मथुरा जिला अस्पताल में 60 लाख की IPHL लैब तैयार ये 3 महंगे टेस्ट बिल्कुल फ्री
मथुरा जिला अस्पताल में 60 लाख की IPHL लैब तैयार ये 3 महंगे टेस्ट बिल्कुल फ्री
महर्षि दयानंद सरस्वती जिला अस्पताल के सीएमएस मुकुंद बंसल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में भारत सरकार के उपक्रम के अनुसार एक लैब तैयार कराई गई है. आम जांचों के अलावा IPHL लैब में सिकल सेल एनीमिया, हीमोफिरिया और थैलेसीमिया की जांच भी कराई जाएगी.
मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा में महर्षि दयानंद सरस्वती जिला अस्पताल में जल्द ही IPHL लैब शुरू होगी. 60 लाख रुपये की लागत से इस लैब को तैयार किया गया है. तीन बीमारियों की महंगी जांच इस लैब के माध्यम से निशुल्क होगी. आम जनमानस के लिए इस लैब को जल्द ही जिला अस्पताल में शुरू किया जाएगा. IPHL लैब का कार्य पूरा हो चुका है. आम जनमानस कई प्रकार की जांचों के साथ-साथ इन तीन बड़ी बीमारियों की जांच भी फ्री करा सकेंगे. जनता के लिए यह लैब जल्द ही शुरू होने वाली है. तीन महंगी जांचों को जिला अस्पताल में फ्री कराया जाएगा.
महर्षि दयानंद सरस्वती जिला अस्पताल के सीएमएस मुकुंद बंसल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में भारत सरकार के उपक्रम के अनुसार एक लैब तैयार कराई गई है. आम जांचों के अलावा IPHL लैब में सिकल सेल एनीमिया, हीमोफिरिया और थैलेसीमिया की जांच भी कराई जाएगी. ये तीन जांचें आप बाहर किसी हॉस्पिटल में कराते हैं, तो काफी खर्च आता है. अस्पताल में सभी जांचें निःशुल्क होंगी.
सिकल सेल एनीमिया
विकारों का समूह जिसके कारण लाल रक्त कोशिकाएं विकृत और टूट जाती हैं. सिकल सेल रोग में एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में जाने वाले विकारों के समूह में लाल रक्त कोशिकाएं हंसिया के आकार में बन जाती हैं. कोशिकाएं जल्दी नष्ट हो जाती हैं, जिससे स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है और नसों में खून का बहाव भी रुक सकता है, जिससे दर्द होता है.
हीमोफिरिया
ऐसा विकार जिसमें रक्त का थक्का सामान्य रूप से नहीं बनता है. जब खून ठीक से नहीं जम पाता, तो चोट लगने के बाद शरीर के बाहर या अंदर बहुत ज्यादा खून बहता है. लक्षणों में शामिल हैं कई बड़े या गहरे घाव, जोड़ों का दर्द और सूजन, बिना किसी स्पष्ट वजह से खून बहना और पेशाब या मल में खून आना.
थैलेसीमिया
खून का एक विकार जिसमें ऑक्सीजन वाहक प्रोटीन सामान्य से कम मात्रा में होते हैं. थैलेसीमिया एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली खून संबंधी बीमारी है, जो शरीर में सामान्य के मुकाबले कम ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन (हीमोग्लोबिन) और कम संख्या में लाल रक्त कोशिकाओं से पहचानी जाती है.
Tags: Local18, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 23:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed