हिन्द महासागर में चीन की हर गतिविधियों पर नौसेना की पैनी नजर रूस-यूक्रेन जंग से ले रहे सीख- नेवी चीफ

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान चीन के हिन्द महासागर क्षेत्र में मौजूदगी का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया. उन्होंने कहा कि चीन की बात करें तो वह वर्ष 2008 से हिन्द महासागर क्षेत्र में मौजूद है. एंटी पायरेसी को वजह बताकर उसने हिन्द महासागर क्षेत्र में आना शुरू किया और अब उसकी मौजूदगी लगातार बनी हुई है.

हिन्द महासागर में चीन की हर गतिविधियों पर नौसेना की पैनी नजर रूस-यूक्रेन जंग से ले रहे सीख- नेवी चीफ
नई दिल्ली. चीन समुद्र में फ़्रीडम ऑफ़ नैविगेशन के बेजा इस्तेमाल के लिए कुख्यात है और उस पर लगाम लगाने के लिए दुनिया के तामाम देश एकजुट हो रहे हैं. हिन्द महासागर क्षेत्र में भी चीनी नौसेना की गतिविधियां लगातार जारी है. एंटी पायरेसी के नाम पर चीन ने 2008 से हिन्द महासागर क्षेत्र में में अपने जंगी जहाज़ों को भेजना शुरू किया और उसके बाद से ये सिलसिला लगातार जारी है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान चीन के हिन्द महासागर क्षेत्र में मौजूदगी का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया. उन्होंने कहा कि चीन की बात करें तो वह वर्ष 2008 से हिन्द महासागर क्षेत्र में मौजूद है. एंटी पायरेसी को वजह बताकर उसने हिन्द महासागर क्षेत्र में आना शुरू किया और अब उसकी मौजूदगी लगातार बनी हुई है. ‘हिन्द महासागर में हमेशा रहते हैं 5 से 8 चीनी जंगी जहाज़’ नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘हिन्द महासागर क्षेत्र में 5 से 8 चीनी जंगी जहाज़, रिसर्च वेसेल हमेशा होते हैं और हम लगातार उन्हें मॉनिटर करते हैं. इसके साथ ही चीन का एक बेस अब जिबूती में भी है. वह हिन्द महासागर क्षेत्र में पड़ने वाले कई देशों में पोर्ट बना रहा है, जिनमें श्रीलंका, म्यांमार, पाकिस्तान सहित कई देश शामिल है.’ एडमिरल आर हरि कुमार ने इस दौरान साफ़ किया कि भारतीय नौसेना की तैयारियां किसी देश के खिलाफ नहीं होती, बल्कि अपनी सुरक्षा जरूरत के हिसाब से हम अपनी तैयारी करते हैं. नौसेना प्रमुख ने चीन के साथ-साथ पाकिस्तान की नौसैनिक तैयारी पर कहा, ‘अगर हम अपने वेस्टर्न बॉर्डर में देखें तो पाकिस्तान अपनी आर्थिक दिक्कतों के बावजूद लगातार अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है. खासकर अपनी नेवी का… पाकिस्तान साल 2035 तक 50 प्लेटफॉर्म (शिप) की फोर्स बनने के रास्ते पर चल रहा है.’ उन्होंने कहा कि ये पारंपरिक मिलिट्री चैलेंज है, ही साथ ही आतंकवाद एक बड़ी सुरक्षा चुनौती है और इसका दायरा बढ़ता जा रहा है. इस लिए अदृश्य दुश्मन से एक कदम आगे रहना जरूरी है. ‘रूस-यूक्रेन युद्ध से ले रहे हैं सीख’ रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का जिक्र करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि जैसे पीएम ने कहा था ये जंग का युग नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हर जंग या कॉन्फ़्लिक्ट का सेना स्टडी करती है, जिससे कई तरह की चीज़ें सीखने को मिलती हैं. हम भी इस ऑपरेशन को स्टडी कर रहे हैं. जंग शुरू करना आसान होता है, लेकिन उसे अंजाम तक पहुंचाना और जंग ख़त्म करना एक बहुत बड़ी चुनौती है.’ रूस के हथियारों और सैन्य प्लेटफ़ॉर्म की बात पर नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘हम रूसी हथियारों को लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे है और ये भरोसेमंद हैं. ये हमारी ज़रूरतों को पूरा करते हैं अगर कुछ तकनीक अगर दूसरे सोर्स से नहीं मिलता तो ये हमें मदद कर देते हैं.’ हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना बड़ी तेज़ी से आत्मनिर्भरता की तरफ़ आगे बढ़ रही है. नौसेना प्रमुख ने यह भी साफ़ कर दिया कि वर्ष 2047 तक भारतीय नौसेना पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Chinese Army, Indian navy, Indian OceanFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 21:03 IST