उग्रसेन के कितने बेटे-बेटी थे कंस कितने भाई-बहनों से था बड़ा जानिए इतिहास

मथुरा को भगवान श्री कृष्ण की नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन मामा कंस का इस नगरी पर शासन काल रहा है. मामा कंस ने मथुरा नगरी पर राज करने के साथ-साथ यहां बृज वालों पर भी अत्याचार कम नहीं किया. बृजवासी अत्याचार से दु:खी थे और श्री कृष्ण ने मामा कंस का वध करने के लिए जन्म लिया.

उग्रसेन के कितने बेटे-बेटी थे कंस कितने भाई-बहनों से था बड़ा जानिए इतिहास
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा:- भगवान श्री कृष्ण की नगरी को मामा कंस की राजधानी के नाम से जाना जाता है. मामा कंस का वध करने के बाद अग्रसेन को पुनः राजा बनाया गया. क्या आपको पता है कि कंस के कितने भाई बहन थे. अगर आपको नहीं पता, तो हम आपको बताते हैं कि कंस के कितने भाई-बहन थे और कंस कितने भाइयों से बड़ा था. उग्रसेन के थे इतने पुत्र मथुरा को भगवान श्री कृष्ण की नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन मामा कंस का इस नगरी पर शासन काल रहा है. मामा कंस ने मथुरा नगरी पर राज करने के साथ-साथ यहां बृज वालों पर भी अत्याचार कम नहीं किया. बृजवासी अत्याचार से दु:खी थे और श्री कृष्ण ने मामा कंस का वध करने के लिए जन्म लिया. क्या आप जानते हैं कि मामा कंस के कितने भाई-बहन थे. अगर आप नहीं जानते हैं, तो लोकल 18 आपको बताने वाला है कि मामा कंस के कितने भाई-बहन थे और कंस के वध के बाद किन्हें मथुरा का राजा नियुक्त किया गया था. कंस का वध करने के पश्चात कृष्ण और बलदेव ने कंस के पिता उग्रसेन को पुन: राजा बना दिया. उग्रसेन के 9 पुत्र थे, उनमें कंस ज्येष्ठ था. उनके भाईयों में न्यग्रोध, सुनामा, कंक, शंकु अजभू, राष्ट्रपाल, युद्धमुष्टि और सुमुष्टिद नाम शामिल था. उनके कंसा, कंसवती, सतन्तू, राष्ट्रपाली और कंका नाम की 5 बहनें थीं. अपनी संतानों सहित उग्रसेन कुकुर-वंश में उत्पन्न हुए और उन्होंने व्रजनाभ के शासन संभालने के पूर्व तक राज किया. कंस वध के बाद मिली थी बृजवासियों को मुक्ति मामा कंस को जब यह पता चला कि उनके भांजे गोकुल में जन्म ले चुके हैं, तो उन्होंने अपने भांजे को मथुरा आने का निमंत्रण दिया. मां के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए कृष्ण और बलराम मथुरा पहुंचे. यहां उन्होंने कई राक्षसों से लड़ाई लड़ी. अंत में मामा कंस का वध श्रीकृष्ण ने किया. मथुरा वासियों को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. Tags: Dharma Aastha, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 15:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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