कहां हैं पं छन्नूलाल मिश्र कभी इस संगीतकार का खुद PM मोदी पूछते थे हाल अब

शास्त्रीय संगीत से पं. छन्नूलाल मिश्र ने लोगों के दिलों में जगह बनाई. आज वह गुमनामी की जिदंगी जीने के लिए मजबूर हो गए हैं. वजह उनकी द्वारा बनाई गई संपत्ति है. संपत्ति के लिए उनके एकलौते बेटे राम कुमार ने उनका साथ छोड़ दिया

कहां हैं पं छन्नूलाल मिश्र कभी इस संगीतकार का खुद PM मोदी पूछते थे हाल अब
मिर्जापुर : “जो मेरा फर्ज था हमने पूरा किया, अगर खुदा भूल जाएं तो मैं क्या करूं”. ये दुख भरे शब्द प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार पं. छन्नूलाल मिश्र के हैं. संगीतकार पं. छन्नूलाल मिश्र को पद्म भूषण और पद्म विभूषण दोनों सम्मान से नवाजा जा चुका है. आज वह गुमनामी की जिदंगी जीने को मजबूर है. वह बेटी के घर रह रहे हैं. बेटा भी उनका ध्यान नहीं दे रहा है. आजमगढ़ के रहने वाले पंडित छन्नूलाल मिश्र ने वाराणसी को अपना कर्मभूमि बनाया था. वहीं रहकर शास्त्रीय संगीत में महारथ हासिल की. 2010 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया. वहीं, 2020 में उन्हें पदम् विभूषण से नवाजा गया. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव में प्रस्तावक बने थे. शास्त्रीय संगीत से पं. छन्नूलाल मिश्र ने लोगों के दिलों में जगह बनाई. आज वह गुमनामी की जिदंगी जीने के लिए मजबूर हो गए हैं. वजह उनकी द्वारा बनाई गई संपत्ति है. संपत्ति के लिए उनके एकलौते बेटे राम कुमार ने उनका साथ छोड़ दिया. 4 बेटियों में बड़ी बेटी का निधन हो चुका है और अनिता व ममता मिश्र की शादी हो गई है. सबसे छोटी बेटी नम्रता मिश्र केबीपीजी कॉलेज में संगीत विभाग में प्रोफेसर हैं. पं. छन्नूलाल मिश्र मिर्जापुर में सबसे छोटी बेटी नम्रता के घर पर रह रहे हैं. संपति के लिए बेटी कर रही है परेशान संगीतकार पं. छन्नूलाल मिश्र ने बताया कि लगभग 2 साल से मिर्जापुर जिले में रह रहे हैं. हमारी एक बेटी ममता मिश्रा है, वो नम्रता को संपत्ति के लिए धमकाती है. बेटा और पोते भी खिलाफ में बयान देते हैं. हमने पहले ही संपत्ति को बराबर बांट दिया था. अब मेरे पास कुछ भी शेष नहीं है. मैं कहा से कुछ दे पाऊंगा. संपत्ति को लेकर कागजों में बेटे-बेटियों ने उलझा हुए दिया है. नहीं मिली सरकार से जरूरी मदद पं. छन्नूलाल मिश्र ने कहा कि प्रशासन की ओर से मुझे जरूरी मदद नहीं मिली. हम एक बार कमिश्नर से भी मिले थे, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. संपत्ति को लेकर कोर्ट और कचहरी में उलझा दिया गया है. हमें जो उम्मीद थी, अपेक्षा के अनुसार मदद नहीं मिली. प्रधानमंत्री से हमें उम्मीद है. जो मेरा फर्ज था हमने पूरा किया, अगर खुदा भूल जाएं तो मैं क्या करूं. भाई और बहन हुए खिलाफ डॉ. नम्रता मिश्र ने बताया कि 2 साल से पं. छन्नूलाल मिश्र हमारे यहां रह रहे हैं. हम मथुरा में रहते थे. तीन वर्ष पूर्व हम मिर्जापुर में आ गए थे. संपत्ति को लेकर मेरी बड़ी बहन ममता मिश्र ने अडंगा लगा दिया है. हम लोगों को कोर्ट कचहरी में उलझा दिया है. भाई भी पिता का साथ छोड़कर मेरे खिलाफ हो गए हैं. Tags: Classical Music, Local18, Mirzapur news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 15:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed