क्या वायु प्रदूषण से मौत भी हो सकती है जान लें क्या है केंद्र सरकार का जवाब
क्या वायु प्रदूषण से मौत भी हो सकती है जान लें क्या है केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा कि वायु प्रदूषण और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर सामुदायिक स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए कई कार्यशालाएं और प्रशिक्षण आयोजित किए गए हैं.
हाइलाइट्स सर्दियों की दस्तक के साथ उत्तर भारत में प्रदूषण फैल जाता है. पराली और वाहनों के धुएं को इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है. केंद्र सरकार की तरफ से प्रदूषण से मौत पर जवाब दिया गया.
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हर साल लोगों को सर्दियों में भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. पूरा उत्तर भारत गैस-चैंबर में बदल जाता है. ऐसे में लोगों को सांस लेने में तकलीफ सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर्स कई मौकों पर इसे इसे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक भी बता चुके हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार क्या सोचती है. राज्यसभा में मंगलवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इसे लेकर जवाब दिया. पटेल ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौत और बीमारी के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है.
मंत्री जी ने एक लिखित उत्तर में कहा कि वायु प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों के लिए कारकों में से एक है. वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभाव कई चीजों पर निर्भर करते हैं, जिनमें किसी व्यक्तियों की खाने पीने की आदतें, व्यावसायिक आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास और इम्यूनिटी आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वायु प्रदूषण के मुद्दों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. आगे विस्तार से बताते हुए पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को स्वच्छ एलपीजी प्रदान करके उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना है.
मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य 2019 से देश में जलवायु के प्रति संवेदनशील स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता, क्षमता निर्माण, स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी और प्रतिक्रिया एवं साझेदारी से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है.
अब यह कार्यक्रम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल गया है और जलवायु के प्रति संवेदनशील बीमारियों पर प्रशिक्षण, तीव्र श्वसन संबंधी बीमारियों और गर्मी से संबंधित बीमारियों पर निगरानी, वायु प्रदूषण और गर्मी और बच्चों के स्वास्थ्य सहित स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों पर सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) का निर्माण और प्रसार जैसी गतिविधियांआयोजित की जाती हैं.
Tags: Air pollution, Air pollution delhi, Anupriya Patel, Health ministry, Rajya sabhaFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 17:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed