कांवड़ यात्रा पर निकला कलियुगी श्रवण कुमार बेटियों को कंधे पर उठाया
कांवड़ यात्रा पर निकला कलियुगी श्रवण कुमार बेटियों को कंधे पर उठाया
मुजफ्फरनगर में एक पिता ने लोगों के सामने मिसाल पेश कर दी है. जिस तरह सालों से आपने श्रवण कुमार की कहानी सुनी है, आने वाले समय में इस पिता को भी उसके कर्म की वजह से याद किया जाएगा.
विनेश पंवार/मुजफ्फरनगर: आपने श्रवण कुमार की कहानी तो सुनी ही होगी. आज के समय में भी लोग श्रवण कुमार की मिसाल देते हैं. इस बेटे ने अपने अंधे माता-पिता की तीर्थ यात्रा की कामना को पूरा किया था. इसके लिए उसने दोनों को अपने कंधे पर उठाकर पैदल ही यात्रा पूरी कर दी थी. जिस तरह से आदर्श बेटे के नाम पर श्रवण कुमार याद आते हैं, वैसे ही अब एक आदर्श पिता के नाम पर याद किया जाएगा मुजफ्फरनगर की सड़कों पर पैदल कांवड़ यात्रा पर निकला एक शख्स.
बेटियों को लेकर समाज में कई रूढ़िवादी सोच देखने और सुनने को मिली है. लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली, जो उन पुरानी रूढ़िवादी सोच को आईना दिखाने के लिए काफी है, जिसमें एक पिता अपनी दो नन्हीं बेटियों को दोनों कंधों पर लेकर हरिद्वार से कावड़ यात्रा पर निकला है. ये पिता अपनी इस यात्रा के दौरान बेटियों को कंधे पर उठाए रहेगा और फिर शिव को जलाभिषेक कर अपनी यात्रा समाप्त करेगा.
आस्था की नई तस्वीर
वैसे तो कांवड़ यात्रा के दौरान आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं लेकिन भगवान भोलेनाथ की प्रति आस्था के साथ-साथ समाज को आईना दिखाने वाली भी कई तस्वीर इस यात्रा में देखने को मिल रही है. ऐसी ही एक तस्वीर दिखी, जिसमें एक पिता अपनी दो नन्हीं बेटियों को कांवड़ की तरह कंधों पर बिठाकर हरिद्वार से गंगाजल लेने पहुंचा. वहां से जल भरकर मुजफ्फरनगर पहुंचे इस पिता को रास्ते में जिसने भी देखा, उसने सलाम किया. जहां समाज में बेटियों को आज भी कुछ लोग बोझ समझते हैं, वहां ये पिता हंसते हुए बेटियों को कंधे पर उठाकर आराम से चल रहा है.
पांच बच्चों के साथ कर रहा यात्रा
यह दंपत्ति अपने पांच बच्चों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकला है. कपल के बेटे माता-पिता के साथ पैदल यात्रा कर रहे हैं लेकिन पिता ने अपनी बेटियों को एक कदम चलने नहीं दिया. वो उन्हें कांवड़ की तरह कंधे पर उठाकर चल रहा है. इस साल ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिल रही है. कहीं कुछ बेटे अपने माता-पिता को कांवड़ में उठाए चलते नजर आ रहे हैं तो कहीं बेटियां ये पुण्य कर रही हैं. बेटियों के प्रति लाड-प्यार से भरी यह तस्वीर बहुत कुछ कहती है. बेटियों ने हर क्षेत्र में यह साबित कर दिया है कि वह बेटों से कम नहीं है. इस वजह से अब मां-बाप बभी उन्हें वैसा ही दर्जा दे रहे हैं.
Tags: Kanwar yatra, Khabre jara hatke, Muzaffarnagar city news, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 17:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed