झुग्गी- झोपड़ी में समाजसेवी चला रहे निःशुल्क बच्चों की पाठशाला

Mathura News: मथुरा के एक समाजसेवी सड़क किनारे झुग्गी-झोपडी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए एक पाठशाला चलाते हैं. यह पाठशाला जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल के नाम से जानी जाती है. जहां गरीबों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है.

झुग्गी- झोपड़ी में समाजसेवी चला रहे निःशुल्क बच्चों की पाठशाला
निर्मल कुमार/मथुरा: उत्तर प्रदेश के बलिया में एक समाजसेवी द्वारा एक स्ट्रीट स्कूल का संचालन कर 300 बच्चों को शिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है. वह झोपडी और झुग्गी में रहने वाले बच्चों का भविष्य बनाने में लगे हुए हैं. उनके इस कार्य की चारों तरफ प्रशंसा की जा रही है. गरीब बच्चों का भविष्य सुधारने जुटे बता दें कि स्ट्रीट स्कूल फॉर चिल्ड्रेन के संचालक सतीश बच्चों के मसीहा बने हुए हैं. वह सैकड़ों बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर उनका भविष्य सुधारने में लगे हुए हैं. वह अपने निजी खर्चे और लोगों की मदद से  स्कूल का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चों के सभी अधिकार सुरक्षित रहे तथा सभी राजनीतिक दल बच्चों के मुद्दों पर प्राथमिकता से काम करें. इस दिशा में अनूठी पहल करते हुए बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं जस्टिस फॉर चिल्ड्रन एंड वूमेन समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने सभी प्रत्याशियों एवं दलों को बाल केंद्रित विकास करने एवं बाल अधिकारों को अपने एजेंडे एवं घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए का आग्रह किया है. साथ ही बच्चों के हित में काम करने की बात कही. पिता से मिली प्रेरणा मथुरा जिले के ग्राम पचहरा में 12 नवंबर सन 1973 को जन्मे सतीश चंद्र शर्मा छात्र जीवन से ही युवक मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र तथा युवावस्था में नागरिक सुरक्षा संगठन एवं अन्य विभिन्न संस्थाओं से जुड़ कर मथुरा में सामाजिक सेवा एवं बाल अधिकारों के लिए कार्य कर रहे हैं. सामाजिक कार्यों के लिए साल 2005 -2006 में जिलाधिकारी मथुरा द्वारा जिला युवा उत्सव उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्ष 2010 से वर्ष 2016 तक बाल कल्याण समिति मथुरा में सदस्य के रूप में कार्य कर 2000 से ज्यादा देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले का निस्तारण कराया. जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल की स्थापना सतीश चंद्र शर्मा ने सड़क किनारे रहने वाले झुग्गी-झोपड़ियों और रेलवे स्टेशन या मलिन बस्तियों के बच्चों को जो कूड़ा कबाड़ा बिनने, रेलवे प्लेटफार्म बस स्टैंड पर भिक्षावृत्ति या बालश्रम करने वाले तथा ऐसे बच्चे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे बच्चों को जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से शिक्षा संस्कार एवं उसकी मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल की 2008 में स्थापना की. बच्चों को खेलकूद प्रतियोगिता में करते हैं शामिल जहां शिक्षा के साथ-साथ सफाई, खेल-खेलकूद के साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों से बच्चों को जोड़ रहे हैं.  इसके साथ ही सभी राष्ट्रीय त्यौहार बच्चों के बीच ही मनाते हैं. वहीं, इन बच्चों के कल्याण के लिए सतीश चंद्र शर्मा की सामाजिक सेवाओं को देखते हुए डॉक्टर अंबेडकर संस्था द्वारा ब्रज रत्न जू वेलफेयर संस्था द्वारा बाल अधिकार के लिए कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया. सतीश चंद्र शर्मा बाल संरक्षण के क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता हैं. कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करते हैं. शोषण के शिकार बच्चों की विधिक मदद करते हैं तथा बच्चों के विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहे हैं. सतीश चंद्र शर्मा कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों जैसे रेलवे प्लेटफार्म पर पाए जाने वाले बच्चों, घर से भागे हुए बच्चों, नशे के आदी बच्चों के लिए भी कार्य करते हैं. बाल श्रम उन्मूलन समिति के हैं सदस्य इसके साथ ही बाल कल्याण समिति एवं बाल गृहों के माध्यम से ऐसे बच्चों को उनके पुनर्वासन करने और उनके परिवार में उन्हें पुनः मिलवाने का कार्य करते हैं. बच्चों के अधिकार कल्याण व संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रहे है, जस्टिस फॉर चिल्ड्रन एंड वूमेन सोसायटी के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा जिला बाल श्रम उन्मूलन समिति बधुआ मजदूरी सतर्कता समिति के भी सदस्य हैं. जिला बाल शिकायत निवारण परामर्श एवं अनुसंधान समिति के भी सदस्य हैं. वन स्टॉप जिला संचालन समिति के भी सदस्य हैं. वर्ष 2010 से लगातार 7 वर्ष बाल कल्याण समिति मथुरा के सदस्य के रूप में 2500 से ज्यादा देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के केसों का निस्तारण करने में सहयोग किया. वर्तमान में किशोर न्याय बोर्ड मथुरा के सदस्य हैं. भविष्य के लक्ष्य और सपने 1. ईंट भट्टों एवं निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के बच्चो के लिए स्कूल ऑन व्हील्स ताकि उन्हें उनके कार्य स्थलो पर ही जाकर पढ़ाया जा सके. 2. घुमंतु जातियों एवं अप्रवासी मजदूरों के बच्चो के लिए आवासीय विद्यालय की स्थापना. 3. बाल मित्र जनपद बनाने के लिए पूरे जनपद में बाल मित्र समितियों का गठन. 4.भय अपराध एवम नशा मुक्त बचपन. 5. आर्थिक अभाव के कारण कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. जुड़ता गया कारवां समाज के निर्धन और निरक्षर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने वाले और उन्हें संस्कारित करने में लगे हैं. बाल अधिकार कार्यकर्ता सतीश चंद्र शर्मा जब इन बच्चों को कूड़ा बिनते भिक्षावृत्ति करते नशा करते आपस में लड़ते झगड़ते और अपना पूरा समय आवारागर्दी में नष्ट करते हुए देखते हैं, तो उन्हें उनकी की झोपड़िया में जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क केंद्र संचालित कर उन्हें शिक्षा संस्कार एवं समाज की मुख्य धारा से जोडना संस्कारों को पलवित करना होता है. इसके साथ ही उनके माता-पिता में यह सोच पैदा कर पाना की पढ़ने लिखने का अर्थ मात्र नौकरी पाना नहीं जीवन जीने की कला सीखना है. माता-पिता में यह सोच पैदा करना कि बच्चों के साफ-सफाई, साफ कपड़े पहनना नहाना शरीर की सफाई और पढ़ना कितना जरूरी है. यही जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क शिक्षा केन्द्रों की सबसे बड़ी सफलता है. यह बच्चे गंदे कपड़े पहनकर असभ्य भाषा बोलने, गंदी आदतों के शिकार होते हैं. क्योंकि माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, तो जल्दी सुबह जाकर देर रात झोपड़ियों में लौटते हैं. बच्चों को दिलाते हैं शिक्षा यह बच्चे माता-पिता के घर से निकलने के बाद गलियों में आवारा घूमते भिक्षावृत्ति करते कबाड़ बिनते फिरते हैं. अपने छोटे भाई बहनों को संभालते हैं. उनकी शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. मुझसे अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं कि आखिर आपके यहां से बच्चे निकल कर स्कूल में पढ़ेंगे. क्या आगे की शिक्षा जारी रख पाएंगे, नौकरी मिलेगी, मेरा उत्तर यही होता है. बच्चे के अंदर अच्छे और बुरे की पहचान विकसित हो सके दूसरों के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बन सकें. बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का कार्य साल 2008 से झुग्गी झोपड़ियों, मलिन बस्तियों में जरूरतमंद बच्चों में शिक्षा एवं संस्कार की अलख जगा रहे सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि वह चाहते हैं कि आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के सभी बच्चे शिक्षित हों, यही उनका सपना है. मजदूरों के बच्चों को करते हैं पढ़ाई के लिए प्रेरित बता दें कि सतीश चंद्र शर्मा ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा एवं समाजशास्त्र में परस्नातक की डिग्री हासिल की है. बचपन से ही अपने गांव पचहरा के मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उनके माता पिता को प्रेरित करने वाले अपने पिताजी कैलाश चंद्र रावत प्रधानाचार्य से प्रेरित हैं. सतीश चंद्र शर्मा कई वर्ष पूर्व सड़क पर एक ही उम्र के 2 बच्चों के दृश्य जिसमे एक बच्चे के कंधों पर किताब का थैला एवं दूसरे के कंधे पर कबाड़ का थैला देखा था. इसके अलावा कभी एक बच्चे के हाथ में भीख का कटोरा एवं एक के हाथ में कलम को देखकर मन उद्वेलित हो गया था. 35 बच्चों से शुरू किया था अभियान साल 2008 में झुग्गी झोपड़ियों में स्ट्रीट स्कूल की परिकल्पना को जन्म दिया. साथ ही साल 2008 में मथुरा हाइवे स्थित नवादा झुग्गी बस्ती में 35 बच्चों से स्ट्रीट टू स्कूल अभियान को शुरू किया. सड़क किनारे मालिन बस्तियों झुग्गी झोपड़ियो में रहने वाले अप्रवासी एवं गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ा. बच्चों को मिलेगा निःशुल्क इलाज सतीश चंद्र शर्मा द्वारा संचालित जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क शिक्षा केंद्रों के गोपाल नगर, लाजपतनगर ट्रांसपोर्ट नगर पन्ना पोखर सेंटर्स के माध्यम से 300 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार एवं समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. इन सभी बच्चों को सरकारी एवं निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाता है. जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन स्ट्रीट स्कूल में निः शुल्क सेंटर पर पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा संस्कार के साथ-साथ उन्हें विभिन्न विधाओं में पारंगत करने के लिए जैसे खेलकूद डांस जूडो कराटे एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी शामिल किया जाता है. इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य का देखभाल करने के लिए डॉक्टरों की मदद से उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जाता है. जिससे उन्हें अन्य सभी बच्चों की तरह मौके एवं अवसर प्राप्त हो और वह बड़े होकर समाज के एवं देश के जिम्मेदार नागरिक बनें. गुड टच बेड टच के बारे में दी गई जानकारी जस्टिस फॉर चिल्ड्रन एंड वूमेन सोसायटी के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा द्वारा बाल अधिकारों के लिए विभिन्न प्रकल्प एवं कार्यक्रमों का सतत रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसमें बच्चों को गुड टच बेड टच के बारे में जागरूक करना बाल श्रम एवं भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूकता अभियान कार्यक्रम नशा एवं बाल श्रम मुक्त बचपन अभियान, भय मुक्त शिक्षा अभियान, खिलौना एवं बुक बैंक ,चरण पादुका अभियान एवं लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई कढ़ाई केंद्र का संचालन किया जा रहा है. वर्तमान में 16 वॉलंटर्स वर्तमान में 16 वॉलंटियर्स जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क शिक्षा केन्द्रों के 5 सेंटर्स पर अपनी निःशुल्क सेवाए दे रहे हैं. बाल अधिकार कार्यकर्ता सतीश चंद्र शर्मा विभिन्न समितियों में सदस्य के तौर पर जिला बाल कल्याण समिति, जिला बाल श्रम उन्मूलन समिति, जिला बंधुआ श्रम सतर्कता समिति ,जिला श्रम बंधु समिति किशोर न्याय बोर्ड,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बच्चों एवं जरूरतमंदों को अधिकार दिलाने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में सतीश चंद्र शर्मा के साथ कुमारी तन्नू चौहान, सीमा शर्मा , कुमकुम राजपूत, निशा कुमारी, गौरी राजपूत, पियूष कुमार ,मोनू राजपूत, नरेंद्र सिंह , पुष्पा सिंह, झलक चौहान सत्यम सिंह योगेश भारद्वाज पूजा सिंह प्रीति सिंह भारती सिंह आदि स्वंयसेवक सेवा कार्य कर रहे है. Tags: Local18, Mathura hindi news, Mathura news, UP latest news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 11:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed