साइबर ठगी का गढ़ जामताड़ा: यहां के शातिर ठग लोगों को शुक्रवार को ही क्यों बनाते हैं निशाना

Online Fraud center Jamtara: झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में स्थित जामताड़ा अतीत में भी आपराधिक घटनाओं के लिए जाना जाता रहा है. यहां पहले रेल यात्रियों को नशीले पदार्थ वाली कोई चीज खिला कर लूटने की घटनाएं आए दिन होती रहती थीं. पिछले कुछ साल से यहां अपराध के तरीके बदले हैं.

साइबर ठगी का गढ़ जामताड़ा: यहां के शातिर ठग लोगों को शुक्रवार को ही क्यों बनाते हैं निशाना
SUMAN BHATTACHARJEE जामताड़ा. देशभर में ठगी की वारदातों से जामताड़ा के साइबर अपराधियों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है. इन पर लगाम लगाने की कोशिशें भी रंग नहीं ला पा रही हैं. साल दर साल मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. जामताड़ा में साइबर थाने की शुरुआत 2018 में जनवरी में हुई, तब से अलग-अलग मामलों में टीम ने 270 बार छापेमारी की और 730 आरोपितों को दबोचा. इसके बाद भी रजिस्टर्ड केस की संख्या बढ़ती गई। सूत्र बताते हैं कि जामताड़ा साइबर पुलिस टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण कुछ अरसे से यहां के कई शातिरों ने ठिकाना बदल लिया है. ये जामताड़ा से सटे सीमावर्ती जिलों में ठिकाना बना चुके हैं या दूसरे राज्यों में साइबर अपराध कर रहे हैं. मगर यह अपराध थम नहीं रहा. इन दिनों जामताड़ा साइबर थाने में आ रहे अनेक मामलों में ठगी की नई तरकीबें भी दिख जाती हैं. इन दिनों ये मुख्य रूप से साइबर अपराधी केवाईसी अपडेट करने के नाम पर, बकाया बिजली बिल जमा करने का नाम पर तथा ई-कॉमर्स कंपनी के फर्जी अधिकारी बनकर ठगी कर रहे हैं. झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में स्थित जामताड़ा अतीत में भी आपराधिक घटनाओं के लिए जाना जाता रहा है. यहां पहले रेल यात्रियों को नशीले पदार्थ वाली कोई चीज खिला कर लूटने की घटनाएं आए दिन होती रहती थीं. पिछले कुछ साल से यहां अपराध के तरीके बदले हैं. नशा खुरानी गिरोह के बाद यहां ईजी रिचार्ज में ठगी होने लगी. यहां के शातिर बड़े अमाउंट में होने वाले ईजी रीचार्ज के ग्राहकों को चुना लगाते थे औऱ रिचार्ज के पैसे को अपने मोबाइल नंबर पर ट्रांसफर कर लेते थे और फिर उसे ऑफर देकर पर मोबाइल औऱ डीटीएच रिचार्ज में लगाते थे. अब टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लोगों की मेहनत की कमाई को हड़पने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. ऐसे अपराधों के लिए करमाटांड़ व नारायणपुर थाना क्षेत्र खास तौर पर बदनाम है. करमाटांड़ इलाके में कुछ साल पहले तक झोपड़ियां ही होती थीं। लेकिन अब यहां आलीशान बंगले नजर आते हैं. जामताड़ा पूरे देश में साइबर अपराधों के लिए बदनाम हो चुका है. देश में ज्यादातर साइबर फ्रॉड के मामले झारखंड के इसी जिले से जुड़े हुए होते हैं. जामताड़ा में एक नाबालिग भी अच्छे-खासे पढ़े लिखे लोगों को अपने ठगी का शिकार बना लेते हैं और उन्हें कानों कान खबर तक नहीं होती है. आमलोगों से लेकर कई राजनेताओं तक को ये शातिर अपना शिकार बना चुके हैं. पिछले 9 साल में नारायणपुर और कर्मातार से साइबर अपराधियों ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब और अंडमान निकोबार तक के लोगों को ठगी का शिकार बनाया. पुलिस रिपोर्ट बताती है कि जामताड़ा से साइबर ठगी की शुरुआत 2013 से हुई. तब से अब तक विभिन्न राज्यों की पुलिस ने जामताड़ा से  साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. कई ऐसे साइबर अपराधियों की पहचान हुई है जिन्होंने आय के ज्ञात से स्रोत से कहीं ज्यादा संपत्ति जुटा रखी है। ये सभी प्रवर्तन निदेशालाय (ED) के रडार पर हैं. एसपी मनोज स्वर्गीयरी ने बताया कि वर्तमान समय में 18 ऐसे साइबर अपराधियों की पहचान कर उनके संपत्ति को अटैच करने के लिए आईडी को प्रस्ताव भेजा गया है. 2 साइबर अपराधियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हो चुकी है. महान समाज सुधारक पंडित ईश्वरचंद्र  विद्यासागर ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत करने के लिए करमाटांड़ का चयन किया था. करमाटांड़ के स्थानीय लोगों ने साइबर क्राइम के पीछे इलाके में बेरोजगारी व विकास के प्रति सरकार की उदासीनता को जिम्मेवार बताया.  एसपी मनोज स्वर्गियरी मानते हैं कि यहां के युवा दूसरे साइबर क्रिमिनल का स्टेटस और प्रॉपर्टी देख शॉर्टकट में अमीर बनने के लिए ऐसे क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. इनके साथ उनका समाज भी वैसा व्यवहार,उनका बहिष्कार व जागरूक नहीं करता है, जोकि रेप,मर्डर या लूट डकैती करने वाले क्रिमिनलओं के साथ किया जाता है, ताकि उन्हें एहसास हो कि वह कोई क्राइम किए हैं और वह सही रास्ते पर आ सके. एसपी ने कहा कि झारखंड व अन्य राज्यों से फर्जी सिम की बिक्री पर रोक लगाने से साइबर क्राइम पर कंट्रोल पाया जा सकता है और इसके लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. अधिकारी कहते हैं कि साइबर ठगी के लिए कानून सिर्फ तीन बरस की सजा देता है. साइबर डीएसपी मंजरुल होंदा ने कहा कि, “जब हम लोगों ने चंबल के डाकुओं को खत्म कर दिया. जब हमने उग्रवाद पर शिकंजा कस दिया. तो ये साइवर क्रिमिनल्स भी खत्म होना ही है. बैंक मैनेजर ने क्या बताया लीड बैंक मैनेजर आरके बैठा ने बताया कि अगर आप साईबर ठगी का शिकार हुए हैं तो आपके पैसे वापस आपको भी मिल सकते हैं. इसके लिए आपको 1800111109,1930,155260 नँबर पर ठगी के तीन दिनों के अंदर शिकायत दर्ज कराने से आपके पैसे वापस मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को साइबर ठगी की घटनाएं ज्यादा होती है, क्योंकि अगले 2 दिनों तक बैंक बंद रहता है और खाते को होल्ड नहीं किया जा सकता है. ऐसे में साइबर अपराधी आराम से अपने ट्रांजेक्शंस करते हैं, इसलिए लोगों को शुक्रवार को विशेष अलर्ट रहने की जरूरत है. किसी भी हालत में किसी को भी अपना ओटीपी,कार्ड का सीवीवी और पासवर्ड किसी भी हालत में ना बताएं. आजकल 5G में अपग्रेडेशन का नाम पर भी ऐसी जानकारियां मांगी जा रही है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Big crime, Government of Jharkhand, Online banking, Online fraudFIRST PUBLISHED : October 22, 2022, 13:36 IST