इन तीनों तैयार किए थे हेमंत सोरेन के कब्जे वाली जमीन के पेपर ED ने किया डिकोड

ईडी की जांच में ये बाते भी सामने आई कि गिरफ्तार शख्स के द्वारा ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कब्जे वाली जमीन के 2 प्लॉट की फर्जी डीड लिखी गई थी. वहीं, इसके साथ ही बरियातू इलाके की ही 4.83 एकड़ प्लॉट की फर्जी डीड में इसी शख्स की ही लिखावट मिली है. आगे जानते हैं कि आखिर यह कौन शख्स है जो इस शातिर खेल का अहम मोहरा है.

इन तीनों तैयार किए थे हेमंत सोरेन के कब्जे वाली जमीन के पेपर ED ने किया डिकोड
रांची. झारखंड में लैंड स्कैम मामले में ईडी ने बड़ा खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर न सिर्फ झारखंड बल्कि बंगाल में भी हड़कंप मचा दिया है. रांची में जमीन के अवैध कब्जे को लेकर झारखंड और कोलकाता के जुड़े तार को डिकोड करते हुए ये गिरफ्तारियां की गई हैं. कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफिस के 2 कर्मियों तो झारखंड के हजारीबाग से एक आरोपी को ईडी ने गिरफ्तार किया है. रांची में हुए लैंड स्कैम मामले में 3 महत्वपूर्ण गिरफ्तारी से झारखंड की जमीन के कब्जे के खेल को ईडी ने डिकोड किया है. बता दें कि ईडी ने हजारीबाग के शातिर इरशाद अख्तर को गिरफ्तार किया है. इरशाद अख्तर वह शख्स है जो पुरानी भाषा के जानकार होने का गलता फायदा उठा रहा था. इरशाद वो शख्स था जो फर्जी डीड लिखने का काम किया करता था. उसकी हैंडराइटिंग की भी ईडी ने फोरेंसिक जांच की है, जिसके बाद ये साबित हुआ की इरशाद पुरानी कैथी भाषा का जानकार तो था ही साथ ही फर्जी डिड पर जिस कैथी भाषा का इस्तेमाल लिखने में होता था, उसे लिखने का काम इरशाद किया करता था. ईडी की जांच में ये बाते भी सामने आई कि इरशाद के द्वारा ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कब्जे वाली जमीन के 2 प्लॉट की फर्जी डीड लिखी गई थी. वहीं, इसके साथ ही बरियातू इलाके की ही 4.83 एकड़ प्लॉट की फर्जी डीड में इरशाद की ही लिखावट मिली है. ये खुलासा  इरशाद के लिखावट की फोरेंसिक जांच के बाद हुई है. वहीं, इसके साथ ही कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफिस के 02 कर्मी भी ईडी के हत्थे चढ़े हैं. इसमें संजीत कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफिस का सफाई कर्मी है. दरअसल, संजीत का काम कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफिस से पुरानी कागज का जुगाड़ करना था और इस कागज में ही कैथी भाषा में लिखकर फर्जी डीड बनायी जाती थी. वहीं, इसके साथ ही कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफिस का कर्मी तापस घोष भी इस पूरे नेक्सस का एक अहम मोहरा था. तापस का काम रांची की जमीन की डिटेल निकलना था. तापस जमीन की जानकारी देता था जिसके बाद शुरू होता था जमीन के कब्जे का खेल. बता दें की ईडी के द्वारा रांची में हो रहे लैंड स्कैम और कोलकाता कनेक्शन की जानकारी को डिकोड करना था और इसी फेहरिस्त में ईडी के हांथ ये लोग गिरफ्तार हुए. लेकिन, इस जांच का दायरा और भी बड़ा है, क्योंकि ये गिरोह न सिर्फ जमीन के नेचर को बदलता था, बल्कि इस गिरोह के द्वारा वीसी जमीन जो ब्रिटिश काल में जमींदार के द्वारा पट्टे पर दी जाती थी, उसमें भी हेर फेर कर कई जमीनों की खरीद बिक्री करता था. साथ ही जमीन की नीलामी वाले पेपर की भी फर्जी डीड तैयार करता था. इसके लिए पुराने भाषा के जानकारी रखनेवाले इरशाद अख्तर जैसे लोग इस गिरोह के सबसे अहम सदस्य होते थे. बता दें कि रांची जिले में सबसे ज्यादा ये फर्जी डीड बनाने का कार्य कांके अंचल इलाके में हो रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि यह बेहद जरूरी है कि इसे लेकर जांच का दायरा बढ़े, ताकि इस तरह के संचालित दूसरे गिरोह का भी पर्दाफाश हो सके. इन तीन गिरफ्तारियों के साथ ही लैंड स्कैम मामले में कुल गिरफ्तारियों की संख्या अब 25 हो चुकी है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन भी शामिल हैं. Tags: Hemant soren, Jharkhand GovernmentFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 09:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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