गुरु पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ और अद्भुत संयोग नोट करें समय
गुरु पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ और अद्भुत संयोग नोट करें समय
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि का शुरुआत 20 जुलाई शाम 5:59 से शुरू होकर 21 जुलाई दोपहर 3:46 पर समाप्त होगा.
अयोध्या : सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह पर्व आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, जिसके चलते इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य का खास महत्व है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई दिन शनिवार को शाम 05. 59 बजे पर शुरू होगी जबकि समापन अगले दिन 21 जुलाई, 2024 दिन रविवार को दोपहर 03. 46 बजे होगा. उदयातिथि को देखते हुए गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा. वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन कई दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जिससे इस पूर्णिमा का महत्व और बढ़ जाता है तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन किस-किस दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है.
4 दुर्लभ संयोग का निर्माण
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि का शुरुआत 20 जुलाई शाम 5:59 से शुरू होकर 21 जुलाई दोपहर 3:46 पर समाप्त होगा . दरअसल, इस तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा. वहीं, इसका समापन मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट पर होगा. इसके साथ ही उत्तराषाढ नक्षत्र भोर से लेकर मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. साथ ही श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग का भी निर्माण होगा. इसके अलावा विष्कंभ योग प्रात: से लेकर रात्रि 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
क्या है प्रीति योग?
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि प्रीति योग जिसे प्रेम योग भी कहा जाता है जो सुविधा और सकारात्मक का प्रतीक होता है. प्रीति योग का प्रमुख ग्रह बुध माना जाता है. यह योग 14 योगों में से एक होता है जिन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा पर प्रीति योग का भी निर्माण हो रहा है इस योग में किया गया कार्य सफल होने वाला होगा .
क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग ?
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण तब होता है जब कोई विशेष नक्षत्र किसी खास दिन पड़ता है. कह सकते हैं कि वार और नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होता है. यह योग किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत शुभ शुभ माना जाता है, इस दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं. इसलिए इस योग में कोई नया काम शुरू करना या संपत्ति, वाहन आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा इस बार गुरु पूर्णिमा पर विष्कंभ योग का निर्माण भी हो रहा है यह योग 21 जुलाई को मध्य रात्रि 12:08 से शुरू होकर 21 जुलाई रात 9:11 पर समाप्त होगा.
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 20:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed