कारगिल दिवस के दिन बोकारो में एयर फोर्स का रिटायर्ड फौजी किया गया बेघर
कारगिल दिवस के दिन बोकारो में एयर फोर्स का रिटायर्ड फौजी किया गया बेघर
Chas sub-divisional officer: एयरफोर्स से वर्ष 2021 में रिटायर हुए लव कुमार ने बताया कि वर्ष 2003 में बोकारो स्टील के कर्मचारी जलेश्वर प्रसाद से उन्होंने यह मकान खरीदा था. लेकिन जलेश्वर प्रसाद के बेटे विजय कुमार ने घर को बेचने की बात छुपाते हुए घर खाली कराने का आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी चास को दिया. अनुमंडल पदाधिकारी ने बिना कोई प्रोसिडिंग चलाएं घर खाली करने का आदेश जारी कर दिया.
हाइलाइट्सचास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि कानूनी तरीके से आदेश दिया गया है. फौजी लव के मुताबिक, 2010 में भी इनलोगों ने एक व्यक्ति को धोखे से मेरा घर बेचने की कोशिश की थी.
बोकारो. आज पूरा देश कारगिल दिवस मना रहा है. भारतीय जवानों पर देश के लोग गर्व कर रहे हैं. लेकिन आज के दिन ही बोकारो में एयर फोर्स के रिटायर्ड फौजी को उसके घर से बेघर कर दिया गया. यह कार्रवाई चास अनुमंडल अदाधिकारी के आदेश पर हुई है.
बता दें कि रिटायर्ड फौजी लव कुमार सेक्टर 9/B की स्ट्रीट 13 के आवास संख्या 641 में रह रहे थे. फौजी को बेघर करने का आदेश चास अनुमंडल पदाधिकारी के यहां से निर्गत हुआ है. फौजी लव कुमार ने बताया कि बिना किसी जांच पड़ताल और कोर्ट प्रोसीडिंग चलाएं अनुमंडल पदाधिकारी ने गलत आदेश निकाला है. एकपक्षीय फैसला : पीड़ित
एयरफोर्स से वर्ष 2021 में रिटायर हुए लव कुमार ने बताया कि वर्ष 2003 में बोकारो स्टील के कर्मचारी जलेश्वर प्रसाद से उन्होंने यह मकान खरीदा था. लेकिन जलेश्वर प्रसाद के बेटे विजय कुमार ने घर को बेचने की बात छुपाते हुए घर खाली कराने का आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी चास को दिया. अनुमंडल पदाधिकारी ने बिना कोई प्रोसिडिंग चलाएं, गलत तरीके से घर खाली करने का आदेश जारी कर दिया है. जबकि इस बारे में मैंने 67 पेज के दस्तावेज अनुमंडल पदाधिकारी के यहां दिया था. लेकिन इसकी जांच तक नहीं की गई. पहले भी की गई धोखाधड़ी की कोशिश
लव कुमार ने बताया कि 2010 में भी जलेश्वर प्रसाद और उनके बेटे ने मिलकर मेरे इस घर को बेचने की बात कह कर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी की थी. यह मामला हरला थाने में चल रहा है. लेकिन बिना कागजात जांच किए और बिना कोर्ट में केस दर्ज कर इस पर फैसला कर दिया गया. अनुमंडलाधिकारी ने कार्रवाई को बताया न्यायसंगत
घर खाली कराने आए दंडाधिकारी सुदीप एक्का ने बताया कि विजय कुमार के आवेदन पर चास अनुमंडल पदाधिकारी ने यह आदेश पारित किया है. इसी के आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है. इस आदेश के खिलाफ कोई स्टे आदेश नहीं आया है. इस मामले पर जब चास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कानूनी तरीके से यह आदेश दिया गया है. संपदा न्यायालय तक पहुंची नहीं बात
बताते चलें कि बोकारो स्टील के क्षेत्र में किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने के लिए संपदा न्यायालय बना हुआ है. इस न्यायालय के आदेश पर ही कहीं भी अतिक्रमण को हटाया और आवासों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है. बावजूद इसके एक फौजी के घर को खाली कराने के लिए एसडीओ ने आदेश दिया जाना कहीं न कहीं सवालों के घेरे में है.
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Tags: Bokaro news, Jharkhand news, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 20:39 IST