाई के रूप में अपनाया. Tags: Bangladesh, Local18, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 15:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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