यहां भूसा नहीं ड्राई फ्रूट्स खाती हैं गाय प्पन भोग से भी होता है स्वागत
यहां भूसा नहीं ड्राई फ्रूट्स खाती हैं गाय प्पन भोग से भी होता है स्वागत
अक्षय पात्र प्रांगण में स्थित विलास कुंज गौशाला में गायों को भूसा नहीं बल्कि फल और ड्राई फ्रूट्स खिलाया जाता है. गौशाला 2004 से संचालित है. 350 गायों की सेवा यहां प्रतिदिन होती है.
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसी गौशाला संचालित है, जो यहां रहने वाले गौवंश का विशेष ख्याल रखती है. इस गौशाला में गायों को भूसा ही नहीं बल्कि फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स आहार में दिए जाते हैं. गौवंश के इस विशेष आहार को लेकर ये गौशाला अब चर्चाओं में है. जो भी इस गौशाला के बारे में पढ़ रहा है वो इसकी तारीफ कर रहा है.
भगवान श्रीकृष्ण की नित्य विहार स्थली श्रीधाम वृन्दावन के भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर की विलास कुंज गौशाला अपनी गौ सेवा को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इस गौशाला में रहने वाली गौवंश का विशेष ध्यान रखा जाता है. गौशाला में साफ सफाई, गौवंश का टीकाकरण, गौवंश के लिए विशेष आहार उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है.
जहां गौवंश का दूध न देने की स्तिथि में किसानों द्वारा तिरस्कार किया जा रहा है. वहीं यह गौशाला गौमाता के रख रखाव को लेकर चर्चा में है. ब्रज का एक अर्थ गोष्ठ अर्थात गौशाला अर्थात गायों का निवास स्थान होता था. नंद बाबा के पास 9 लाख 30 हजार गौवंश था. जिन्हें कभी रस्सी से बांधा नहीं जाता था. उसी प्रकार विलास कंज गौशाला गौवंश के गौवंश को बंधन से मुक्त रखा जाता है. इस गौशाला के गौवंश को दलिया, हरा चारा, मौसमी फल आदि समय समय पर उपलब्ध कराया जाता है. इसके अतिरिक्त गौमाता को 56 भोग सेवा अर्पित करने वाली यह पहली गौशाला है.
2004 से संचालित है विलास गौशाला
अक्षय पात्र मंदिर के मीडिया प्रभारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि यहाँ की गौशाला सबसे अलग है. विलास कुंज गौशाला में गायों को माता की तरह ही रखा जाता है. हम जो अपनी माता की सेवा करते हैं उसी प्रकार से उनकी भी सेवा की जाती है. अभिषेक बताते हैं कि गौशाला में करीब 350 गौवंश हैं. इनके आहार में हम लोग इन्हें भरपूर मात्रा में तरबूज, केला, ककड़ी, किसमिस, काजू, बादाम दिया जाता है. गौशाला 2004 से संचालित है. 350 गायों की सेवा यहाँ प्रतिदिन होती है. 4000 किलो ग्राम फ्रूट्स खिलाते हैं.
छप्पन भोग भी खाती हैं गाय
मंदिर के मीडिया प्रभारी अभिषेक ने ये भी बताया कि यहां आने वाले भक्त पैसे डोनेट करते हैं, तो हम उनसे पैसे न लेकर उन्हें गायों के आहार के लिए प्रेरित करते हैं. भक्त अपने मन से फ्रूट्स का आहार यहां गौशाला में दान देते रहते हैं. उन्होंने बताया कि गौशाला से लोग प्रेरित होकर जाते हैं, तो वो अपने सगे सम्बंधियों को भी गौशाला में दान के लिए प्रेरित करते हैं. अभिषेक ने बताया कि अलग-अलग आयोजनों पर गौवंश को छप्पन भोग भी खिलाते हैं.
Tags: Local18, Mathura newsFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 13:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed