नई दिल्ली. इन दिनों मल्टीविटामिन को लेकर लोगों के बीच खूब मांग बढ़ रही है. जबकि कई चिकित्सक मल्टीविटामिन गोलियों के सेवन करने से मना करते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मल्टीविटामिन गोलियां बेहतर स्वास्थ्य का शॉर्टकट नहीं हैं. अधिकांश डॉक्टर लोगों को पूरक आहार निर्धारित करने पर जोर देते हैं. नई दिल्ली स्थित श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की आंतरिक चिकित्सा सलाहकार डॉ मनीषा अरोड़ा ने बताया, “ऐसे मरीज़ हैं जो मुझे बिना किसी कारण के मल्टीविटामिन देने के लिए कहते हैं.” साथ ही उन्होंने कहा, “जब तक रिपोर्ट में कमी नहीं दिखाई देती, मैं सप्लीमेंट्स की सलाह नहीं देता. अन्यथा, यदि आप स्वस्थ आहार का पालन करते हैं, तो आप भोजन से सभी विटामिन और मिनरल्स प्राप्त कर सकते हैं.”
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि कोविड -19 के प्रकोप के बाद सनक और भी स्पष्ट हो गई है. “स्वस्थ लोग भी ऐसे कैप्सूल और सिरप मांगते हैं, यह मानते हुए कि यह उनके शरीर में एंटीबॉयोटिक बढ़ेगा और वह स्वस्थ रहेंगे.” कोई आश्चर्य नहीं कि भारतीयों ने 2020 में कोरोना से लड़ने के लिए विटामिन सी, जिंक और मल्टीविटामिन की 500 करोड़ से अधिक गोलियां खरीदीं. लेकिन, क्या हमें वास्तव में अपने शरीर को फिट और ठीक रखने के लिए मल्टीविटामिन का सेवन करने की आवश्यकता है? यह एक आम मिथक है जो 1970 के दशक से पैदा किया जा रहा है कि पुरानी बीमारियों को रोकने और स्वस्थ रहने के लिए सभी को मल्टीविटामिन का सेवन करना चाहिए. जो कि गलत है.
स्वास्थ्य में सुधार और बीमारियों को रोकने के लिए रोजाना एक मल्टीविटामिन का सेवन करना आबादी के बीच एक सामान्य समस्या है. फिर भी, एक मल्टीविटामिन टैबलेट या सिरप में क्या और कितने पोषक तत्व होने चाहिए. इसकी कोई मानक परिभाषा नहीं है. वास्तव में, दैनिक मल्टीविटामिन और मिनरल्स के सेवन का सुझाव देने के लिए कोई अच्छी गुणवत्ता वाला शोध डेटा नहीं है. हमारा शरीर हमारे द्वारा खाए जाने वाले सभी भोजन को एब्जॉर्व नहीं कर सकता है. हमारे शरीर द्वारा अवशोषित पोषक तत्वों की मात्रा की शारीरिक सीमाएं हैं.
उदाहरण के लिए, हमारा शरीर आमतौर पर शाकाहारी भोजन से 10% से अधिक आयरन एबजॉर्व नहीं कर सकता है. इसी तरह एक बार में केवल 20-25 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन एबजॉर्व होता है. मल्टीविटामिन के लिए भी यही नियम है. मानव शरीर उन सभी को अवशोषित नहीं कर सकता है और अतिरिक्त गोलियां खाने से हमारे बॉडी सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है. वास्तव में, प्रकाशित सहकर्मी-समीक्षित शोधों के मुताबिक स्वस्थ लोगों में दैनिक मल्टीविटामिन और विशिष्ट विटामिन का उपयोग संभवतः कैंसर सहित कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है.
भारत में मल्टीविटामिन का बाजार
भारत में इन दिनों मल्टीविटामिन की बिक्री तेजी से बढ़ी है. कोरोना काल के दौरान लोगों के बीच विटामिन सी और विटामिन डी की मांग भी खूब बढ़ी है. रिसर्च फर्म प्रोटो कंसल्ट के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में जहां बाजार में बिक्री की अवधि में गिरावट देखी गई, वहीं इस श्रेणी की बिक्री में वृद्धि हुई. प्रोंटो कंसल्ट द्वारा किए गए शोध में कहा गया है, “53 फीसदी खुदरा विक्रेताओं ने विटामिन डी, कैल्शियम, प्रोटीन पाउडर और जिंक की तैयारी में ब्रांडों की बिक्री में वृद्धि देखी है.
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Tags: Health NewsFIRST PUBLISHED : September 05, 2022, 18:54 IST