लोकसभा चुनाव में तो हो चुका खेला अब ममता और अखिलेश के मन में क्या है
लोकसभा चुनाव में तो हो चुका खेला अब ममता और अखिलेश के मन में क्या है
इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्रियों के बहिष्कार के बाद भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नीति आयोग की बैठक में शामिल होने पर हैरानी जताई जा रही है. उन्हीं की तरह एसपी नेता अखिलेश यादव खरगे के आवास पर आयोजित इंडिया अलाएंस की बैठक से गैरहाजिर रहे. क्या ये दोनों किसी और राह चलने की सोच रहे हैं? क्या है इन दोनों के मन में?
ममता बैनर्जी और अखिलेश यादव के मन में क्या है? ये जान पाना बहुत आसान नहीं है. ये दोनों इंडिया गठबंधन में शामिल हैं, लेकिन फिलहाल ये गठबंधन के दूसरे दलों से अलग ही कदमताल करते नजर आ रहें हैं. बजट के विरोध में रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष …खरगे ने अपने घर पर जो बैठक बुलाई थी, उसमें न तो अखिलेश शामिल हुए न ही उनकी पार्टी का कोई अन्य नेता शामिल हुआ. इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हो रही है. गठबंधन के दूसरे मुख्यमंत्री नीति आयोग की इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं आ रहे हैं. इस तरह से विपक्ष शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल न होने की घोषणा कर दी है. लेकिन ममता बैठक में शामिल होने जा रही है. बैठक 27 जुलाई को होनी है.
बहिष्कार करने वालों की संख्या बढ़ सकती है
विपक्ष शासित राज्यों में झारखंड और केरल से फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है. लेकिन जानकार उम्मीद जता रहे हैं कि वे भी आयोग की बैठक से दूरी बना सकते हैं. बैठक में ममता बैनर्जी क्यों शामिल हो रही हैं ये तो वे और उनकी पार्टी ही बता सकती है. लेकिन ये तो दिख रहा है कि उनके लिए इंडिया गठबंधन की कोई खास अहमियत नहीं है. पश्चिम बंगाल में उन्होंने एकला चलो का राग अलापा था. उनकी पार्टी टीडीपी अकेले ही पश्चिम बंगाल में लड़ी. यही नहीं टीडीपी मुखिया अपने भाषणों में लगातार बीजेपी के साथ कांग्रेस और लेफ्ट को बराबर का दुश्मन भी बताती रही.
पिछले साल ममता ने भी बहिष्कार किया था
यहां ये भी याद रखने वाली बात है कि पिछले साल भी नीति आयोग की बैठक में ममता बैनर्जी नहीं शामिल हुई थीं. 27 मई 2023 को हुई आयोग की बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे. उस समय उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों का साथ दिया था. प्रगति मैदान में आयोजित इस बैठक का एजेंडा रखा गया था- भारत @2047. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
इस बार ममता को विपक्ष का साथ ज्यादा जरूरी क्यों
इस बार पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से को अलग कर उसे नार्थ ईस्ट में शामिल करने की बंगाल बीजेपी के नेता मांग कर रहे हैं. ये मसला ममता बैनर्जी के लिए बहुत संवेदनशील है. उन्होंने बीजेपी की इस मांग का पुरजोर विरोध भी किया है. पश्चिम बंगाल नेताओं ने इलाके के विकास के नाम पर ये मसला उठाया है. पार्टी नेताओं ने इस बारे में एक प्रस्ताव भी प्रधानमंत्री को भेज दिया है. अब इस मसले पर ममता विपक्ष को लामबंद करने की कोशिश करेंगे. ऐसे में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने की वजह बहुत से लोगों को समझ में नहीं आ रही है. कुछ जानकारों का कहना है कि ममता बैनर्जी बैठक में जाकर चुनिंदा बिहार और आंध्र को छोड़कर सभी गैरभाजपा शासन वाले राज्यों की अनदेखी की केंद्रीय नीति का विरोध करेंगी. अगर उन्हें अकेले ऐसा करना है तो बाकी मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी से उनकी ताकत और बढ़ ही जाती. इस लिहाज से ये दलील बहुत संतोषजनक नहीं लगती.
अखिलेश का मिजाज
अब अगर अखिलेश यादव की बात की जाय तो इंडिया गठबंधन में उनका शामिल न होना भी समझ में नहीं आता. वे बैठक में नहीं गए तो उनकी पार्टी का कोई और नेता प्रतिनिधित्व कर सकता था. लेकिन कोई दूसरा नेता भी बैठक में नहीं गया. अनौपचारिक बातचीत में पार्टी नेता दलील दे रहे हैं कि अखिलेश यादव कहीं और व्यस्त थे. जबकि रामगोपाल यादव की तबीयत ठीक नहीं थी. परंपराएं रही हैं कि गठबंधन की बैठकों में सहमत दल किसी भी पार्टी नेता को जरूर भेजते हैं.
अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये भी कहा है कि उत्तर प्रदेश की दस विधान सभा सीटों पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस और उनकी पार्टी मिल कर लडे़गी. यानी एक तरफ वे उत्तर प्रदेश में मिल कर गठबंधन में चुनाव लड़ने की बात तो कर रहे हैं लेकिन गठबंधन की बैठक को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. ऐसे में कुछ विश्लेषक ये भी अटकलें लगा रहे हैं कि अखिलेश यादव की नजर उत्तर प्रदेश पर ज्यादा है. लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने प्रदेश में बहुत अच्छा प्रदर्शन भी किया है.
Tags: Akhilesh yadav, CM Mamata Banerjee, Niti AayogFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 13:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed