लोकसभा रिजल्ट का असर किसानों की मांग के आगे झुकी सरकार ड्रीम प्रोजेक्ट रद्द

शक्तिपीठ हाईवे को रद्द करने के लिए कोल्हापुर में सभी पार्टियों के नेताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया. इसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भी भाग लिया.

लोकसभा रिजल्ट का असर किसानों की मांग के आगे झुकी सरकार ड्रीम प्रोजेक्ट रद्द
लोकसभा चुनाव में लगे झटके के बाद किसानों की मांग के आगे महाराष्ट्र की एनडीए सरकार झुक गई है. उसने अपनी एक ड्रीम प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. कोल्हापुर के किसान इस प्रोजेक्ट का भारी विरोध कर रहे थे. बुधवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने ड्रीम प्रोजेक्ट शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे को रद्द करने की घोषणा की. एक्सप्रेस-वे की अधिसूचना रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव सौंपा गया था. आगामी विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह नुकसान न हो, इसके लिए सरकार ने एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट रद्द कर सतर्क कदम उठाया है. शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे को रद्द करने को लेकर कोल्हापुर में सभी पार्टियों के नेताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया. इसमें किसानों की बड़ी भागीदारी रही. यहां तक ​​कि सत्ताधारी दल के नेता भी इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे. आखिरकार सरकार को जनमत के आगे झुकना पड़ा और शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे को रद्द करने का फैसला लेना पड़ा. किसानों के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे का भूमि अधिग्रहण रोक दिया था. शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे की पहचान महायुति सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में की गई थी. राज्य में शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे में 27 हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की योजना थी. 802 किमी लंबा ग्रीनफील्ड राजमार्ग नागपुर और गोवा के बीच एक सीधा लिंक था. चूंकि यह राजमार्ग राज्य के तीन शक्तिपीठों को जोड़ने वाला था, इसलिए इसका नाम शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे रखा गया. राज्य का सबसे लंबा सुपर एक्सप्रेस-वे वर्धा जिले से शुरू होकर यवतमाल, नांदेड़, धाराशिव होते हुए सिंधुदुर्ग तक पहुंचने की योजना थी. कोल्हापुर में भारी विरोध सरकार द्वारा एक्सप्रेस-वे की घोषणा के बाद कोल्हापुर में किसानों का भारी आक्रोश देखने को मिला. किसानों का कहना था कि हम जिस जमीन पर खेती करते हैं वह एक्सप्रेस-वे के लिए दे दी जाए तो हम क्या खाएंगे? हमारी आजीविका का साधन क्या है? ऐसे सवालों से उन्होंने सरकार को उलझाकर छोड़ दिया था. सभी दलों के नेताओं के नेतृत्व में हजारों किसानों ने आंदोलन में भाग लिया. अंततः जनमत के कारण सरकार को झुकना पड़ा. किसानों के गुस्से के बावजूद सरकार एक्सप्रेस-वे बनाने की कोशिश कर रही है, इसका अहसास होने पर कोल्हापुर की जनता ने वोटिंग के जरिए सत्ताधारियों को करारा झटका दिया. आगामी विधानसभा सिर पर है. कहा जा रहा है कि उस चुनाव में लोकसभा जैसी मार न पड़े इसके लिए महागंठबंधन सरकार ने हाईवे रद्द करने का फैसला लिया. Tags: Expressway New Proposal, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 21:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed