Opinion: मोदी सरकार में खूब मिले रोजगार करोड़ों के चमके भाग

Modi Government: घरेलू शोध संस्थान स्कॉच की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में 51.40 करोड़ रोजगार मिले हैं. रिपोर्ट 80 केस अध्ययन पर आधारित है. इस रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है.

Opinion: मोदी सरकार में खूब मिले रोजगार करोड़ों के चमके भाग
नई दिल्ली: जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी नौकरी मिलना या रोजगार मिलना है. जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से वह युवाओं को रोजगार देने को लेकर काफी सक्रिय है. इस बात पर अब घरेलू शोध संस्थान स्कॉच की एक रिपोर्ट ने मुहर लगा दी है. सोमवार को इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में 51.40 करोड़ रोजगार मिले हैं. यह रिपोर्ट ‘मोदीनॉमिक्स का रोजगार सृजनात्मक प्रभाव: प्रतिमान में बदलाव’ शीर्षक से जारी किया गया है. रिपोर्ट 80 केस अध्ययन पर आधारित है. इस रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है. इसमें कर्ज लेने वाले उधारकर्ताओं और विभिन्न सरकारी योजनाओं के आंकड़ों को शामिल किया गया है. पढ़ें- Opinion: 15 दिन की ट्रेनिंग और ₹15 हजार सैलरी, मोदी सरकार की योजना से निहाल हो रहीं महिलाएं 2014 से 2024 में 51.40 करोड़ पैदा हुए रोजगार स्कॉच ग्रुप के बयान के अनुसार साल 2014-24 के दौरान कुल 51.40 करोड़ रोजगार पैदा हुए. इसमें से 19.79 करोड़ रोजगार सरकार के इनडायरेक्ट रोल की वजह से पैदा हुए हैं. शेष 31.61 करोड़ रोजगार में लोन की मदद से खड़े हुए बिजनेस से पैदा हुए रोजगार का योगदान है. बता दें कि स्कॉच ग्रुप सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर काम करने वाला एक घरेलू शोध संस्थान है. यह साल 1997 से ही समावेशी विकास पर काम कर रहा है. औसतन कितना रोजगार? बयान के अनुसार अध्धयन माइक्रो लेवल के कर्ज का इस्तेमाल स्थिर और टिकाऊ रोजगार पैदा के लिए किया जा रहा है. स्कॉच ग्रुप के चेयरमैन और इस रिपोर्ट के लेखक समीर कोचर ने एक बयान में कहा कि हमने अपने दौरों में 80 केस स्टडी के दस्तावेज जुटाए हैं. इसमें कर्ज लेने वाले कई व्यक्तियों को शामिल किया गया है और एक कर्ज राशि पर औसतन 6.6 एवरेज रोजगार पैदा हुए हैं. समीर कोचर ने बयान में आगे बताया कि अध्ययन में साल 2014 से 2024 की अवधि में ऋण-आधारित हस्तक्षेपों और सरकार-आधारित हस्तक्षेपों का अध्ययन किया गया है. जहां ऋण-आधारित हस्तक्षेपों ने प्रति वर्ष औसतन 3.16 करोड़ रोजगार जोड़े हैं, वहीं सरकार-आधारित हस्तक्षेपों से 1.98 करोड़ रोजगार पैदा हुए हैं. Tags: Employment, Modi government, OpinionFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 07:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed