अलग ही फीलिंग है बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखकर खुश हो रहीं अंबा प्रसाद

Barkagaon Chunav 2024: बड़कागांव के चुनावी रण में 26 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस की अंबा प्रसाद और भाजपा के रौशन लाल चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. अन्य दल इसे बहुकोणीय बनाने में लगे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस की अंबा प्रसाद अपने सामने बीजेपी के प्रत्याशी को लेकर जनता के बीच अलग ही मैसेज देने में लगी हैं.

अलग ही फीलिंग है बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखकर खुश हो रहीं अंबा प्रसाद
हाइलाइट्स अंबा प्रसाद और रौशन लाल में कौन मारेगा बाजी या कोई तीसरा बिगाड़ेगा खेल? कांग्रेस-बीजेपी के साथ AIMIM,SP, झारखंड पार्टी के कारण दिलचस्प मुकाबला. जावेद खान/रामगढ. झारखंड के रामगढ़ जिले के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 26 उम्मीदवारों के बीच चुनावी संघर्ष है. इन प्रत्याशियों में भाजपा से रोशन लाल चौधरी, समाजवादी पार्टी से गोविंद बेदिया, झारखंड पार्टी से मुख्तार अंसारी, एआइएमआइएम से मोहम्मद शमीम, जयराम की पार्टी जेएलकेएम से बालेश्वर कुमार प्रमुख चेहरे हैं. हालांकि, मुख्य मुकाबला बीजेपी के रौशन लाल चौधरी और कांग्रेस की अंबा प्रसाद के बीच ही माना जा रहा है. बता दें कि बड़कागांव में कुल 3, 86, 000 मतदाता 456 बूथों पर मताधिकार का प्रयोग करेंगे. अमूमन बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस आजसू और बीजेपी के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता रहा है. मुकाबला काफी दिलचस्प और रोमांचक होगा ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं. दरअसल, बीजेपी ने इस सीट को आजसू से अपने खाते में ले लिया है, जबकि भाजपा ने आजसू के उम्मीदवार रहे रोशन लाल चौधरी को ही अपना उम्मीदवार घोषित किया है. पिछला इतिहास भी जान लीजिये बता दें कि इससे पहले वर्ष 2019 चुनाव में कांग्रेस पार्टी की अंबा प्रसाद ने आजसू पार्टी के उम्मीदवार रोशन लाल चौधरी को पराजित किया था. इससे पूर्व कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार निर्मला देवी ने आजसू पार्टी के रोशन लाल चौधरी को हराया था. जबकि इससे पूर्व योगेंद्र साव ने कांग्रेस उम्मीदवार रहते हुए भाजपा के तीन बार से लगातार विधायक हो रहे. लोकनाथ महतो को पराजित कर इस सीट पर कब्जा किया था. बीजेपी का गढ़ और आजसू की हार पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो आजसू और भाजपा के बीच गठबंधन के बावजूद रौशन लाल चौधरी को हार का सामना करना पड़ा था. 2005 और 2009 में यहां से भारतीय जनता पार्टी के लोकनाथ महतो विधायक बनकर सदन पहुंचे थे. इसके बाद भाजपा से गठबंधन के आधार पर आजसू को बड़कागांव की सीट दे दी गई. यहां के लोगों का मानना ​​है कि बड़कागांव भाजपा का गढ़ रहा है, जिसके कारण आजसू को दो बार हार का सामना करना पड़ा. रौशनलाल का परिवारवाद का आधार स्थानीय लोग कहते हैं कि आजसू की बार-बार हार के बाद रौशनलाल चौधरी को भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ना पड़ रहा है. हालांकि, रौशनलाल के सामने कई कठिनाइयां हैं क्योंकि भाजपा समर्थित कार्यकर्ता रोशन लाल चौधरी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि बड़कागांव में कई ऐसे दावेदार थे, जिन्हें टिकट मिलना चाहिए था. लेकिन बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया गया है. गौरतलब है कि रोशन लाल चौधरी सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के बड़े भाई हैं, जबकि आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो उनके मामा हैं. खुद को बड़कागांव की बेटी बता रहीं अंबा अंबा प्रसाद अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहती हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान अलग अनुभव महसूस कर रही हूं, लोगों ने घर की बेटी के रुप में अपना लिया है, क्षेत्र के लोगों को अपने परिवार का सदस्य माना है. वहीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद प्रसाद बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखते हुए कहती हैं कि भाजपा को चुनाव लड़ने लायक अपना कोई कार्यकर्ता नहीं मिल पाया जो गोला क्षेत्र से तीन बार चुनाव हार चुके व्यक्ति को दूसरे दल से लेकर टिकट दिया. अंबा प्रसाद बीजेपी की दुखती रग दबा रहीं अंबा प्रसाद ने कहती हैं कि रौशन लाल गोला के रहने वाले हैं, उनके परिवार को आज तक यहां की जनता ने देखा नहीं है, जबकि हमारा पूरा परिवार बड़कागांव की सेवा में लगे रहते हैं. रौशन लाल की भाभी भी विधायक रहीं, उनके भाई भी सांसद हैं पर यहां की समस्या को लेकर कभी संजीदा नहीं दिखे. बता दें कि बड़कागांव में जातीय समीकरण को बेहद खास माना जाता है. विभिन्न जातियों के अपने वोट बैंक हैं, जो इस चुनाव में हार जीत तय करते हैं. वैश्य, मुस्लिम, एससी एसटी, कुरमी समुदाय का इस इलाके में खासी संख्या है. FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 12:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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