मोदी सरकार ने ड्रग्स माफियाओं पर कसा शिकंजा बीते 8 सालों में 25 गुना बढ़ी बरामदगी
मोदी सरकार ने ड्रग्स माफियाओं पर कसा शिकंजा बीते 8 सालों में 25 गुना बढ़ी बरामदगी
भारतीय सीमा से सटे कई राज्यों में संगठित ड्रग माफिया (Drug Smugglers in India) नारकोटिक्स जैसे हेरोइन, गांजा, अफीम, सिंथेटिक ड्रग में क्रिस्टल मेथामफेटामिन, सूडो इफएड्रीन, डब्लू वाई टैबलेट भरत के दूसरे हिस्सों में भेजते हैं. केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने भी माना है कि देश में ड्रग का खतरा बढ़ता जा रहा है और युवा इसके शिकार होते जा रहे हैं.
नई दिल्ली. मोदी सरकार ड्रग्स तस्करी (Drug Smuggling) रोकने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ‘ड्रग्स मुक्त भारत’ के आह्वान के बाद से ही गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) एक्शन में आई थी. बीते आठ सालों में गृह मंत्रालय ने अवैध ड्रग्स कारोबार से जुड़े सभी संबंधित जांच एजेंसियों को चाक चौबंद करने का काम किया है. अप्रासंगिक हो चुके कानूनों में सुधार किया और राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय को भी मजबूत किया. सभी राज्यों में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया. अब इसका असर दिखने लगा है. 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध तस्करी को लेकर बीते आठ सालों में जितना काम किया गया है उतना पहले कभी नहीं किया गया. गृह मंत्री ने ड्रग्स माफिया को साफ संदेश देते हुए कहा कि अब भारत को अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के जाल से निकालने की मुहिम चल पड़ी है.
आपको बता दें कि भारतीय सीमा से सटे कई राज्यों में संगठित ड्रग माफिया नारकोटिक्स जैसे हेरोइन, गांजा, अफीम, सिंथेटिक ड्रग में क्रिस्टल मेथामफेटामिन, सूडो इफएड्रीन, डब्लू वाई टैबलेट भरत के दूसरे हिस्सों में भेजते हैं. केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने भी माना है कि देश में ड्रग का खतरा बढ़ता जा रहा है और युवा इसके शिकार होते जा रहे हैं. इसलिए गृह मंत्रालय ने भी ड्रग्स के खिलाफ जंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. अब ड्रग्स के खिलाफ जंग में मोदी सरकार के साथ-साथ कई राज्यों जैसे मणिपुर, गुजरात, पंजाब और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों की व्यक्तिगत पहल ने ड्रग्स के खिलाफ इस जंग में धार डाल दी है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार के आठ सालों के दौरान हुई कार्रवाई को बताया.
संगठित ड्रग माफियाओं पर मोदी सरकार का एक्शन
मोदी सरकार के आठ सालों के दौरान हुई कार्रवाई की तुलना यदि उसके पहले के आठ वर्षों में हुई कार्रवाई से करें तो पकड़े गए ड्रग की मात्रा से लेकर तस्करों की गिरफ्तारी तक में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो मोदी सरकार से पहले के आठ सालों यानी 2006 से 2013 के बीच ड्रग तस्करी के कुल 1257 मामले ही दर्ज किए गए थे, लेकिन साल 2014 से 2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 तक पहुंच गया है. इस दौरान गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 260 प्रतिशत बढ़कर 1363 से 4,888 हो गई.
बीते आठ सालों में इतनी बरामदगी हुई
बीते आठ सालों में देश के बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर हेरोइन, कोकीन, केटामाइन, मेफेड्रोन जैसे ज्यादा घातक ड्रग अधिक मात्रा में पकड़े जा रहे हैं. अगर जब्त किए ड्र्ग की मात्रा की बात करें तो यह 1.52 लाख किलोग्राम से बढ़कर 3.33 लाख किलोग्राम लगभग दोगुनी हो गई. 2014 के पहले के आठ सालों में मार्फिन 71 किलोग्राम, हेरोइन 1606 किलोग्राम, केटामाइन 216 किलोग्राम की तुलना में 2014 के बाद मार्फिन 616 किलोग्राम, हेरोइन 3899 किलोग्राम और केटामाइन 784 किलोग्राम जब्त की गईं. इसी तरह ड्रग से जुड़े मामलों में 2014 के पहले के आठ सालों में 768 करोड़ रुपये की तुलना में 2014 के बाद 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती हुई है. मोदी सरकार की ड्रग्स के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति रही है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर मैं मोदी जी के ड्रग्स मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में लगे NCB के कर्मियों, NGOs व इससे जुड़े वालंटियर्स को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूँ। pic.twitter.com/E3WApWeyYY
— Amit Shah (@AmitShah) June 26, 2022
खास बात यह है कि मोदी सरकार के एक्शन में पहले जहां सिर्फ छोटे ड्रग सप्लायर पकड़े जाते थे, वहीं अब बड़े सप्लायर पर शिकंजा कसने लगा है. साथ ही डार्कनेट पर एन्क्रिप्टेड मैसेज और क्रिप्टोकैरेंसी वाले हाइटेक सप्लायर्स पर भी शिकंजा कसने लगा है. इसी साल अफगानिस्तान से भारत में बड़ी मात्रा में हेरोइन सप्लाई करने वाले कई बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ. इससे जुड़े दिल्ली के शाहीन बाग स्थित एक गोदाम से 1500 करोड़ रुपये की 150 किलोग्राम हेरोइन जब्त हुई. इसी तरह हैदराबाद में इंटरनेट फार्मेसी का भंडाफोड़ किया गया, जो अमेरिका तक डाक के मार्फत मादक द्रव्यों की सप्लाई करता था.
एमएचए ऐसे काम कर रही है
गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अब सभी एजेंसियों को सम्मिलत करते हुए नारको कोआर्डिनेशन सेंटर का गठन किया गया है. इसकी जिले में हर महीने और राज्य में तीन महीने में बैठक होती है. राष्ट्रीय स्तर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राज्य कोओर्डिनेशन सेंटरों के साथ समन्वय करता है. साथ ही सभी राज्यों को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या पुलिस निदेशक के नेतृत्व में नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठित करने को कहा गया है. यह टास्कफोर्स राज्य में नारको कोआर्डिनेशन सेंटर के लिए सचिवालय का भी काम करता है. इससे पूरे देश में ड्रग के खिलाफ लड़ाई को नई धार मिली है. साथ ही ड्रग तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो नया डाटाबेस तैयार कर रहा है. इसे सभी एजेंसियों के साथ शेयर किया जाएगा.
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कुलमिलाकर अब सभी राज्यों में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है. 24X7 नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर शुरू हो चुके हैं. राष्ट्रीय केनिन दस्ते का निर्माण किया गया है. देश के सभी प्रमुख जेलों में नशामुक्ति केंद्र खोले गए हैं. बेहतर समन्वय के लिए एनसीओआरडी पोर्टल https://pledge.mygov.in/fightagainstdrugabuse/ लॉन्च किया गया है, जिसका स्लोगन है Say Yes to Life, No to Drugs.
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Tags: Home Minister Amit Shah, MHA, Narcotics Control Bureau, Narcotics Department, PM ModiFIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 17:39 IST