इस प्याज की कचौड़ी का स्वाद है बेहद ही लाजवाब दोबारा खाने को हो जाएंगे मजबूर
इस प्याज की कचौड़ी का स्वाद है बेहद ही लाजवाब दोबारा खाने को हो जाएंगे मजबूर
Mathura Onion Kachori: मथुरा के यूनाइटेड कैंटीन में प्याज की कचौड़ी का स्वाद लेने के लिए हर दिन लोगों की भीड़ लगी रहती है. दुकानदार ने बताया कि एक दिन में वह लगभग 800 कचौड़ियों को बेच देता है.
निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा के डैंपियर नगर स्थित कैंटीन की प्याज की कचौड़ी के लोग बेहद ही दीवाने हैं. यहां प्याज की कचौड़ी कढ़ाई से निकलते ही चट हो जाती हैं. जहां सैकड़ों कचौड़ी चंद घंटे में ही ग्राहक खा जाते हैं. यह दुकान करीब 32 साल पुरानी है. बता दें कि प्याज की कचौड़ियों की शुरुआत सन 2000 में हुई थी.
प्रतिदिन 800 प्लेट कचौड़ी होती है सेल
मथुरा में 24 साल पहले शुरू हुई प्याज की कचौड़ी आज लोगों के दिलों पर राज कर रही है. यहां प्याज की कचौड़ी बेहद ही स्वादिष्ट और लजीज बनती है. सुबह होते ही यहां कचौड़ी खाने के शौकीन लोग इकट्ठा हो जाते हैं. यहां की प्याज की कचौड़ी और एकदम पतली आलू की सब्जी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
यहां आलू की सब्जी को खाया नहीं बल्कि पिया जाता है. बता दें कि कचौड़ी के साथ ही यह सब्जी अपने स्वाद को दोगुना कर देती है. डैंपियर नगर की यूनाइटेड कैंटीन में प्याज की कचौड़ी खाने वालों का तांता लगा रहता है. खाने के साथ-साथ यहां की प्याज की कचौड़ी को लोग पैक कराकर घर भी ले जाते हैं.
दुकान है 32 साल पुरानी
यूनाइटेड कैंटीन संचालक नचिकेता गुप्ता ने बताया कि उनकी यह दुकान 32 साल पुरानी है. सन 2000 से प्याज की कचौड़ी वह लोग बनाकर बेच रहे हैं. 24 साल से लगभग प्याज की कचौड़ी लोगों को पसंद भी आ रही है. उन्होंने बताया कि इस दुकान की शुरुआत उनके पिता जी ने की थी. उनके पिता जी खाना बनाने और नए-नए एक्सपेरिमेंट करने के बेहद ही शौकीन थे.
नचिकेता गुप्ता ने यह भी बताया कि उनकी दुकान से लगभग 800 कचौड़ी प्रतिदिन निकल जाती है. यहां सुबह 6:30 बजे से दुकान खोल दी जाती है और शाम को 10:30 बजे तक दुकान खुली रहती है. जहां प्याज की कचौड़ी सुबह 10:00 से और दोपहर 2:00 तक बेची जाती है.
बेहद टेस्टी है यहां की प्याज कचौड़ी
यहां दुकान पर प्याज की कचौड़ियों का स्वाद लेने आए पवन नाम के ग्राहक ने बताया कि वह पिछले 2 साल से यहां की कचौड़ी खा रहे हैं. यहां की कचौड़ी इतनी टेस्टी है कि बिना खाए दिन की शुरुआत नहीं होती. यहां हर दिन कचौड़ी खाने के लिए आना होता है. सरसों के तेल में यहां लोग कचौड़ी बनाते हैं. इनकी कचौड़ी खाने से ऐसा नहीं लगता कि कुछ खाया है. यहां की कचौड़ी में कोई नुकसान भी नहीं है.
Tags: Local18, Mathura hindi news, Mathura newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 13:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed