नेशनल हेराल्ड केस : ईडी की पूछताछ में मोतीलाल वोरा का आया नाम जानिए आखिर क्यों कहा जाता है इस नेता को ‘बाबूजी’
नेशनल हेराल्ड केस : ईडी की पूछताछ में मोतीलाल वोरा का आया नाम जानिए आखिर क्यों कहा जाता है इस नेता को ‘बाबूजी’
National Herald Case: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लेनदेन की जिम्मेदारी पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा पर डाल दी है. इससे पहले राहुल गांधी से भी ईडी ने इस मामले में पूछताछ की थी. सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने भी कहा था कि मोतीलाल वोरा को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण के विवरण के बारे में जानकारी थी.
हाइलाइट्सपार्टी और व्यक्तित्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ लगभग पांच दशकों तक राज्य और राष्ट्रीय राजनीति की उथल-पुथल को झेला.कांग्रेस में गांधीवादी नेताओं में अंतिम मोतीलाल वोरा लंबे समय से पार्टी के पहले परिवार के विश्वासपात्र थे.वह गांधी परिवार के वफादार रहे और अंत तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भरोसेमंद पार्टी के कार्यकर्ता रहे.
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से तीसरे दिन पूछताछ की जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लेनदेन की जिम्मेदारी पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा पर डाल दी है. ईडी ने सोनिया गांधी से अब तक 8 घंटे की पूछताछ में करीब 55 सवालों पर बयान दर्ज करा चुकी है.
सोनिया गांधी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक और यंग इंडिया द्वारा अन्य प्रकाशनों की संपत्ति के अधिग्रहण के संबंध में लेन-देन की व्याख्या करने में असमर्थता व्यक्त की है. मालूम हो कि इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बहुमत में हिस्सेदारी है. इस मामले में सोनिया गांधी से दो दिन तक पूछताछ की गई है. जबकि जांच एजेंसी ने मामले को लेकर पार्टी अध्यक्ष से 55 सवालों पर पूछताछ की है.
राहुल गांधी ने भी लिया मोतीलाल वोरा का नाम
इससे पहले राहुल गांधी से भी ईडी ने इस मामले में पूछताछ की थी. सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने भी कहा था कि मोतीलाल वोरा को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण के विवरण के बारे में जानकारी थी.
आइए जानते हैं कौन हैं मोतीलाल वोरा जिनका हेराल्ड केस में नाम आया है. कांग्रेस में गांधीवादी नेताओं में अंतिम मोतीलाल वोरा लंबे समय से पार्टी के पहले परिवार के विश्वासपात्र थे. उन्होंने पार्टी और व्यक्तित्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ लगभग पांच दशकों तक राज्य और राष्ट्रीय राजनीति की उथल-पुथल को झेला. वोरा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल थे. रिपोर्टों के अनुसार, जनवरी 2008 में, कर्मचारी संघ और तत्कालीन एआईसीसी कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने जनवरी 2008 में एजेएल समूह के नेशनल हेराल्ड अखबार को बंद करने की घोषणा करने वाले समझौते पर सह-हस्ताक्षर किए थे. कांग्रेस के मोतीलाल वोरा का दिसंबर 2020 में निधन हो गया था और ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में भी उनसे पूछताछ की थी. वह बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद के युग में अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल भी थे. वोरा एक समाजवादी नेता थे और शुरुआत में समाजवादी पार्टी में थे. उन्हें कार्यकर्ता “बाबूजी” कहते थे, उन्हें पीपुल्स मैन माना जाता था और उन तक पहुंचना सभी के लिए सुलभ था. वह गांधी परिवार के वफादार रहे और अंत तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भरोसेमंद पार्टी के कार्यकर्ता रहे. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के मुताबिक वोरा एक ऐसे नेता थे जो पार्टी में अपने कार्यकाल के दौरान हर दिन एआईसीसी कार्यालय में बैठते थे. वोरा एक सर्वोत्कृष्ट कांग्रेसी थे. वह 18 साल तक अपनी पार्टी के साथियों में सबसे लंबे समय तक एआईसीसी के कोषाध्यक्ष रहे.
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Tags: ED, Motilal Vora, National herald, Rahul Gandi, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 12:52 IST